दिव्या भारती की 10 तस्वीरें, खूबसूरती बेमिसाल, जिंदा होतीं तो इनके सामने नहीं टिक पाती कोई भी एक्ट्रेस

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दिव्या भारती की 10 तस्वीरें, खूबसूरती बेमिसाल, जिंदा होतीं तो इनके सामने नहीं टिक पाती कोई भी एक्ट्रेस

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Video: मां ने दूध से नहलाया, शेरवानी पहन काटा केक, शख्स ने परिवार संग मनाया तलाश का जश्न

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Karnataka News: कर्नाटक से एक अजीब और दिलचस्प खबर सामने आई है. यहां एक युवक ने अपने तलाक को किसी गम की तरह नहीं, बल्कि एक जश्न की तरह मनाया. सोशल मीडिया पर उसका वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें वह खुशी-खुशी केक काटते और दूध से नहाते हुए नजर आ रहा है.

केक काटकर की नई जिंदगी की शुरुआत 

वीडियो में युवक ने अपने घर में हैप्पी डिवोर्स लिखा हुआ केक काटा और चेहरे पर मुस्कान के साथ अपनी नई जिंदगी की शुरुआत का ऐलान किया. वीडियो में देखा जा सकता है कि लड़के की मां ने उसे पहले दूध से नहीं लाया और फिर पानी से नहलाया जिसके बाद वह तैयार हुआ और केक काटा.

खास बात यह रही कि उसने अपनी पत्नी को 120 ग्राम सोना और 18 लाख रुपये नकद भी दिए, जिससे यह तलाक आपसी सहमति से शांतिपूर्वक खत्म हुआ. युवक का कहना है कि तलाक किसी की हार नहीं, बल्कि नई शुरुआत का मौका होता है.

सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ वायरल 

सोशल मीडिया पर इस वीडियो को अब तक 3.4 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है. लोगों की प्रतिक्रियाएं भी मिली-जुली हैं. कुछ यूजर्स कह रहे हैं कि यह असली फ्रीडम डे है, जबकि कुछ ने इसे मजाकिया अंदाज में लिया. कई लोगों ने कहा कि अगर शादी खुशियों के साथ मनाई जाती है, तो तलाक को भी एक नई शुरुआत के तौर पर देखा जा सकता है.

युवक का संदेश साफ है, मेरी जिंदगी, मेरे नियम. मैं सिंगल हूं और खुश हूं. उसने बताया कि उसने यह सब इसलिए किया ताकि लोग समझें कि जिंदगी का अंत किसी रिश्ते के टूटने से नहीं होता, बल्कि वहां से एक नया अध्याय शुरू होता है. हालांकि, समाज में कुछ लोग इस तरह के कदम को गलत भी मान रहे हैं. कई लोगों ने टिप्पणी की कि आजकल रिश्ते बहुत जल्दी टूट रहे हैं और जिम्मेदारी का भाव कम होता जा रहा है. 


कौन है वांग जिस पर मार्क जुकरबर्ग ने खेला दांव, 14 अरब डॉलर खर्च कर बनाया सुपरइंटेलिजेंस चीफ

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Meta Hired Alexandr Wang: आज की तेजी से बदलती तकनीकी दुनिया में माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, एप्पल और मेटा जैसी दिग्गज कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में भारी निवेश कर रही हैं. AI के आगमन के साथ आईटी इंडस्ट्री की तस्वीर पूरी तरह बदलने वाली है. इसी दिशा में फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) ने एक बड़ा फैसला लिया है — कंपनी ने 28 वर्षीय एलेक्ज़ेंडर वांग (Alexandr Wang) को अपना नया AI ऑफिसर और Meta Superintelligence Labs का मुख्य अधिकारी (Chief) नियुक्त किया है.

वांग के स्टार्टअप में 14 अरब डॉलर का निवेश

मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने वांग के स्टार्टअप में 14 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है. इतना ही नहीं, उन्होंने वांग को मेटा के पूरे AI ऑपरेशन का प्रमुख भी बना दिया है. अब वांग Meta Superintelligence Program के तहत दुनिया के सबसे बेहतरीन तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसका लक्ष्य भविष्य के “Superintelligent AI सिस्टम” को विकसित करना है.

Bloomberg की रिपोर्ट के मुताबिक, वांग ने एक आंतरिक मेमो में कहा — “Superintelligence आ रही है. अगर हमें इसे गंभीरता से लेना है, तो हमें रिसर्च, प्रोडक्ट और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे प्रमुख क्षेत्रों के इर्द-गिर्द खुद को संगठित करना होगा.” उनके इस बयान से साफ है कि मेटा अब केवल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि एक AI-Driven टेक जायंट बनने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है.

कौन हैं एलेक्ज़ेंडर वांग?

एलेक्ज़ेंडर वांग का सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है. साल 2016 में, जब वे मात्र 19 वर्ष के थे, उन्होंने अपनी दोस्त लूसी गुओ (Lucy Guo) के साथ मिलकर Scale AI नामक स्टार्टअप की स्थापना की. दोनों ने बेहद कठिन परिस्थितियों में दिन-रात मेहनत की — एयर मैट्रेस पर सोना, लगातार प्रयोग करना और सीमित संसाधनों में अपना सपना साकार करना. उनकी यह मेहनत रंग लाई और Scale AI जल्द ही AI ट्रेनिंग डेटा के क्षेत्र में एक अग्रणी कंपनी बन गई.

मेटा में नई रणनीति — टीम का पुनर्गठन

मेटा में शामिल होने के बाद, वांग ने कंपनी के AI विभाग का पुनर्गठन (Restructuring) शुरू कर दिया है. उन्होंने पूरी AI टीम को चार अलग-अलग समूहों में बांटा है ताकि हर ग्रुप अपने फोकस एरिया — रिसर्च, प्रोडक्ट डेवलपमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन — पर पूरी क्षमता से काम कर सके.

मेटा का यह कदम इस बात का संकेत है कि कंपनी अब “सोशल नेटवर्क” से आगे बढ़कर सुपरइंटेलिजेंस के युग की तैयारी कर रही है. एलेक्ज़ेंडर वांग, जिन्होंने 19 साल की उम्र में अपनी स्टार्टअप से सिलिकॉन वैली में नाम कमाया, अब उस टेक्नोलॉजी को आकार दे रहे हैं जो भविष्य को परिभाषित करेगी. मेटा का विज़न अब केवल लोगों को जोड़ने तक सीमित नहीं, बल्कि इंसान और मशीन की सोच के बीच पुल बनाने का है — और इस यात्रा के केंद्र में हैं एलेक्ज़ेंडर वांग.

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Video: सांड ने चेक की लैंबॉर्गिनी की बिल्ड क्वालिटी! छत पर चढ़ तोड़े शीशे-बोनट, वीडियो वायरल

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Lamborghini Video: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक हैरान कर देने वाला वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि सड़क पर अचानक दो सांड दौड़ते हुए आ रहे हैं. कुछ ही सेकंड में एक सांड सीधा सड़क किनारे खड़ी एक महंगी लैंबॉर्गिनी कार के ऊपर चढ़ जाता है. जिससे कार बुरी तरह टूट जाती है. यह नजारा देख लोग सन्न रह गए.

 बुरी तरह से टूट गई करोड़ों की लैंबॉर्गिनी 

वीडियो में साफ दिख रहा है कि दोनों सांड किसी बात पर आपस में भिड़े हुए थे और तेजी से भागते हुए सड़क पार कर रहे थे. तभी एक सांड सीधे जाकर लैंबॉर्गिनी की बोनट पर चढ़ गया. उसके वजन और टक्कर से कार का आगे का हिस्सा बुरी तरह से टूट-फूट गया. शीशे, हेडलाइट, बोनट और फ्रंट बंपर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए.

यह नजारा देखकर वहां खड़े लोग चकित और घबराए नजर आए. कुछ लोग चिल्लाते हुए साइड में भाग गए, जबकि कुछ ने मोबाइल निकालकर पूरा नजारा वीडियो में कैद कर लिया. कुछ ही सेकंड में सांड कार से उतरकर फिर भाग निकला और सड़क पर अफरा-तफरी मच गई.

वीडियो पर लोग दे रहे तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं

वीडियो सामने आने के बाद लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. कोई कह रहा है, लैंबॉर्गिनी भी सांड के आगे बेबस हो गई, तो कोई मजाक में लिख रहा है, सांड ने शायद कार का नाम सुना और सोचा यह भी मेरे परिवार की है. लोगों के अनुसार, यह घटना किसी शहरी इलाके की मुख्य सड़क पर हुई. वहां अक्सर सांडों का आना-जाना रहता है, लेकिन इस तरह की घटना पहली बार देखी गई.


कफ सिरप से अब तक कितने बच्चों ने गंवाई जान, जानें कितने राज्यों में इसका खौफ?

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कई राज्यों में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत हो गई है. दरअसल, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सबसे पहले यह मामला सामने आया, जिसमें कफ सिरप पीने से छोटे बच्चों की किडनी फेल हो गई और उनकी जान चली गई. अब धीरे-धीरे इससे होने वाली मौतों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है. इसके बाद से ही सरकारें और पुलिस दोनों इस मामले को लेकर गंभीर हो गए हैं. आइए जानते हैं कि इस जहरीले कफ सिरप ने किन राज्यों में कितने मासूमों की जान ली है?      

अब तक कितने बच्चों ने गंवाई जान?

कोल्ड्रिफ कंपनी का कफ सिरप पीने से कई राज्यों में बच्चों की मौतें हुई हैं. मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला का कहना है कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, बैतूल और पांढुर्णा जिलों में 7 सितंबर से लेकर अब तक 20 बच्चों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है. इसमें सबसे ज्यादा 17 मौतें अकेले छिंदवाड़ा में हुई हैं. इसके बाद यहां बीते 24 घंटों में मौत के 4 नए मामले भी सामने आए हैं. दूसरी ओर राजस्थान में 3 बच्चों को इस जहरीले कफ सिरप का खमियाजा भुगतना पड़ा. 

किन राज्यों में कफ सिरप का खौफ?

सिरप के इस्तेमाल से गई जानों के बाद अब सभी राज्यों की स्वास्थ्य व्यवस्था अलर्ट मोड में आ चुकी है. मध्य प्रदेश और राजस्थान के अलावा बाकी राज्यों में भी इसका खौफ देखने को मिल रहा है. इसके चलते केरल, तमिलनाडु और पंजाब में कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. इसके अलावा सिरप बनाने वाली इस कंपनी पर सख्ती दिखाई है और दवाइयों की जांच के आदेश भी दिए हैं. 

कफ सिरप से क्यों जा रही जान?

छोटे बच्चों को दिए जाने वाले इस कफ सिरप में मौजूद डायएथिलीन ग्लायकॉल नाम के खतरनाक केमिकल ने बच्चों की जान ली है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह केमिकल सीधे किडनी को डैमेज करता है . यह ऐसा केमिकल है, जिसका इस्तेमाल पेंट इंडस्ट्री में किया जाता है. इसको पीने से उल्टी, दस्त और कुछ दिन बाद पेशाब बंद होने जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं, जिसके बाद किडनी फेल के चलते इंसान की मौत हो जाती है.

सरकार ने दिए जांच के आदेश 

कोल्ड्रिफ कंपनी के इस जानलेवा कफ सिरप के सभी प्लांट्स पर राज्य सरकारों ने भी एक्शन लिया है, जिसके बाद इसकी बिक्री पर रोक लगाने के साथ-साथ बाजार में मौजूद इसके एक्स्ट्रा स्टॉक्स को भी हटवा लिया गया है. साथ ही, इसके सभी प्लांट्स पर बनने वाली दवाओं की जांच के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं.   

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अक्टूबर 2025: पांच ग्रहों की चाल से हिल जाएगा करियर! दिवाली के बाद किसे मिलेगी जॉब में सफलता?

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अक्टूबर 2025 वो महीना है जब ग्रहों की चाल सीधी नहीं बल्कि उलझी हुई है. एक साथ पांच प्रमुख ग्रह, बुध, शुक्र, सूर्य, गुरु और मंगल, राशि परिवर्तन करेंगे. ऐसा संयोग कई वर्षों बाद बन रहा है और ज्योतिष ग्रंथ साफ चेतावनी देते हैं, जब एक साथ पांच ग्रह राशि बदलें, तो कर्म और प्रतिष्ठा की परीक्षा होती है.

दिवाली के बीच इस महीने ग्रहों की चाल ऐसी है जैसे किसी ऑफिस में एक साथ मैनेजर, बॉस और HR तीनों का मूड बिगड़ जाए, काम वही, लेकिन दबाव दोगुना हो जाए.

बुध-सूर्य की टक्कर: ऑफिस पॉलिटिक्स और गलतफहमी का विस्फोट

2 अक्टूबर को बुध का कन्या राशि में उदय हो चुका है और 3 अक्टूबर से तुला राशि में गोचर कर रहा है. यह वही ग्रह है जो दिमाग, शब्द और समझ का स्वामी माना जाता है. वहीं 17 अक्टूबर को सूर्य तुला में प्रवेश करते ही नीचस्थ हो जाएगा.

अब जरा सोचिए, एक ओर बुद्धि का ग्रह (बुध) बार-बार राशि बदल रहा है और दूसरी ओर आत्म-सम्मान का ग्रह (सूर्य) अपनी कमजोरी की अवस्था में है. नतीजा, मिसकम्युनिकेशन, अहंकार और गलतफहमी का विस्फोट.

ऑफिस में छोटी बात भी बड़ी बन सकती है. कोई ईमेल गलत टाइम पर भेजा तो पूरा प्रोजेक्ट रुक सकता है. किसी मीटिंग में बोले गए शब्द को गलत समझ लिया गया तो रिलेशनशिप टूट सकता है.

बृहत् पराशर होराशास्त्र में कहा गया है

नीचस्थो भानुर्भवेन्मानहानिः, जब सूर्य नीच हो, तो व्यक्ति का मान-प्रतिष्ठा घटती है. इसलिए इस महीने कहने से ज़्यादा सोचने का समय है. जो भी बोलें, दो बार सोचकर बोलें.

शुक्र का नीच होना, क्या फल देगा

9 अक्टूबर 2025 से शुक्र कन्या राशि में प्रवेश करेगा, यानी अपने नीच स्थान में. शुक्र को भोग, सौंदर्य और आकर्षण का ग्रह कहा गया है. लेकिन जब यह कन्या में आता है तो व्यक्ति का फोकस चमक-दमक से हटकर कर्तव्य पर जाता है.

यह वह समय है जब ऑफिस की पार्टी से ज़्यादा बॉस का मूड पढ़ना ज़रूरी है. जो लोग दिखावे या सोशल मीडिया के प्रभाव में निर्णय लेंगे, वे पछताएंगे.

फलदीपिका क्या कहती है?

कन्यायां नीचो भोगहानिकारकः. यानी जब शुक्र कन्या में हो तो भोग-विलास घटता है और संघर्ष बढ़ता है. जो कर्मचारी अपने पैसे को दिखावे में खर्च करते हैं, फैशन, फोन, ट्रेंड या घुमक्कड़ी में, उनके लिए यह महीना भारी पड़ सकता है. क्योंकि यह वही समय है जब बैंक बैलेंस भी अहंकार की तरह गिर सकता है.

मंगल का आगमन: पावर स्ट्रगल और परफॉर्मेंस प्रेशर

27 अक्टूबर को मंगल अपनी ही राशि वृश्चिक में प्रवेश करेगा. यह गोचर जितना शक्तिशाली है, उतना ही विस्फोटक भी. मंगल कर्म, एक्शन और संघर्ष का कारक है. वृश्चिक राशि उसे गहराई और रणनीति देती है. यानी यह समय साइलेंट परफॉर्मेंस वर्सेस ओपन रिबेल का है. जो शांत रहकर काम करेंगे, वे जीतेंगे. जो गुस्से में जवाब देंगे, वे हारेंगे.

जातक पारिजात कहता है?

स्वक्षेत्रे बलवान् कुजो विजयं ददाति. यानी मंगल अपनी राशि में हो तो विजय देता है, पर अनुशासन आवश्यक है. इसलिए अगर आप किसी कॉर्पोरेट वॉर या प्रोजेक्ट-रिव्यू के दौर में हैं, याद रखें, धैर्य ही असली ताकत है.

इस समय Workplace Politics अपने चरम पर होगी. कई लोग आपकी सफलता से चिढ़ सकते हैं, लेकिन उन्हें जवाब देने से बेहतर है, साइलेंस से जवाब देना.

गुरु का कर्क में गोचर: दिवाली से चमकेगा भाग्य

दिवाली से एक दिन पहले 19 अक्टूबर 2025 को बृहस्पति कर्क राशि में प्रवेश करेगा. यह ग्रह ज्ञान, अवसर और भाग्य का दाता है. कर्क राशि जल तत्व की होने के कारण यह गोचर भावनाओं के सहारे सफलता दिला सकता है.

जिन लोगों ने अब तक ईमानदारी से मेहनत की है, उन्हें इस महीने अचानक रिवॉर्ड या अप्रेज़ल मिल सकता है. पर जो भावनात्मक होकर निर्णय लेंगे, उन्हें नुकसान भी हो सकता है. यह समय है जब कर्म और करुणा दोनों का बैलेंस बनाना होगा.

जातक पारिजात: गुरु देंगे कर्मों का शुभ फल

कर्के गुरुश्च शुभं कर्म फलप्रदः. जब गुरु कर्क में हो, तो कर्म का शुभ फल देता है.

जो लोग ट्रांसफर, प्रमोशन या नई नौकरी के लिए प्रयासरत हैं, उनके लिए यह महीना निर्णायक साबित होगा. बस एक बात ध्यान रखें, निर्णय भावनाओं में नहीं, विवेक से लें.

बुध का वृश्चिक गोचर: Secrets और Strategy का खुलासा

24 अक्टूबर को बुध वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा. बुध जब वृश्चिक में आता है तो दिमाग गहरा सोचता है, लेकिन कभी-कभी जरूरत से ज्यादा शक्की भी बन जाता है.

इस समय ऑफिस के सीक्रेट्स, पुराने ईमेल या चैट लीक जैसी घटनाएं सामने आ सकती हैं. आपके बारे में जो बातें पर्दे के पीछे चल रही थीं, वे अब खुल सकती हैं.

इसलिए यह महीना कहता है, Trust carefully, Talk selectively. जो चीज़ जरूरी नहीं है, उसे किसी के साथ शेयर न करें. क्योंकि यह समय गहराई में जाकर छिपी सच्चाइयों को उजागर करता है.

सूर्य का नीच होना: अहंकार और आत्मसम्मान पर खतरा!

दिवाली से तीन दिन पहले यानी 17 अक्टूबर को जब सूर्य तुला राशि में प्रवेश करेगा, तब वह नीच का हो जाएगा. यह काल Leadership Crisis Period कहलाता है. जो लोग ऑफिस में बॉस के बराबरी का रुख अपनाते हैं, उनके लिए यह समय खतरे का सिग्नल है.

सूर्य का नीचत्व यह बताता है कि इस महीने Power Display से ज्यादा जरूरी Humility है. आपका आत्मसम्मान तभी सुरक्षित रहेगा, जब आप अहंकार को किनारे रखेंगे. जो लोग विनम्र रहेंगे, वे अपने सीनियर्स की कृपा से आगे बढ़ेंगे.

करियर के लिए निर्णायक महीना, ये गलतियां न करें

  1. सालाना रिपोर्टिंग या परफॉर्मेंस डिस्कशन में बहस न करें.
  2. सोशल मीडिया पर निजी राय या शिकायत पोस्ट करने से बचें.
  3. किसी भी मेल या नोटिस का जवाब गुस्से में न दें.
  4. टाइम मैनेजमेंट और कम्युनिकेशन दोनों पर फोकस बढ़ाएं.
  5. नए प्रोजेक्ट या ट्रांसफर के निर्णय 25 अक्टूबर के बाद ही लें.

क्या करें इस समय में

  • सोमवार को भगवान शिव की उपासना करें, बुध-सूर्य दोष शमन के लिए.
  • मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें, मंगल की आक्रामकता को शांत करने के लिए.
  • गुरुवार को पीली दाल या चने का दान करें, गुरु का आशीर्वाद पाने के लिए.
  • ऑफिस में उत्तर-पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा रखें, सकारात्मक ऊर्जा बढ़ेगी.

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः. गुरु साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः. यह श्लोक हमें याद दिलाता है कि जीवन में गुरु, यानी अनुभव, ही सबसे बड़ा मार्गदर्शक है. और अक्टूबर का यह महीना उसी अनुभव की अग्नि में तपाने वाला है.

काम से जवाब देंगे, वही आगे बढ़ेंगे

अक्टूबर 2025 कर्म और अहंकार की भिड़ंत का महीना है. जो लोग शब्दों से नहीं, काम से जवाब देंगे, वही आगे बढ़ेंगे. ग्रहों की चाल कहती है कि यह समय नुकसान का नहीं, सीखने का है. नीच सूर्य, नीच शुक्र और आक्रामक मंगल, यह त्रिकोण आपको डराने नहीं, बल्कि आपको नया नजरिया देने आया है.

इस महीने कोई भी बड़ी गलती आपके साल भर की मेहनत पर पानी फेर सकती है, लेकिन सही संयम आपके लिए 2026 की सबसे बड़ी जीत का रास्ता खोल देगा.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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जल्दी डिस्चार्ज हो रही है आईफोन की बैटरी? इन सेटिंग्स को कर लें इनेबल

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आजकल फोन का इस्तेमाल बढ़ गया है और ऐसे में बैटरी को पूरे दिन चला पाना काफी मुश्किल हो गया है. अगर किसी जरूरी काम से घर से बाहर जाना पड़ जाए तो यह मुश्किल और बढ़ जाती है. इसे देखते हुए कंपनियां अब बड़ी बैटरी दे रही हैं, लेकिन फिर भी कई बार मुश्किल हो जाती है. अगर आप आईफोन यूजर्स हैं तो कई ऐसे तरीके हैं, जिनसे इस तरह की परेशानी से बचा जा सकता है. कुछ सेटिंग्स को ऑन कर आईफोन की बैटरी को लंबा चलाया जा सकता है. 

एडेप्टिव पावर मोड को करें इनेबल

हाल ही में लॉन्च हुई आईफोन 17 सीरीज में यह फीचर डिफॉल्ट ऑन रहता है, लेकिन आईफोन 16 और आईफोन 15 प्रो और प्रो मैक्स मॉडल में इसे मैनुअली ऑन करना पड़ता है. बैटरी सेटिंग में जाकर पावर मोड पर टैप करें और यहां पर एडेप्टिव पावर को इनेबल कर दें. यह मोड परफॉर्मेंस को एडजस्ट करता है. यह स्क्रीन ब्राइटनेस को कम करने के साथ-साथ बैकग्राउंड एक्टिविटी को लिमिटेड कर देता है.

Low Power Mode 

बैटरी को जल्दी डिस्चार्ज होने से रोकने के लिए यह बेहद काम का फीचर है. इसे इनेबल करने पर आईफोन केवल जरूरी टास्क करता है और बैकग्राउंड एक्टिविटीज बंद हो जाती है. आईफोन की बैटरी 20 प्रतिशत से कम होते ही यह अपने आप इनेबल हो जाता है. बैटरी सेटिंग में जाकर इसे पहले भी एक्टिवेट किया जा सकता है. इसके इनेबल होने पर बैटरी आइकन का रंग येलो हो जाता है.

स्क्रीन ब्राइटनेस को रखें कम

फोन की स्क्रीन के कारण बैटरी पर काफी असर पड़ता है. अब कंपनियां बड़े और ब्राइटर डिस्प्ले वाले फोन ला रही हैं, जिससे बैटरी की खपत जल्दी होती है. इसे रोकने के लिए स्क्रीन की ब्राइटनेस को कम किया जा सकता है. आईफोन के स्लाइडर बार से स्क्रीन ब्राइटनेस को कंट्रोल करने का ऑप्शन मिलता है. अगर आपको आउटडोर नहीं जाना होता तो ऑटो ब्राइटनेस फीचर को बंद कर भी बैटरी बचाई जा सकती है.

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ड्राइवर और श्रमिक के 1743 पदों पर आवेदन शुरू, जानें कौन कर सकते हैं अप्लाई

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तेलंगाना राज्य स्तरीय पुलिस भर्ती बोर्ड (TSLPRB) ने ड्राइवर और श्रमिक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस भर्ती के जरिए कुल 1743 पद भरे जाएंगे, जिसमें 1000 पद तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम में ड्राइवर के लिए और 743 पद श्रमिक के लिए होंगे. इच्छुक उम्मीदवार आज यानी 8 अक्टूबर 2025 से आवेदन शुरू कर सकते हैं. आवेदन की आखिरी तारीख 28 अक्टूबर 2025 रखी गई है. उम्मीदवार अधिकारिक वेबसाइट tgprb.in पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं. उम्मीदवार यहां दिए गए स्टेप्स के जरिए भी आवेदन कर सकते हैं.

ड्राइवर पद के लिए उम्मीदवार की आयु 1 जुलाई 2025 तक न्यूनतम 22 साल और अधिकतम 35 साल होनी चाहिए. साथ ही 1 जुलाई 2025 तक राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एसएससी (10वीं) या इसके समकक्ष परीक्षा पास होना जरूरी है.

श्रमिक पद की योग्यता

श्रमिक पद पर आवेदन के लिए उम्मीदवार की आयु 1 जुलाई 2025 को न्यूनतम 18 साल और अधिकतम 30 साल होनी चाहिए. साथ ही उम्मीदवार ने संबंधित ट्रेड में आईटीआई पूरा किया हो. इनमें मैकेनिक (डीजल / मोटर वाहन), शीट मेटल / एमवीबीबी, फिटर, ऑटो इलेक्ट्रीशियन / इलेक्ट्रीशियन, पेंटर, वेल्डर, कटिंग और सिलाई / अपहोल्स्टर, मिलराइट मैकेनिक या अन्य संबंधित ट्रेड शामिल हैं.

इतना देना होगा आवेदन शुल्क

ड्राइवर पद के लिए तेलंगाना के एससी और एसटी लोकल उम्मीदवारों को 300 रुपये आवेदन शुल्क देना होगा, जबकि अन्य उम्मीदवारों के लिए शुल्क 600 रुपये है. श्रमिक पद के लिए तेलंगाना के एससी और एसटी लोकल उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क 200 रुपये और अन्य उम्मीदवारों के लिए 400 रुपये निर्धारित किया गया है.

कैसे कर सकते हैं आवेदन

उम्मीदवार आवेदन करने के लिए TSLPRB की आधिकारिक वेबसाइट tgprb.in पर जाएं और ऑनलाइन फॉर्म भरें. आवेदन करते समय सभी दस्तावेज सही तरीके से अपलोड करना आवश्यक है. आवेदन फॉर्म जमा करने के बाद उसका प्रिंटआउट अपने पास सेव रख लें.

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क्या है 10 रुपये वाले बिस्किट का ट्रेंड, इस पर बार-बार क्यों बनाए जा रहे वीडियो?

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इंटरनेट पर वायरल हो रहे मजेदार डायलॉग ’10 रुपये वाला बिस्किट का पैकेट कितने का दिया जी’ ने सोशल मीडिया पर धूम मचा रखी है. चाहे इंस्टाग्राम हो, यूट्यूब हो या फिर फेसबुक, हर जगह लोग इसी डायलॉग पर रील्स बना रहे हैं और मस्ती कर रहे हैं. इस डायलॉग को बोलने का अनोखा अंदाज और चाल-ढाल ने लाखों लोगों का दिल जीत लिया है. अब यह ट्रेंड सिर्फ आम लोगों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि बड़े-बड़े सेलिब्रिटी भी इसमें कूद चुके हैं. 

क्या है 10 रुपये का बिस्किट वाला ट्रेंड?

इस मजेदार ट्रेंड की शुरुआत मेरठ के पास के एक छोटे से गांव इंचौली से हुई, जहां रहने वाले शादाब जकाती नाम के शख्स ने एक रील बनाई. इस वीडियो में शादाब एक किराना दुकान पर जाते हैं और दुकानदार से बड़े ही मासूम और मजाकिया अंदाज में पूछते हैं, ’10 रुपये वाला बिस्किट का पैकेट कितने का दिया जी.’ इसके बाद जब दुकानदार गुस्से में कहता है कि 10 रुपये वाला बिस्किट 10 रुपये का ही होगा तो शादाब बड़ी शालीनता से जवाब देते हैं कि पूछना तो पड़ेगा न जी. यही बात लोगों को इतनी पसंद आई कि इस डायलॉग को मीम्स, जोक्स और रील्स के लिए यूज किया जाने लगा. कई लोग इस डायलॉग को अपनी डेली लाइफ के हालातों से जोड़कर मजेदार वीडियो बना रहे हैं. 


बादशाह और रिंकू सिंह ने दिया बड़ा प्लेटफॉर्म

शादाब की किस्मत तब चमकी, जब जाने-माने रैपर बादशाह ने उनके डायलॉग पर रील बनाई. बादशाह ने इस वीडियो को खुद अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया. इसके बाद हजारों लोग इस डायलॉग पर रील्स बनाने लगे. वहीं, क्रिकेटर रिंकू सिंह भी इस ट्रेंड में शामिल हो गए. रिंकू सिंह ने भी इस डायलॉग पर रील बनाई और लोगों को खूब हंसाया. उनके मजेदार अंदाज और ह्यूमर की सोशल मीडिया पर खूब तारीफ हुई. 

लोगों ने किए ऐसे-ऐसे कमेंट्स

सोशल मीडिया पर इस ट्रेंड को लेकर लोगों की दीवानगी का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इंस्टाग्राम, फेसबुक और एक्स पर इस डायलॉग से जुड़े हजारों वीडियो बन चुके हैं. कुछ मजेदार कमेंट्स भी सामने आए, जैसे भाई ने तो बिस्किट को इंटरनेशनल बना दिया. अब तो दुकान वाले भी हंसते हैं जब हम बिस्किट मांगते हैं. पूछना तो पड़ेगा न जी, अब हमारी भी आदत बन गई है. शादाब के वीडियो लाखों बार देखे जा रहे हैं और उन्हें कई ब्रांड्स और मेकर्स की तरफ से ऑफर भी मिल रहे हैं.

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विमान में वेज खाने वाले यात्री को परोसा गया मांस, मौत के बाद इस एयरलाइन पर केस दर्ज

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कतर एयरवेज की एक फ्लाइट में मांसाहारी भोजन परोसने के कारण एक शाकाहारी यात्री की मौत हो गई. 85 वर्षीय यात्री के परिजनों ने एयरलाइन के खिलाफ गलत तरीके से हुई मौत को लेकर नया मुकदमा दायर किया है. परिजनों ने दावा किया कि एयरलाइन की लापरवाही के कारण 85 वर्षीय शाकाहारी यात्री अशोक जयवीरा की जान चली गई. यह हादसा जुलाई 2023 में लॉस एंजिल्स से कोलंबो जा रही कतर एयरवेज की उड़ान के दौरान हुआ.

अशोक जयवीरा अमेरिका के दक्षिणी कैलिफोर्निया में एक कार्डियोलॉजिस्ट थे, जो लॉस एंजिल्स से श्रीलंका की राजधानी कोलंबो जा रहे थे. उन्होंने उड़ान से पहले शाकाहारी भोजन का ऑर्डर दिया था, लेकिन फ्लाइट में उन्हें मांसाहारी भोजन परोसा गया. उन्होंने मांसाहारी भोजन को चारों ओर से खाने की कोशिश की और इसी दौरान एक टुकड़ा उनके गले में फंस गया, जिससे उनकी सांस रुक गई और उनकी मौत हो गई.

मृतक यात्री के परिजनों ने एयरलाइन पर लगाया आरोप

जयवीरा के परिजनों ने दाखिल किए गए नए मुकदमे में आरोप लगाया कि इस घटना के दौरान विमान के पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग करने से भी मना कर दिया था. इसके पीछे पायलट ने तर्क दिया था कि विमान उस वक्त आर्कटिक सर्कल/आर्कटिक महासागर के ऊपर उड़ान भर रहा था. हालांकि, जयवीरा के बेटे सूर्या ने कहा कि उस समय विमान वास्तव में अमेरिका के मिडवेस्ट इलाके के ऊपर से गुजर रहा था और आसानी से डायवर्ट किया जा सकता था.

साढ़े तीन घंटे बाद विमान ने की लैंडिंग, मर चुका था यात्री

शिकायत में कहा गया कि जब विमान आखिर में स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग में लैंड हुआ, तब तक अशोक जयवीरा करीब साढ़े तीन घंटे तक बेहोश पड़े थे. इसके बाद उन्हें अस्पताल लेकर जाया गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.

जयवीरा के परिवार ने एयरलाइन पर लगाया लापरवाही का आरोप

अशोक जयवीरा का परिवार एयरलाइन पर लापरवाही और गलत तरीके से मौत का मुकदमा कर रहा है. उनका कहना है कि एयरलाइन को स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तुरंत आपातकालीन लैंडिंग करनी चाहिए थी. यह मामला मोनेट्रियल कंवेशन के अंतर्गत आता है, जो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में मौत और चोट के मामले में एयरलाइनों की जिम्मेदारी को तय करता है.

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