गजब! 13 दिनों में 10246 रुपये सस्ता हुआ सोना, चांदी की भी कीमत 25000 से ज्यादा हुई कम

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Gold and Silver Price Fallen: सोने-चांदी के भाव में गुरुवार, 30 नवंबर को भारी गिरावट दर्ज की गई. इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, महज एक दिन में 10 ग्राम सोने की कीमत 1,375  रुपये कम होकर 1,19,253 रह गई है. इससे एक दिन पहले बुधवार को सोने की कीमत 1,20,628 रुपये प्रति 10 ग्राम थी.

चांदी की भी कम हुई कीमत 

चांदी भी 1,033 रुपये घटकर 1,45,600 प्रति किलोग्राम रह गया है, जबकि 29 अक्टूबर को इसकी कीमत 1,46,633 रुपये प्रति किलोग्राम थी. इससे लोगों को काफी राहत मिली है. इसी महीने की शुरुआत में 17 अक्टूबर को सोना 1,30,874 रुपये और चांदी 1,71,275 रुपये के अपने ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गए थे. इसके बाद महज 13 दिनों में सोना 10,246 रुपये और चांदी 25,675 रुपये सस्ता हुआ है.  

सोने की कीमत में क्यों आई गिरावट‌?

  • धनतेरस, दिवाली जैसे त्योहारों के बाद सोने-चांदी की डिमांड में कमी आई है. खरीदारी में सुस्ती आई, तो इसका असर सोने-चांदी की कीमत पर पड़ा.
  • कीमत में रिकॉर्डतोड़ तेजी के बाद अब मुनाफावसूली का दौर चल रहा है. रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) जैसे दूसरे टेक्नीकल इंडिकेटर्स से पता चलता है कि कीमतें ओवरबॉट जोन में पहुंच गई हैं इसलिए अब ट्रेंड फॉलोअर्स और डीलर्स बिकवाली की मोड में हैं.
  • ग्लोबल टेंशन में भी कमी आई है, जिससे सोने का डिमांड कम हुआ है. अमूमन सोने को सुरक्षित निवेश माना जाता है क्योंकि आर्थिक संकट के समय भी सोने की वैल्यू बनी रहती है. 

इस साल कितनी बढ़ी कीमतें?

इस साल अब तक सोने की कीमत में 43,091 रुपये का उछाल आया है. 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 76,162 रुपये थी, जो अब 1,19,253 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है. इस दौरान चांदी की कीमत में भी 59,583 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. 31 दिसंबर 2024 को एक किलोग्राम चांदी की कीमत 86,017 रुपये थी, जो अब 1,45,600 रुपये प्रति किलोग्राम है.

इन बातों का रखें ध्यान 

सोने की खरीदारी करते वक्त हमेशा भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) हॉलमार्क वाला ही सोना खरीदें. यह अल्फान्यूमेरिक नंबर है, जिससे पता लगाया जा सकता है कि सोना कितना खरा है. इसके अलावा, कीमत हमेशा क्रॉस चेक कर लें. अलग-अलग जैसे कि इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट की वेबसाइट पर जाकर देखें कि आज कैरेट के हिसाब से सोने की कीमतें प्रति ग्राम या 10 ग्राम कितनी हैं.

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Amla Navami 2025: देव पूजन और आयुर्वेद का अनूठा संगम है आंवला नवमी का पर्व

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Amla Navami 2025: कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि को हर साल आंवला नवमी के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष आंवला नवमी या अक्षय नवमी शुक्रवार 31 अक्टूबर को है. इस दिन आंवला वृक्ष की पूजा करने और भगवान विष्णु की आराधना की जाती है. हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि आंवले के वृक्ष में स्वयं भगवान विष्णु का वास होता है, इसलिए आंवला नवमी के शुभ दिन पर भगवान विष्णु की पूजा होती है.

हिंदू धर्म से जुड़े अनकों पर्व-त्योहारों से यह संदेश मिलता है कि, प्रकृति ही ईश्वर का रूप है और इसकी पूजा से धर्म और सृष्टि की रक्षा होती है. इन्हीं में एक है आंवला नवमी का पर्व. आंवला नवमी पर आंवले वृक्ष की पूजा न सिर्फ आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भक्ति और स्वास्थ्य दोनों का संगम है. आंवला नवमी का दिन हमें यह संदेश देता है कि प्रकृति और धर्म एक-दूसरे के पूरक हैं.

शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक मास में देवताओं की पूजा विशेष फलदायी होती है. आंवला नवमी के दिन महिलाएं व्रत रखकर आंवला वृक्ष के नीचे दीप जलाती हैं और भगवान विष्णु व देवी लक्ष्मी की पूजा करती हैं. पूजा के समय आंवले के नीचे मंडप बनाकर तुलसी पत्र, अक्षत, दीपक और नैवेद्य अर्पित किया जाता है.

‘धर्म वृक्ष’ है आंवला

वेदों और पुराणों में आंवला को ‘धर्म वृक्ष’ कहा गया है. स्कंद पुराण के अनुसार- आंवले के दर्शन, स्पर्श और सेवन से पापों का नाश होता.
आंवले की छाया में बैठकर पूजा करने से विष्णु कृपा और पितृ शांति प्राप्त होती है. कई जगहों पर महिलाएं परिवार की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए आंवला वृक्ष की परिक्रमा भी करती हैं.

धार्मिक कथा के अनुसार, एक बार मां लक्ष्मी ने भगवान विष्णु से पूछा कि, कौन सा स्थान सबसे पवित्र है. तब श्रीहरि बोले- जहां आंवला वृक्ष है, वहीं मेरा निवास है.

आयुर्वेदिक की दृष्टि से आंवले का महत्व

आंवला केवल धार्मिक नहीं बल्कि आयुर्वेद की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना गया है. आंवले में ऐसे गुण (रसायन) होते हैं, जिससे शरीर को बहुत लाभ होता है. इसमें विटामिन-सी (Vitamin-C) की अत्यधिक मात्रा होती है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है.

खासकर कार्तिक महीने में यदि आंवले का सेवन किया जाए तो यह और अधिक लाभकारी होता है. इसका कारण यह है कि कार्तिक मास से ही ठंड बढ़नी शुरू ह जाती है. ऐसे में यह शरीर को संतुलित रखता है और त्वचा, बाल और यकृत को स्वस्थ बनाता है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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Dev Uthani Ekadashi 2025: 2 नवंबर को त्रिस्पर्शा योग में जागेंगे भगवान विष्णु, चातुर्मास…

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Dev Uthani Ekadashi 2025: 2 नवंबर 2025 (रविवार) को देवउठनी एकादशी का पर्व त्रिस्पर्शा योग में मनाया जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योग-निद्रा से जागेंगे और चातुर्मास का समापन होगा.

हिंदू पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि प्रारंभ: 1 नवंबर, सुबह 09:11 बजे होगा और इस तिथि का समापन 2 नवंबर, सुबह 07:31 बजे होगा. वहीं व्रत-पूजन उदय तिथि के अनुसार 2 नवंबर 2025 को किया जाएगा.

तुलसी विवाह 2025

देवोत्थान एकादशी के साथ ही शुभ-मांगलिक कार्यों का सिलसिला आरंभ हो जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से पापों का नाश और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इसी दिन तुलसी विवाह भी होगा.

चातुर्मास समाप्ति का महत्व

ज्योतिषाचार्या नीतिका शर्मा बताती हैं कि देवउठनी एकादशी वह क्षण है जब भगवान विष्णु अपनी चार-मासीय योग-निद्रा से जागते हैं. शास्त्रों के अनुसार, चातुर्मास में सभी शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं. इस दिन से विवाह, गृह-प्रवेश, नामकरण, मुंडन जैसे सभी कर्मकांड पुनः प्रारंभ हो जाते हैं.

देवउठनी एकादशी का महत्व

देवोत्थान का अर्थ है देवता का उठना या जागना. माना जाता है कि भगवान विष्णु शयनी एकादशी को सो जाते हैं और देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं. इस दिन भक्त सुबह स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र धारण कर, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण (विष्णु के अवतार) ने देवी वृंदा (तुलसी) से विवाह किया था. इसलिए तुलसी-शालिग्राम विवाह का विशेष महत्व है.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान 

  • चावल न खाएं: किसी भी एकादशी पर चावल खाना वर्जित है. मान्यता है कि इससे अगले जन्म में जीव को रेंगने वाले प्राणी का रूप मिलता है.
  • मांस-मदिरा से दूर रहें: यह दिन सात्त्विकता का प्रतीक है; तामसिक भोजन और नशा वर्जित है.
  • महिलाओं का अपमान न करें: किसी भी स्त्री का अपमान करने से व्रत का फल समाप्त हो जाता है.
  • क्रोध न करें: विष्णु की पूजा-आराधना के दिन वाद-विवाद या रोष त्यागना शुभ माना गया है.

एकादशी के दिन करें ये कार्य

  • गंगा-स्नान और दान श्रेष्ठ कर्म हैं.
  • विवाह-बाधा दूर करने हेतु केसर, केला या हल्दी का दान करें.
  • उपवास करने से धन, मान-सम्मान, संतान-सुख और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

देवउठनी एकादशी पूजा विधि

सुबह स्नान कर पीले या सफेद वस्त्र धारण करें. भगवान विष्णु को धूप, दीप, पुष्प, फल और अर्घ्य अर्पित करें, फिर नीचे दिए मंत्रों का जाप करें-

उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गोविंद त्यज निद्रां जगत्पते.
त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत् सुप्तं भवेदिदम्॥
उत्तिष्ठोत्तिष्ठ वाराह दंष्ट्रोद्धृतवसुंधरे.
हिरण्याक्षप्राघातिन् त्रैलोक्यो मंगलं कुरु॥

इसके बाद आरती कर पुष्प अर्पित करें और यह प्रार्थना करें-

इयं तु द्वादशी देव प्रबोधाय विनिर्मिता.
त्वयैव सर्वलोकानां हितार्थं शेषशायिना॥ इसके बाद भगवान को स्मरण कर प्रसाद वितरित करें.

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‘हम नियमों से आए हैं, हमें बाहर क्यों कर रहे हैं?’ इमिग्रेशन नीतियों पर अमेरिकी उपराष्ट्रपति से

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अमेरिका के मिसिसिपी विश्वविद्यालय में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान भारतीय मूल की एक महिला ने उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को इमिग्रेशन पॉलिसी पर खुले मंच से चुनौती दी. महिला ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की कठोर इमिग्रेशन नीतियों पर सवाल उठाते हुए पूछा कि ‘जो लोग नियमों से, मेहनत से और पैसे देकर अमेरिका आए हैं, अब उन्हें ही यहां से निकालने की बात क्यों की जा रही है?’ यह पूरा वाकया कैमरे में कैद हुआ और अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

कार्यक्रम के दौरान क्या कहा महिला ने?
कार्यक्रम के दौरान जब सवालों का दौर शुरू हुआ तो भारतीय मूल की महिला खड़ी होकर बोली- ‘जब आप कहते हैं कि यहां बहुत ज्यादा इमिग्रेंट हैं, तो ये ‘बहुत ज्यादा’ की सीमा किसने तय की? आपने हमें यहां आने के लिए कहा, हमारी जवानी, हमारी मेहनत, हमारा पैसा इस देश में लगाया, अब आप ही कहते हैं कि हम यहां नहीं रह सकते?’

वेंस बोले – ‘कम लोग आने चाहिए, ताकि देश का सामाजिक ढांचा बचा रहे’
JD वेंस ने जवाब में कहा कि अमेरिका को कम संख्या में ही कानूनी प्रवासियों को स्वीकार करना चाहिए. उन्होंने तर्क दिया कि ‘अनियंत्रित इमिग्रेशन से देश की सामाजिक एकता पर असर पड़ सकता है.’ वेंस ने कहा, ‘अगर 100 लोग गैरकानूनी तरीके से आकर देश में योगदान करते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि अब हमें हर साल 10 लाख या 1 करोड़ लोगों को आने देना चाहिए.’

महिला ने पूछा – ‘जब रास्ता आपने ही दिखाया, तो अब रोक क्यों रहे हैं?’
महिला ने फिर पलटकर कहा कि अमेरिकी सरकार ने ही सालों से लोगों को ‘अमेरिकन ड्रीम’ का भरोसा दिया. आपने खुद रास्ता बनाया कि मेहनत करो, पैसे दो, और यहां रहो. अब आप ही कहते हैं कि हम जरूरत से ज्यादा हो गए हैं- ये कैसे न्यायसंगत है?

वेंस से पूछा पत्नी के धर्म पर सवाल
महिला ने वेंस से उनके अंतरधार्मिक विवाह पर भी सवाल किया कि क्या उनकी हिंदू पत्नी के साथ शादी ने उनके विश्वदृष्टिकोण को बदला है? इस पर JD वेंस ने कहा- ‘मैं ईसाई हूं और अपने विश्वास पर कायम हूं. मैं चाहता हूं कि मेरी पत्नी भी इसे समझे, लेकिन अगर वो नहीं चाहतीं, तो ये उनकी स्वतंत्र इच्छा है. भगवान ने सबको आजादी दी है.’

इस सवाल-जवाब का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. कई यूजर्स ने महिला की हिम्मत की सराहना की, वहीं कुछ ने वेंस के कूटनीतिक जवाब को ‘राजनीतिक बचाव’ बताया.



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Steven Smith Vs Marnus Labuschagne: स्मिथ के सामने लाबुशेन, वायरल हो रहा इस भिड़ंत का वीडियो

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Healthy Clash Between Steve Smith And Marnus Labuschagne: शेफील्ड शील्ड मैच में ऑस्ट्रेलिया के दो स्टार बल्लेबाज स्टीव स्मिथ और मार्नस लाबुशेन के बीच हुई दिलचस्प भिड़ंत का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. ब्रिस्बेन में क्वींसलैंड और न्यू साउथ वेल्स के बीच खेले जा रहे इस मुकाबले में लाबुशेन ने अपनी पार्ट-टाइम मीडियम पेसर की गेंदबाजी से स्मिथ को परेशान किया और लगभग उन्हें आउट भी कर दिया था. इस भिड़ंत का वीडियो देखकर क्रिकेट फैंस रोमांचित हो रहे हैं.

स्मिथ और लाबुशेन के बीच भिड़ंत

घरेलू क्रिकेट में स्टीव स्मिथ ने न्यू साउथ वेल्स के लिए नंबर 4 पर बल्लेबाजी करते हुए शानदार शतक लगाया. इसी दौरान क्वींसलैंड के कप्तान लाबुशेन ने गेंद थामी और अपने सीनियर साथी के सामने गेंदबाजी करने आ गए. आमतौर पर अपनी बल्लेबाजी के लिए लाबुशेन जाने जाते हैं, लेकिन उन्होंने स्मिथ के खिलाफ कसी हुई गेंदबाजी की. इस मैच-अप को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने सोशल मीडिया पर ‘सिनेमा’ बताते हुए हाइलाइट किया.

लाबुशेन वीडियो में एलबीडब्ल्यू की अपील करते दिखें 

वीडियो में मार्नस लाबुशेन अच्छी लाइन पर गेंदबाजी करते हुए दिखाई दे रहे हैं, और उन्होंने स्मिथ को  कई गेंदों पर बीट भी किया. वहीं लाबुशेन की एक गेंद स्मिथ की पैड पर जाकर लगी, जिसपर उन्होंने  एलबीडब्ल्यू की जोरदार अपील की, लेकिन अंपायर ने इसे नकार दिया. ये बहुत करीबी मामला था, और अगर यह लाबुशेन के पक्ष में जाता तो यह मैच का एक यादगार पल बन जाता. हालाँकि, स्मिथ ने अपनी पारी जारी रखी और एक शानदार शतकीय पारी खेली.

एशेज के लिए तैयारी 

यह मुकाबला आने वाले एशेज सीरीज से पहले दोनों खिलाड़ियों के लिए अभ्यास का मौका था. स्टीव स्मिथ ने शतक लगाकर अपनी शानदार फॉर्म का संकेत दे दिया, वहीं लाबुशेन ने भी शेफील्ड शील्ड में लगातार शतक लगाकर टेस्ट टीम में वापसी का मजबूत दावेदारी पेश किया है. हाल ही में लाबुशेन के टीम से बाहर होने के बाद, स्मिथ ने सार्वजनिक रूप से उनके वापसी का समर्थन किया था और बताया था कि लाबुशेन ने खुद कहा है कि वह एशेज सीरीज में वापसी करेंगे.



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‘द ताज स्टोरी’ पर नहीं लगी रोक, जानें याचिकाकर्ताओं से क्या बोला हाईकोर्ट

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दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को फिल्म द ताज स्टोरी की रिलीज पर रोक लगाने या उसके सर्टिफिकेशन में बदलाव की मांग करने वाली दो याचिकाओं को सुनने से इनकार कर दिया. दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को सलाह दी कि वे सिनेमैटोग्राफ एक्ट की धारा 6 के तहत केंद्र सरकार के पास पुनर्विचार याचिका दाखिल करें.

फिल्म को दिए सर्टिफिकेशन को दी गई थी चुनौती

दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका शकील अब्बास ने दायर की थीं. उनका आरोप है कि फिल्म में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर दिखाया गया है और यह सांप्रदायिक प्रचार फैलाने का काम कर सकती है. दोनों ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन द्वारा दिए गए सर्टिफिकेट को चुनौती दी थी.

सुनवाई के दौरान जब याचिकाकर्ताओं ने अदालत से कहा कि कम से कम फिल्म का डिस्क्लेमर बदलवाया जाए तो चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने पूछा क्या हम सुपर सेंसर बोर्ड हैं उन्होंने कहा कि कोर्ट की अपनी सीमाएं हैं और कानून में जो प्रावधान हैं, उसी के दायरे में रहकर काम किया जा सकता है.

कोर्ट ने कहा केंद्र सरकार से इस मामले में करे अपील

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 में सेंसर बोर्ड के फैसले की समीक्षा करने का कोई अधिकार नहीं है इसलिए इस तरह का निर्देश नहीं दिया जा सकता. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अनुमति दी कि वे अपनी याचिका वापस लेकर केंद्र सरकार के पास पुनर्विचार याचिका दाखिल करें.

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने फिल्म की विषयवस्तु पर कोई राय नहीं दी है और अगर केंद्र सरकार के पास याचिका दी जाती है तो उसे कानून के अनुसार तय किया जाएगा.

याचिकाकर्ता ने इतिहास को तोड़-मरोड़ कर दिखाने का लगाया था आरोप

दिल्ली हाई कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि फिल्म के निर्माता, निर्देशक और अभिनेता लगातार विवादित फिल्में बना रहे हैं, जिनसे इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है और समाज में तनाव फैलने की आशंका है. फिल्म द ताज स्टोरी 31 अक्टूबर को रिलीज होने वाली है.

 




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इस दिन आएगा ICAI CA परीक्षा का रिजल्ट,जानें कब और कैसे देखें रिजल्ट

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देशभर के लाखों छात्रों के लिए खुशखबरी आई है. भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान (ICAI) ने आखिरकार सितंबर 2025 की सीए (CA) परीक्षा के परिणाम जारी करने की तारीख का ऐलान कर दिया है. लंबे इंतजार के बाद अब साफ हो गया है कि सीए फाइनल, इंटरमीडिएट और फाउंडेशन परीक्षा का परिणाम 3 नवंबर 2025 को जारी किया जाएगा.

आईसीएआई की ओर से जारी नोटिस के अनुसार सीए फाइनल और इंटरमीडिएट परीक्षा के परिणाम दोपहर करीब 2 बजे घोषित किए जाएंगे, जबकि फाउंडेशन परीक्षा के परिणाम उसी दिन शाम 5 बजे जारी होंगे. इस दिन देशभर के सीए अभ्यर्थियों की मेहनत का नतीजा सामने आने वाला है.

रिजल्ट में क्या होगा शामिल

आईसीएआई की ओर से जारी किए जाने वाले परिणाम में उम्मीदवारों का विषयवार स्कोर, कुल अंक, और मेरिट लिस्ट शामिल होगी. मेरिट लिस्ट में उन छात्रों के नाम होंगे जिन्होंने ऑल इंडिया स्तर पर शीर्ष रैंक हासिल की है.

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साल में दो बार होती है परीक्षा

आईसीएआई साल में दो बार चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) परीक्षा आयोजित करता है एक बार मई में और दूसरी बार सितंबर में. सितंबर 2025 की परीक्षा भारत और विदेश के कई परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी. इस परीक्षा के तीन चरण होते हैं फाउंडेशन, इंटरमीडिएट और फाइनल. इन तीनों स्तरों को पास करने के बाद उम्मीदवारों को चार्टर्ड अकाउंटेंट की उपाधि दी जाती है, जो भारत के सबसे सम्मानित पेशों में से एक है.

रिजल्ट चेक करने का आसान तरीका

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शेयर, म्यूचुअल फंड या डिमैट… मिलेगा सबका हिसाब एक जगह पर! जानिए कैसे काम करता है CAS

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Consolidated Account Statement: पिछले कुछ सालों में भारतीय निवेश बाजार में गजब की तेजी देखने को मिली है. आज भारतीय निवेशक परंपरागत निवेश विकल्पों के साथ-साथ शेयर बाजार पर भी अपना दांव लगा रह हैं. आज पूरे देश में लगभग 20 करोड़ से ज्यादा डिमैट अकाउंट और करीब 25 करोड़ म्यूचुअल फंड अकाउंट सक्रिय हैं.

डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और नए ब्रोकरेज हाउसेस ने लोगों को निवेश के कई आसान रास्ते उपलब्ध करवाए हैं. लेकिन विभिन्न जगहों पर किए गए निवेश को ट्रैक करना और इनकी जानकारी लेना अब कई निवेशकों के लिए मुश्किल हो गया है. ऐसे में कंसॉलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट (CAS) एक ऐसा विकल्प बन कर सामने आया है. जिसके इस्तेमाल से आप अपनी इंवेस्टमेंट से संबंधित सारी जानकारी एक ही जगह पर देख सकते है. इससे निवेशकों को काफी ज्यादा सुविधा हो रही हैं. 

क्या है कंसॉलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट (CAS)?

कंसॉलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट के तहत निवेशकों को अपने डिमैट और म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट्स से संबंधित सारी जानकारी एक ही जगह पर दिखाई जाती है. निवेशक के पैन नंबर को आधार बनाकर उसके द्वारा किए गए निवेशों की जानकारी एक साथ देती है.

कंसॉलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट की शुरुआत मार्च 2015 में की गई थी.  इसकी सहायता से निवेशक अपने निवेश के प्रर्दशन, वित्तीय लेन- देन और निवेश से संबंधित अन्य जानकारी ले सकते है. 

कौन जारी करता है कंसॉलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट?

निवेशकों को कंसॉलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट उनके डिफॉल्ट डिपॉजिटरी की तरफ से भेजा जाता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि, निवेशक ने अपना पहला डिमैट अकाउंट किस प्लेटफॉर्म पर खोला था. डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को सूचित कर निवेशक इसे बदल भी सकते हैं.

वहीं जिन लोगों ने सिर्फ म्यूचुअल फंड में निवेश किया है, उन्हें कंसॉलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट म्यूचुअल फंड के रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट की ओर से जारी किया जाता हैं. 

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