Mars Transit 2025: मंगल 13 सितंबर को रात 08:21 मिनट पर कन्या राशि की यात्रा को खत्म करते हुए तुला राशि में गोचर करेंगे. मंगल को ज्योतिष शास्त्र में अग्नि तत्व का प्रतिनिधि और क्रूर ग्रह माना जाता है, जो साहस, ऊर्जा, जुझारूपन और संघर्ष का प्रतीक है.
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि मंगल 13 सितंबर को मंगल रात 08:21 मिनट पर कन्या राशि से तुला राशि में गोचर करेंगे.
मंगल तुला राशि में 27 अक्टूबर तक रहेगा. यह ग्रह जीवन में सक्रियता और पराक्रम लाता है, लेकिन इसकी कमजोर या अशुभ स्थिति व्यक्ति के स्वास्थ्य, संबंधों और वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है.
मंगल ग्रह की स्थिति व्यक्ति की कुंडली में अत्यंत महत्वपूर्ण होती है. यदि मंगल कमजोर हो या अशुभ स्थिति में हो, तो इसके कारण कई प्रकार की परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे तनाव, पारिवारिक झगड़े, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और आर्थिक नुकसान.
ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को ऊर्जा, साहस, पराक्रम और द्दढ़ संकल्प का कारक ग्रह माना जाता है. मंगल ग्रह का संबंध भूमि से भी होता है. जिन जातकों की कुंडली में मगंल ग्रह शुभ स्थान पर होते हैं वह व्यक्ति साहसी, नेतृत्व करने में योग्य और बहुत ही उत्साही स्वभाव का होता है,
वहीं दूसरी तरफ मंगल के कुंडली में पीड़ित होने पर व्यक्ति व्यक्ति में आक्रामकता,संघर्ष और आतुरता से भरा हुआ होता है. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में मंगल को ऊर्जा, साहस, आक्रामकता और द्दढ़ संकल्प का प्रतीक होता है.
मंगल के गोचर करने से देश दुनिया पर विशेष तरह का प्रभाव देखने को मिलता है. इसके साथ ही सभी 12 राशियों के जातकों के ऊपर भी प्रभाव देखने को मिलता है.
ग्रहों के सेनापति हैं मंगल
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में मंगल को सभी ग्रहों का सेनापति होने का दर्जा प्राप्त है. मंगल मेष राशि और वृश्चिक राशि के स्वामी माने गए हैं.
मकर राशि में मंगल उच्च के हो जाते हैं वहीं कर्क राशि में मंगल को नीच का माना जाता है. सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति से इनकी मित्रता है. बुध से मंगल की नहीं बनती है.
जबकि शुक्र और शनि इनके सम संबंध हैं. मंगल देव पराक्रम, स्फूर्ति, साहस, आत्मविश्वास, धैर्य, देश प्रेम, बल, रक्त, महत्वकांक्षा एवं शस्त्र विद्या के अधिपति माने गए है.
यहां आपको विशेष रूप से बताना चाहता हूं कि अग्नि तत्व होने से मंगल सभी प्राणियों को जीवन शक्ति देता है. यह प्रेरण, उत्साह एवं साहस का प्रेरक होता है.
मंगल का शुभ-अशुभ प्रभाव
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि रोजगार के क्षेत्रों में वृद्धि होगी. आय में बढ़ोतरी होगी. देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ रहेगा.
खाने की चीजों की कीमतें सामान्य रहेंगी. सब्जियां, तिलहन और दलहन की कीमतें कम होंगी. व्यापार में तेजी रहेगी. सोने चांदी के भाव में वृद्धि होगी.
राजनीति में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा. प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड भूकंप गैस दुर्घटना वायुयान दुर्घटना होने की संभावना. पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा.
पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा. मंगल की वजह से दुर्घटना होने की आशंका है. देश के कुछ हिस्सों में हवा के साथ बारिश रहेगी. भूकंप या अन्य तरह से प्राकृतिक आपदा आने की भी आशंका है.
करें पूजा-पाठ और दान
डा. अनीष व्यास ने बताया कि मंगल के अशुभ असर से बचने के लिए हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए. लाल चंदन या सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए.
तांबे के बर्तन में गेहूं रखकर दान करने चाहिए. लाल कपड़ों का दान करें. मसूर की दाल का दान करें. शहद खाकर घर से निकलें. हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें. मंगलवार को बंदरों को गुड़ और चने खिलाएं.
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