कांवड़ यात्रा बीच में छोड़ने पर क्या होता है ?

कांवड़ यात्रा बीच में छोड़ने पर क्या होता है ?


कांवड़ यात्रा की शुरुआत 11 जुलाई से हुई थी अब इसका समापन 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि पर होगा. कांवड़ यात्रा एक कठिन तपस्या है, जो मानसिक दृढ़ता से होती है.

कांवड़ यात्रा की शुरुआत 11 जुलाई से हुई थी अब इसका समापन 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि पर होगा. कांवड़ यात्रा एक कठिन तपस्या है, जो मानसिक दृढ़ता से होती है.

ज्योतिषियों के अनुसार कांवड़ यात्रा एक बार शुरू करने पर 1-2 या 12 साल तक की जाती है. ध्यान रहे कांवड़ यात्रा में नियमों का विशेष पालन करना होता है. साथ ही अगर कांवड़ यात्रा बीच में छोड़ दी जाए तो व्यक्ति को दोष लगता है.

ज्योतिषियों के अनुसार कांवड़ यात्रा एक बार शुरू करने पर 1-2 या 12 साल तक की जाती है. ध्यान रहे कांवड़ यात्रा में नियमों का विशेष पालन करना होता है. साथ ही अगर कांवड़ यात्रा बीच में छोड़ दी जाए तो व्यक्ति को दोष लगता है.

किसी श्रद्धालु के साथ कोई ऐसी घटना जैसे सेहत खराब होना, परिवार में कोई  अप्रिय घटना हो जाए तो वो व्यक्ति कांवड़ यात्रा बीच में छोड़ सकता है. इसके लिए भोलेनाथ से क्षमा प्रार्थना करके अगले साल यात्रा का संकल्प कर सकता है.

किसी श्रद्धालु के साथ कोई ऐसी घटना जैसे सेहत खराब होना, परिवार में कोई अप्रिय घटना हो जाए तो वो व्यक्ति कांवड़ यात्रा बीच में छोड़ सकता है. इसके लिए भोलेनाथ से क्षमा प्रार्थना करके अगले साल यात्रा का संकल्प कर सकता है.

कई विद्वानों के अनुसार अगर कोई श्रद्धालु जानबूझकर कांवड़ यात्रा बीच में छोड़ता है तो वो पाप का भागी बनता है. जीवन में शारीरिक, मानसिक जैसी अनेक समस्याओं का उसे सामना करना पड़ता है.

कई विद्वानों के अनुसार अगर कोई श्रद्धालु जानबूझकर कांवड़ यात्रा बीच में छोड़ता है तो वो पाप का भागी बनता है. जीवन में शारीरिक, मानसिक जैसी अनेक समस्याओं का उसे सामना करना पड़ता है.

माना जाता है कि कांवड़ को कंधे पर उठाकर चलना अपने अहंकार को त्यागने का प्रतीक है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कंधे पर कांवड़ रखकर गंगाजल लाने से सारे पाप खत्म हो जाते हैं मोक्ष की प्राप्ति होती है.

माना जाता है कि कांवड़ को कंधे पर उठाकर चलना अपने अहंकार को त्यागने का प्रतीक है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कंधे पर कांवड़ रखकर गंगाजल लाने से सारे पाप खत्म हो जाते हैं मोक्ष की प्राप्ति होती है.

कांवड़ यात्रा सनातन परंपरा की विराटता को भी दर्शती है. इसे धूमिल नहीं करना चाहिए इसकी पवित्रता को कायम करते हुए इस यात्रा को पूर्ण करना चाहिए.

कांवड़ यात्रा सनातन परंपरा की विराटता को भी दर्शती है. इसे धूमिल नहीं करना चाहिए इसकी पवित्रता को कायम करते हुए इस यात्रा को पूर्ण करना चाहिए.

Published at : 21 Jul 2025 07:15 AM (IST)

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