WhatsApp का नया धमाका! अब अपने आप मिल जाएगा स्कैम अलर्ट, जानिए कैसे काम करता है ये नया सेफ्टी फ

WhatsApp का नया धमाका! अब अपने आप मिल जाएगा स्कैम अलर्ट, जानिए कैसे काम करता है ये नया सेफ्टी फ


Whatsapp Scam Alert: WhatsApp यूज़र्स की सुरक्षा को लेकर लगातार नए फीचर्स जोड़ रहा है. इसी कड़ी में अब WhatsApp ने ग्रुप चैट्स के लिए एक नया Scam Alert फीचर रोलआउट किया है जिससे यूज़र्स को अनचाहे और संदिग्ध ग्रुप्स से बचाया जा सकेगा. इस नए फीचर के तहत जब कोई यूज़र किसी ऐसे ग्रुप में जोड़ा जाता है, जहां से उसे जोड़ने वाला व्यक्ति उसके कॉन्टैक्ट लिस्ट में नहीं है तो WhatsApp एक अलर्ट नोटिफिकेशन भेजेगा. इस अलर्ट में उस ग्रुप की महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी जैसे उसमें कितने लोग हैं, यूज़र के कॉन्टैक्ट में से कोई सदस्य उसमें मौजूद है या नहीं, और ग्रुप कब शुरू हुआ था.

बिना चैट खोले ग्रुप से बाहर निकलने का विकल्प

यूज़र्स को इस अलर्ट के साथ कुछ सुरक्षा टिप्स भी दिए जाएंगे ताकि वे स्कैम से बच सकें. अगर यूज़र को ग्रुप संदिग्ध लगे तो वह बिना चैट खोले ही Leave Group का विकल्प चुन सकता है. हालांकि, अगर यूज़र चाहें तो वे चैट को खोलकर उसमें भाग भी ले सकते हैं.

क्यों ज़रूरी था यह नया फीचर?

पिछले कुछ समय में स्कैमर्स अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स से लोगों को टारगेट कर उन्हें WhatsApp पर जोड़कर फंसाने लगे हैं. खासकर WhatsApp ग्रुप्स का उपयोग इन्वेस्टमेंट स्कैम के लिए बड़े पैमाने पर किया जा रहा है जहां पहले लोगों को जोड़कर भरोसा दिलाया जाता है और फिर उन्हें फर्जी ऐप डाउनलोड करवा कर पैसे ठगे जाते हैं.

जल्द आएगा डायरेक्ट मैसेज अलर्ट फीचर

WhatsApp फिलहाल डायरेक्ट मैसेज के लिए भी ऐसे ही स्कैम अलर्ट फीचर पर काम कर रहा है ताकि व्यक्तिगत चैट्स में भी यूज़र को किसी अनजान नंबर से खतरे का संकेत मिल सके. हालांकि, यह सुविधा अभी विकास के चरण में है.

स्कैम अकाउंट्स पर कड़ी कार्रवाई

सिर्फ अलर्ट फीचर ही नहीं, WhatsApp स्कैम में शामिल खातों को ब्लॉक करने में भी सक्रिय है. Meta की जून महीने की कंप्लायंस रिपोर्ट के अनुसार, प्लेटफॉर्म ने भारत में 9.8 मिलियन (98 लाख) से ज्यादा अकाउंट्स को बैन किया है. इन पर दुरुपयोग, अफवाह फैलाने और अन्य नियम उल्लंघन के आरोप थे.

WhatsApp का कहना है कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक गतिविधियों और कंटेंट की पहचान के लिए तीन-चरणीय एब्यूज डिटेक्शन सिस्टम का इस्तेमाल करता है जिसमें अकाउंट बनाते समय, मैसेज भेजते समय और यूज़र फीडबैक के आधार पर निगरानी शामिल होती है.

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