यूएस हाई टैरिफ से पहले सोना सस्ता हुआ या महंगा? जानें आज 26 अगस्त 2025 को आपके शहर का ताजा भाव

यूएस हाई टैरिफ से पहले सोना सस्ता हुआ या महंगा? जानें आज 26 अगस्त 2025 को आपके शहर का ताजा भाव


Gold Price Today: यूएस हाई टैरिफ के लागू होने से ठीक एक दिन पहले सोने के दाम में तेजी देखने को मिली है. सोमवार को जहां सोने की कीमतों में गिरावट आई थी, वहीं मंगलवार 26 अगस्त 2025 को सोना फिर महंगा हो गया. आज 24 कैरेट सोना कल के मुकाबले करीब ₹500 बढ़कर 1,00,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है. वहीं 22 कैरेट सोना 93,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है.

आइये जानते हैं आपके शहरों का ताजा भाव:

सोने की यह बढ़त ऐसे समय आई है जब बुधवार 27 अगस्त से अमेरिका की ओर से भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लागू हो जाएगा. इसके बाद भारत से जाने वाले सामानों पर कुल 50% टैरिफ लग जाएगा. यह फैसला अमेरिका ने रूस से भारत की सस्ते तेल खरीद को लेकर लिया है.

दिल्ली, जयपुर, नोएडा, गाजियाबाद और लखनऊ में आज 24 कैरेट सोना 1,00,900 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से बिक रहा है. वहीं 22 कैरेट सोना इन शहरों में 93,700 रुपये पर उपलब्ध है. इसके अलावा चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु और पटना में 24 कैरेट सोना 1,00,800 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 93,600 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से कारोबार कर रहा है. यानी सोना आज ज्यादातर जगहों पर महंगा हुआ है और निवेशकों ने इसे सुरक्षित निवेश (Safe Haven) के तौर पर खरीदा है.

कैसे तय होता है सोने का रेट?

सोने और चांदी की कीमतें रोज़ाना तय होती हैं और इन पर कई कारक असर डालते हैं. मुख्य कारण इस प्रकार हैं:

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतें अमेरिकी डॉलर में तय होती हैं. अगर डॉलर मजबूत होता है या रुपया कमजोर पड़ता है, तो भारत में सोने-चांदी की कीमतें बढ़ जाती हैं. भारत में सोने का ज्यादातर हिस्सा आयात किया जाता है. इसलिए इंपोर्ट ड्यूटी, जीएसटी और स्थानीय टैक्स इसकी कीमत को सीधे प्रभावित करते हैं. वैश्विक घटनाएं जैसे युद्ध, मंदी, या ब्याज दरों में बदलाव, इन धातुओं की कीमत पर बड़ा असर डालते हैं. अनिश्चितता बढ़ने पर निवेशक सोने को “सुरक्षित निवेश” मानकर खरीदते हैं, जिससे कीमतें चढ़ जाती हैं.

भारत में सोना सिर्फ निवेश नहीं बल्कि परंपरा और संस्कृति से जुड़ा है. शादी-ब्याह, त्योहार और शुभ अवसरों पर सोने की खरीदारी ज़रूरी मानी जाती है. इस वजह से मांग बढ़ने पर कीमतें ऊपर जाती हैं. सोना लंबे समय से महंगाई के खिलाफ बचाव (Hedge) का काम करता रहा है. जब महंगाई या शेयर बाजार में जोखिम बढ़ता है, लोग सोने में निवेश करना सुरक्षित मानते हैं. इससे इसकी मांग और कीमत दोनों बढ़ जाती हैं. मतलब, सोने-चांदी की कीमतें सिर्फ बाजार के हिसाब से नहीं बल्कि डॉलर, टैक्स, ग्लोबल सिचुएशन और भारतीय परंपराओं से भी तय होती हैं.