कहीं ‘Banksying’ के चक्कर में Toxic तो नहीं हो रहा आपका रिलेशन, डेट कर रहे लोग जरूर जानें

कहीं ‘Banksying’ के चक्कर में Toxic तो नहीं हो रहा आपका रिलेशन, डेट कर रहे लोग जरूर जानें


घोस्टिंग, ब्रेडक्रम्बिंग और लव बॉम्बिंग जैसे डेटिंग टर्म्स दुनिया में पॉपुलर हैं. वहीं, खामोशी में छिपी एक नई दिल तोड़ने वाली स्ट्रैटेजी सामने आई है, जिसे बैंक्सीइंग कहा जा रहा है. यह कॉन्सेप्ट स्ट्रीट आर्टिस्ट बैंक्सी से इंस्पायर्ड है, जो अपनी आर्ट दिखाने के बाद बिना कोई निशान छोड़े गायब हो जाते हैं.

ठीक वैसे ही, यह टर्म ऐसे पार्टनर को डिस्क्राइब करता है जो ब्रेकअप के बारे में एक भी शब्द कहे बिना ही इमोशनली रिश्ते से बाहर निकल जाता है. घोस्टिंग के उलट, जो अचानक होता है. बैंक्सीइंग एक स्लो-मोशन वाला गुडबाय है, जो आपको अपनी ही लव स्टोरी से इमोशनली बेदखल होने जैसा फील कराता है.

ऐसे ब्रेकअप्स के इमोशनल रिजल्ट्स यंग एडल्ट रिलेशनशिप्स में तेजी से महसूस किए जा रहे हैं. जैसे-जैसे डेटिंग ज्यादा डिजिटल और इमोशनली डिसकनेक्टेड होती जा रही है. बैंक्सीइंग न केवल कंफ्रंटेशन के पर्सनल डर को दिखाती है, बल्कि एक पूरी जनरेशन के ऑनेस्ट कन्वर्सेशन के स्ट्रगल को भी दिखाती है.

क्या है बैंक्सीइंग?

जैसा कि इस टर्म से पता चलता है, बैंक्सीइंग किसी रिलेशनशिप को फॉर्मली एंड किए बिना इमोशनली उससे अलग होने का एक तरीका है. पार्टनर फिजिकली प्रेजेंट रहता है, डिनर में भी आता है, मैसेज भी करता है. लेकिन उनका इमोशनल कनेक्शन धीरे-धीरे कम होता जाता है. दूसरा पर्सन कन्फ्यूज्ड रहता है, खुद पर डाउट करता है और इस स्लो चेंज को समझने की कोशिश करता है.

बैंक्सीइंग क्यों करते हैं लोग?

ब्रेकअप करना मुश्किल होता है, लेकिन उसके बाद किसी का सामना करना और भी मुश्किल. आजकल तो यह चुनौती और बढ़ गई है, जहां शांति बनाए रखना ही संघर्ष लगने लगता है. डेटिंग कोच …. कहते हैं कि हमें असहज बातचीत करना सिखाया ही नहीं जाता, इसलिए लोग लड़ाई के डर से चुपचाप दूर हो जाते हैं. डेटिंग ऐप्स ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है. अब रिश्ता शुरू होने से पहले ही बाहर निकलने का प्लान मिल जाता है. एक स्वाइप और नया मैच और लीजिए, बेचैनी आसानी से बदल जाती है. हालांकि, जो व्यक्ति बैंक्सीइंग का शिकार होता है, वह “मैंने क्या गलत किया?” और “क्या यह सब झूठ था?” के सवालों में फंस जाता है.

क्या आप बैंक्सीइंग को पहचान सकते हैं?

खुशी की बात है कि बैंक्सीइंग को पहचानना ज्यादा मुश्किल नहीं है. इसके संकेत भले ही जटिल हों, लेकिन वे दिखते जरूर हैं. भावनाओं को कम शेयर करना, छोटी-छोटी बातों पर आपको ब्लेम करना, रियल बातचीत से बचना और साथ में कम टाइम बिताना. ऐसे कुछ फैक्टर्स हैं, जो कहते हैं कि कुछ गलत है. वैसे भी, अगर आपको रिश्ते में पहले जैसी खुशी, डेप्थ और प्यार महसूस नहीं हो रहा, तो ये सभी बैंक्सीइंग के साइन हो सकते हैं. अब अगर आपको भी बैंक्सीइंग जैसा फील हो रहा है, तो इस कंडीशन में अपने पार्टनर से ओपनली बात करें. अगर वह बात करने से बचता है, तो अपनी खुशी को सब चीजों से ऊपर रखें. इस तरह, आप बार-बार हर्ट होने से बच सकते हैं.

ये भी पढ़ें: कहीं आपके ब्रेस्ट में तो नहीं बन रही गांठ? घर में खुद ऐसे कर सकते हैं जांच

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

admin

admin

अपनी टिप्पणी दे

हमारे न्यूज़लेटर के लिए साइन