इलेक्ट्रिशियन पिता ने नहीं, इस कोच ने तिलक वर्मा की जिंदगी बदल कर रख दी, जानें संघर्ष की दास्ता

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एशिया कप फाइनल में खेली गई नाबाद 69 रनों की पारी ने तिलक वर्मा को भारत में ‘सुपरस्टार’ का दर्जा दिलाया है. पाकिस्तान के खिलाफ दबाव भरे मैच में उन्होंने संयम दिखाते हुए टीम इंडिया को चैंपियन बनाकर ही दम लिया. आज तिलक टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी बन गए हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं की उन्होंने क्रिकेट में इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बहुत मुश्किलों का सामना किया है. पिता बिजली का काम किया करते थे, जिनका तिलक को ज्यादा सपोर्ट नहीं मिल रहा था.

हैदराबाद में जन्मे तिलक वर्मा के घर की हालत ज्यादा अच्छी नहीं हुआ करती थी. पिता, नम्बूरी नागाराजू पेशे से इलेक्ट्रिशियन का काम किया करते थे, और मां गायत्री देवी गृहिणी हैं. बचपन से ही तिलक को क्रिकेट से बहुत लगाव रहा है. नम्बूरी बताते हैं कि तिलक हर जगह अपना प्लास्टिक वाला बैट साथ ले जाया करते थे और कभी-कभी उसे साथ लेकर सो जाते थे.

कोच ने बदली किस्मत

उस समय वित्तीय समस्याएं तिलक के क्रिकेट में आगे बढ़ने के सपने को दबाने का काम कर रही थीं. यह वित्तीय संकट तब खत्म हुआ, जब वहीं के एक कोच सलाम बयाश ने तिलक को बरकस में एक टेनिस बॉल मैच खेलते देखा. वो तिलक की प्रतिभा से बहुत प्रभावित हुए. बयाश ने पूछा कि तिलक किसी अकादमी में ट्रेनिंग क्यों नहीं कर रहे. तिलक का जवाब था कि उनका परिवार कोचिंग का खर्चा नहीं उठा सकता है.

कोच बयाश तिलक से इतने प्रभावित थे कि उन्होंने युवा बल्लेबाज का पूरा खर्चा उठाने का निर्णय कर लिया था. 10 किलोमीटर का सफर तय कर तिलक, बयाश के पास पहुंचते, जिसके बाद वो दोनों बाइक पर 40 किलोमीटर दूर स्थित सेरिलिंगमपल्ली स्थित अकादमी तक का सफर तय करते. कोच बयाश ने तिलक के परिवार से आग्रह किया कि उनके माता-पिता अकादमी के पास घर ढूंढ लें. पहले माता-पिता नहीं माने, लेकिन बाद में उन्होंने बयाश की बात मान ली.

दिन में 12 घंटे ट्रेनिंग

2014 में तिलक हैदराबाद की अंडर-14 टीम में चुने गए. वो दिन में 12 घंटे ट्रेनिंग किया करते थे. वो सुबह 6 बजे ग्राउंड पर आते और सूरज ढलने के बाद घर लौटते. उनकी मेहनत रंग लाई, आगे चलकर उन्होंने अंडर-16 और अंडर-19 क्रिकेट में भी सफलता प्राप्त की. डोमेस्टिक क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन की बदौलत IPL 2022 में मुंबई इंडियंस ने उन्हें 1.7 करोड़ रुपये में खरीदा था. उसके बाद तिलक का परफॉर्मेंस कैसा रहा है, उससे भारतीय फैंस भलीभांति वाकिफ हैं.

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Windows 10 यूजर्स के लिए खतरे की घंटी! दो हफ्ते बाद बंद हो जाएगा सपोर्ट, उसके बाद क्या ऑप्शन?

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Windows 10 यूजर्स के लिए खतरे की घंटी बजने वाली है. दरअसल, माइक्रोसॉफ्ट ऐलान कर चुकी है कि 14 अक्टूबर से विंडोज 10 के लिए सिक्योरिटी अपडेट मिलने बंद हो जाएगी. यानी करीब दो हफ्ते बाद विंडोज 10 के लिए सपोर्ट बंद हो जाएगा. ऐसे में अगर आप विंडोज 10 वाले लैपटॉप या पीसी को यूज कर रहे हैं तो आपके पास अब सीमित ऑप्शन रह गए हैं. आइए जानते हैं कि सपोर्ट बंद होने का क्या मतलब है और यूजर्स के पास अब क्या विकल्प बचे हैं.

सपोर्ट बंद होने से क्या होगा?

14 अक्टूबर के बाद से माइक्रोसॉफ्ट विंडोज 10 के लिए सिक्योरिटी अपडेट, बग फिक्स और टेक्निकल सपोर्ट रिलीज नहीं करेगी. इससे नुकसान यह होगा कि लैपटॉप या पीसी पर वायरस और साइबर अटैक का खतरा बढ़ जाएगा. अगर ऑपरेटिंग सिस्टम में किसी प्रकार का बग आएगा तो माइक्रोसॉफ्ट उसके लिए सिक्योरिटी पैच जारी नहीं करेगी. ऐसे में सिस्टम पर कोई भी संवेदनशील डेटा स्टोर करना और सेंसेटिव टास्क करना जोखिम भरा हो सकता है. राहत की बात यह है कि 14 अक्टूबर को विंडोज 10 पर चलने वाले सिस्टम काम करना बंद नहीं करेंगे. ये पहले की तरह काम करते रहेंगे, बस इन्हें माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से अपडेट नहीं मिलेगी.

अब यूजर के पास बचे ये ऑप्शन्स

इस फैसले से प्रभावित यूजर्स के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने कुछ विकल्प सुझाए हैं. इनमें से पहला है पेड कवरेज. जो यूजर्स विंडोज 10 यूज करना चाहते हैं वो 30 डॉलर (लगभग 2,650 रुपये) देकर एक साल की कवरेज पा सकते हैं. इससे उन्हें अगले साल अक्टूबर तक प्रोटेक्शन मिल जाएगा. 1000 माइक्रोसॉफ्ट रिवार्ड पॉइंट रिडीम कर भी एक साल की अतिरिक्त कवरेज हासिल की जा सकती है. यूजर के पास दूसरा ऑप्शन वनड्राइव बैकअप का है. इससे उन्हें लिमिटेड कवरेज मिल सकेगी. इनके अलावा यूजर्स के पास विंडोज 11 में अपग्रेड करने का ही ऑप्शन है. 

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