गर्भवती महिलाएं पितृपक्ष में क्या न करें, शिशु पर पड़ सकता है असर

गर्भवती महिलाएं पितृपक्ष में क्या न करें, शिशु पर पड़ सकता है असर


आश्विन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष चलते हैं. यह समय पूर्वजों को याद करने और उन्हें श्रद्धांलजि अर्पित करने का होता है. ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष के समय मृत पूर्वज अपने परिवार वालों से मिलने धरती पर आते हैं और सर्व पितृ अमावस्या पर वापस लौट जाते हैं.

आश्विन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष चलते हैं. यह समय पूर्वजों को याद करने और उन्हें श्रद्धांलजि अर्पित करने का होता है. ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष के समय मृत पूर्वज अपने परिवार वालों से मिलने धरती पर आते हैं और सर्व पितृ अमावस्या पर वापस लौट जाते हैं.

पितृ पक्ष के समय पितरों की आत्मा की शांति और उनकी आशीर्वाद पाने के लिए पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण आदि किया जाता है. इस समय खान-पान को लेकर कई नियमों का पालन करना होता है, कोई मांगलिक काम नहीं होते और कई चीजें वर्जित होती हैं.

पितृ पक्ष के समय पितरों की आत्मा की शांति और उनकी आशीर्वाद पाने के लिए पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण आदि किया जाता है. इस समय खान-पान को लेकर कई नियमों का पालन करना होता है, कोई मांगलिक काम नहीं होते और कई चीजें वर्जित होती हैं.

इसी के साथ पितृ पक्ष के समय खासकर गर्भवती स्त्रियों का सावधानी बरतनी चाहिए. यदि गर्भवती महिलाएं इन बातों का ध्यान नहीं रखेंगी, तो इसका प्रतिकूल प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ सकता है. इसलिए जान लें कि पितृ पक्ष के 15 दिनों में प्रेग्नेंट महिला क्या नहीं करें.

इसी के साथ पितृ पक्ष के समय खासकर गर्भवती स्त्रियों का सावधानी बरतनी चाहिए. यदि गर्भवती महिलाएं इन बातों का ध्यान नहीं रखेंगी, तो इसका प्रतिकूल प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ सकता है. इसलिए जान लें कि पितृ पक्ष के 15 दिनों में प्रेग्नेंट महिला क्या नहीं करें.

पितृ पक्ष के समय गर्भवती महिला को तामसिक भोजन (मांसाहार, लहसुन-प्याज और अधिक तला भुना) का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दौरान सात्विक भोजन ही ग्रहण करें. इससे मन और शरीर दोनों शांति रहेंगे, जोकि बच्चे के लिए भी अच्छा है.

पितृ पक्ष के समय गर्भवती महिला को तामसिक भोजन (मांसाहार, लहसुन-प्याज और अधिक तला भुना) का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दौरान सात्विक भोजन ही ग्रहण करें. इससे मन और शरीर दोनों शांति रहेंगे, जोकि बच्चे के लिए भी अच्छा है.

पितृ पक्ष के श्राद्ध में पितरों के लिए जो भी भोजन बनाया जाए, उसे गर्भवती महिला को छूने से भी बचना चाहिए और ना ही खाना चाहिए. गर्भावस्था के समय पिंड दान वाले स्थानों पर भी नहीं जाना चाहिए.

पितृ पक्ष के श्राद्ध में पितरों के लिए जो भी भोजन बनाया जाए, उसे गर्भवती महिला को छूने से भी बचना चाहिए और ना ही खाना चाहिए. गर्भावस्था के समय पिंड दान वाले स्थानों पर भी नहीं जाना चाहिए.

इस साल 2025 में पितृ पक्ष के पहले और अंतिम दिन ग्रहण भी लगेगा. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को बहुत संभलकर रहने की जरूरत है. ग्रहण के समय घर से बाहर निकलें, पेट पर गेरु लगाएं और नुकीली चीजों के प्रयोग से बचें. बता दें कि पितृ पक्ष के पहले दिन पूर्ण चंद्र ग्रहण और अंतिम दिन यानी सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण लगेगा.

इस साल 2025 में पितृ पक्ष के पहले और अंतिम दिन ग्रहण भी लगेगा. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को बहुत संभलकर रहने की जरूरत है. ग्रहण के समय घर से बाहर निकलें, पेट पर गेरु लगाएं और नुकीली चीजों के प्रयोग से बचें. बता दें कि पितृ पक्ष के पहले दिन पूर्ण चंद्र ग्रहण और अंतिम दिन यानी सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण लगेगा.

Published at : 29 Aug 2025 09:38 AM (IST)

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