पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार इन दिनों इंजीनियर मोहम्मद अली मिर्जा से काफी परेशान है. मिर्जा झेलम के मशहूर और विवादित धार्मिक स्कॉलर हैं. हाल ही में झेलम पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है. अधिकारियों ने बताया कि मिर्जा की अकादमी को भी सील कर दिया गया है. ये कार्रवाई सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए 3 MPO मेंटेनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर कानून के तहत की गई है. मिर्जा मोहम्मद अली जिन्ना के बजाए महात्मा गांधी को बड़ा रहनुमा मानते हैं.
किस कानून के तहत हुई गिरफ्तारी
पुलिस अधिकारियों के अनुसार मिर्जा की गिरफ्तारी जिला मजिस्ट्रेट यानी डिप्टी कमिश्नर के आदेश पर की गई. गिरफ्तारी के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है. ये कार्रवाई प्रशासनिक उपायों के तहत की गई है, जिसमें 3 MPO कानून का इस्तेमाल किया गया. इस कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को सार्वजनिक व्यवस्था बिगाड़ने की आशंका पर हिरासत में लिया जा सकता है.
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि यह कदम किसी भी प्रकार की भीड़भाड़ या सभा को रोकने के लिए उठाया गया है. हाल के दिनों में जिलेभर में धार्मिक संस्थाओं और अकादमियों की निगरानी तेज कर दी गई है. अधिकारियों का कहना है कि शांति-व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी संभावित अशांति को रोकने के लिए यह कदम उठाना जरूरी था.
क्यों डर रही है पाकिस्तान की सरकार ?
पाकिस्तानी इंजीनियर मोहम्मद अली मिर्जा धर्म पर अपने अलग विचार रखते हैं, जो कई बार विवाद पैदा कर देते हैं. कभी वे अहमदियों पर बयान देकर विवाद खड़ा कर देते हैं, तो कभी मुस्लिम संतों पर की गई टिप्पणी को लेकर आलोचना झेलते हैं. उन पर नफरत फैलाने और तौहीन-ए-रसूल जैसे गंभीर मुकदमे भी दर्ज हो चुके हैं.
पाकिस्तानी सरकार की सबसे बड़ी चिंता यह है कि मिर्ज़ा का ऑनलाइन लेक्चर्स सुनने वालों की बड़ी तादाद है, जो उनकी सोच से प्रभावित हो सकती है और इससे समाज में टकराव और तनाव बढ़ने का खतरा बना रहता है.
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