अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस दावे ने हलचल मचा दी है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पांच लड़ाकू विमान मार गिराए गए थे. हालांकि, उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया कि ये पांच जहाज किसके थे. ट्रंप के इस दावे के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है और वह सोमवार (21 जुलाई, 2025) से शुरू हो रहे मानसून सत्र में भी जोरशोर से यह मुद्द जरूर उठाएगा. इस बीच एक पाक एक्सपर्ट ने कहा है कि पाकिस्तान जो भारत के पांच राफेल गिराने के दावे कर रहा है, वो गलत हैं.
पाक एक्सपर्ट डॉ. मुक्तेदार खान ने कहा, ‘भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में कहा था कि 5 और 6 जहाज गिराने के जो दावे पाकिस्तान कर रहा है, वो गलत हैं और मुझे भी लगता है कि वो सही कर रहे थे.’ उन्होंने कहा कि भारत को पांच राफेल का नुकसान नहीं हुआ है, शायद एक राफेल और दो फाइटर जेट मार गिराए गए.
सीजफायर के अमेरिका के दावों पर क्या बोले पाक एक्सपर्ट?
मुक्तेदार खान ने कहा कि सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने माना था कि 7 मई को भारत को कुछ नुकसान हुआ था, जिसकी वजह से हमें रणनीति बदलनी पड़ी. पाक एक्सपर्ट ने कहा कि उन्हें लगता है कि एक राफेल और दो जहाजों का भारत को शायद नुकसान हुआ है.’ डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर मुक्तेदार खान ने कहा कि ट्रंप ने पांच जहाजों के नुकसान की जो बात की है, वो शायद भारत से चिढ़े हुए हैं क्योंकि भारत सीजफायर में अमेरिका की मध्यस्थता के उनके दावों को नकार रहा है.
कैसे भारत और पाकिस्तान सीजफायर के लिए माने, पाक एक्सपर्ट ने बताया
मुक्तेदार खान ने कहा, ‘मैंने वो सीजफायर वाली अमेरिका, भारत और पाकिस्तान के बीच हुई बात की सीक्वेंसिंग को कई बार पढ़ा है और उससे मुझे लगता है कि अमेरिका ने इंडिया को फोन किए और इंडिया ने अमेरिका से कहा कि अगर पाकिस्तान रुका तो हम रुक जाएंगे. मार्को रुबियो को डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि हम तो रुकने वाले नहीं हैं अगर वो रुके तो हम रुक जाएंगे. तो मार्को रुबियो ने पाकिस्तान से पूछा कि क्या तुम रुकने को तैयार हो और पाकिस्तान ने कहा कि हां हम रुकने को तैयार हैं. फिर मार्को रुबियो ने भारत से कहा कि वो रुकने को तैयार हैं तो इस तरह सीजफायर हुआ होगा. तो अगर मार्को रुबियो बीच में बात कर रहे हैं तो इसे ही तो मध्यस्थता कहेंगे.’
पाक एक्सपर्ट ने कहा कि ये हो सकता है कि डोनाल्ड ट्रंप ने बाद में ट्रेड की बात जोड़ दी हो, लेकिन ट्रेड की कोई बात नहीं हुई. उनके दिमाग में ट्रेड चलती रहती है. उन्होंने कहा कि भारत शायद इस बात से नाराज है, जो अमेरिका ने शुरू में कही थी कि वह कश्मीर के मुद्दे पर मध्यस्थता करेंगे, लेकिन वह अब ऐसा नहीं कह रहे हैं.
कश्मीर मुद्दे में घुसने की कोशिश करते हैं ट्रंप, पाक एक्सपर्ट ने कहा
डॉ. मुक्तेदार खान ने कहा कि बार-बार अमेरिका कश्मीर के मुद्दे में घुसने की कोशिश करता है और इस बात से भारत नाराज है. उन्होंने कहा कि साल 2017 में भी डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर के मुद्दे में घुसने की कोशिश की थी और बराक ओबामा ने कश्मीर मुद्दे के लिए एक स्पेशल राजदूत को नियुक्त कर दिया था, लेकिन फिर भारत की आपत्ति के बाद 48 घंटे के अंदर उन्हें उसे हटाना पड़ा.
नोबल पुरस्कार के लिए ट्रंप को नॉमिनेट करना भारत के लिए क्यों जरूरी?
डॉ. मुक्तेदार खान ने कहा कि बड़ी मुश्किल भारत के लिए तब हो सकती है, अगर डोनाल्ड ट्रंप को नोबल प्राइज नहीं मिला और ट्रंप को लगा कि भारत ने सीजफायर की बात नहीं मानी इसलिए यह उन्हें नहीं मिला. उन्होंने कहा कि इजरायल और पाकिस्तान तो उनको नॉमिनेट कर चुके हैं. अब अगर भारत भी एंडोर्स कर देता है और कहता है कि हां उन्होंने सीजफायर करवाया तो मुझे लगता है कि अमेरिका ट्रेड के इंटरेस्ट रेट पर 4-5 पॉइंट कम कर सकता है इसलिए भारत को यह डील से पहले कर देना चाहिए.