Jensen Huang: एक समय था जब ट्रंप के पहले कार्यकाल में Apple के CEO टिम कुक को अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक रिश्तों का मास्टरमाइंड माना जाता था. उन्होंने ट्रंप प्रशासन के साथ मजबूत संबंध बनाए और बीजिंग से भी दूरी नहीं बनाई. इसका नतीजा यह रहा कि एप्पल अमेरिकी टैक्स से बचा रहा और चीन में भी लगातार विकास करता रहा. लेकिन ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में हालात बदल चुके हैं. अब एप्पल का ताज Nvidia के सिर सजा है और इसके CEO जेन्सन हुआंग को आज अमेरिका के सबसे प्रभावशाली टेक लीडर के रूप में देखा जा रहा है. AI की दुनिया में Nvidia की सफलता ने हुआंग को सिर्फ एक कारोबारी नहीं बल्कि वैश्विक राजनीतिक चेहरा बना दिया है.
AI की ताकत और हुआंग का उदय
Wedbush एनालिस्ट डैन आइव्स कहते हैं, “AI क्रांति में Nvidia के चिप्स की भूमिका ने हुआंग को टिम कुक से कहीं आगे पहुंचा दिया है.” उनका मानना है कि आज पूरी दुनिया में AI को ताकत देने वाला प्रमुख चिप केवल Nvidia का ही है. हाल ही में हुआंग ने बीजिंग का दौरा किया, जहां उन्होंने Nvidia के H20 AI चिप की बिक्री फिर से शुरू करने की घोषणा की.
इन चिप्स की चीन को बिक्री पर इस साल की शुरुआत में रोक लगी थी लेकिन हुआंग ने खुलकर इसका विरोध किया था और इसके खिलाफ लॉबिंग की थी. उनकी कोशिशें रंग लाईं और अब अमेरिका ने इस फैसले में ढील दी है.
राजनीति में बढ़ता दबदबा
इस ऐतिहासिक जीत से यह साफ है कि हुआंग का ट्रंप प्रशासन पर प्रभाव बढ़ता जा रहा है. चीन रवाना होने से पहले वे वॉशिंगटन डीसी में ट्रंप से मुलाकात कर चुके थे. उनके इसी प्रभाव का नतीजा रहा कि H20 चिप पर लगे प्रतिबंध में नरमी आई. विशेषज्ञों के अनुसार, हुआंग ने अमेरिकी प्रशासन को समझाया कि चिप पर रोक लगाना अमेरिका की तकनीकी बढ़त को कमजोर कर सकता है और इससे चीनी कंपनियों को फायदा मिलेगा.
Nvidia ने हाल ही में UAE को सैकड़ों हजारों AI चिप्स की आपूर्ति का सौदा भी किया है जिसमें हुआंग ने ट्रंप के साथ मिलकर अहम भूमिका निभाई थी. यह सौदा अमेरिका की वैश्विक टेक लीडरशिप को मज़बूत करता है खासकर चीन की Huawei जैसी कंपनियों के मुकाबले.
टिम कुक और मस्क हुए पीछे
पहले माना जा रहा था कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में एलन मस्क प्रशासन के सबसे करीबी टेक लीडर होंगे लेकिन उनका ट्रंप से रिश्ता अब उतना मधुर नहीं रहा. वहीं टिम कुक को अब प्रशासन की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है खासकर एप्पल द्वारा भारत में निर्माण यूनिट्स शुरू करने पर.
ट्रंप प्रशासन के सलाहकार पीटर नवैरो ने हाल ही में कुक की आलोचना करते हुए कहा कि वे चीन से मैन्युफैक्चरिंग हटाने में बहुत धीमे हैं. कभी सबसे प्रभावशाली माने जाने वाले कुक और एप्पल अब राजनीतिक क्षेत्र में पीछे छूटते दिख रहे हैं.
भविष्य की अनिश्चितताएं बरकरार
हालांकि हुआंग का प्रभाव फिलहाल शीर्ष पर है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थायी नहीं है. DGA-अलब्राइट स्टोनब्रिज ग्रुप के पॉल ट्रिओलो के अनुसार, ट्रंप प्रशासन की नीति में लगातार बदलाव होते रहे हैं जिससे कंपनियों को भारी नुकसान और री-डिज़ाइन की जरूरत पड़ी है.
इसके अलावा, अमेरिका फिलहाल सेमीकंडक्टर सेक्टर की जांच कर रहा है जिससे Nvidia एक बार फिर ट्रंप सरकार की नीतियों के निशाने पर आ सकती है. भले ही Nvidia कुछ निर्माण अमेरिका में कर रहा हो लेकिन उसका बड़ा हिस्सा अब भी ताइवान में होता है.
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