गाजा सीजफायर टूटने के कगार पर पहुंच चुका है. इसे लेकर अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार (22 अक्टूबर 2025) को चर्चा की. इस बैठक में शामिल होने से बाद नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल अपनी सुरक्षा खुद तय करता है और वह अमेरिका पर निर्भर नहीं है. वहीं जेडी वेंस ने ये माना कि इस क्षेत्र में शांति कायम रखना बहुत बड़ी चुनौती है.
ट्रंप प्रशासन को किस बात का है डर?
ट्रंप प्रशासन के भीतर इस बात की चिंता है कि नेतन्याहू गाजा समझौते से पीछे हटने पर विचार कर सकते हैं, जिससे फिर से बड़े पैमाने पर युद्ध शुरू हो सकता है. ट्रंप के करीबी जेडी वेंस सीजफायर के मजबूत करने की कोशिशों के तहत ही इजरायल पहुंचे हैं. जेडी वेंस ने हमास को निरस्त्र करने और साथ ही गाजा का पुनर्निर्माण करके वहां के निवासियों के जीवन को बेहतर बनाने की चुनौतियों पर जोर दिया.
इजरायल अमेरिका का गुलाम नहीं: नेतन्याहू
नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल अमेरिका का गुलाम या अधीन देश नहीं है. उन्होंने इस तरह की बातों को बकवास बताया. नेतन्याहू ने कहा, “कुछ लोग समझते हैं कि अमेरिका इजरायल को चलाता है. कुछ लोग समझते हैं कि इजरायल अमेरिका को चलाता है. ये सब बकवास बातें हैं. हम दोनों मजबूत साझेदार हैं.”
न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जेडी वेंस ने कहा, “हमारे सामने एक बहुत ही कठिन काम है. एक तो हमास को निरस्त्र करना तो वहीं दूसरा गाजा का पुनर्निर्माण करके वहां के लोगों का जीवन बेहतर बनाना. हमें ये भी सुनिश्चित करना है कि हमास अब हमारे इजरायली दोस्तों के लिए खतरा न रहे. हालांकि ये आसान नहीं है.”
अब्राहम समझौते के विस्तार से आएगी स्थिरता: जेडी वेंस
वेंस ने अपने दौरे के दौरान इजरायली बंधकों के रिश्तेदारों से भी मुलाकात की. उनके साथ मिडिल ईस्ट में अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर भी थे. इजरायल सरकार ने घोषणा की है कि अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो शुक्रवार (24 अक्टूबर 2025) को नेतन्याहू से मुलाकात करने के लिए इजरायल का दौरा करेंगे.
जेडी वेंस ने कहा, “हम इजरायल को सहयोगी के रूप में चाहते हैं तथा अमेरिका की मिडिल ईस्ट में कम रुचि चाहते हैं. अब्राहम समझौते का विस्तार करने से क्षेत्रीय स्थिरता आएगी, जो उम्मीद है कि लंबे समय तक रहेगी.” नेतन्याहू ने कहा, “पिछले साल अमेरिका के साथ हमारा एक बेजोड़ गठबंधन रहा है. यह मिडिल ईस्ट को बदल रहा है.”
ये भी पढ़ें : बांग्लादेश के जरिए भारत को निशाना बनाना चाहता है पाकिस्तान, युनूस के शासन में बनवा रहा इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी आर्मी





