इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मिलकर ऐसी चाल चली है, जिससे मिडिल ईस्ट समेत दुनिया के और भी मुस्लिम देश इजरायल के करीब आने लगे हैं. उत्तर पश्चिम अफ्रीका का मुस्लिम देश मॉरिटानिया अब जल्द ही इजरायल के साथ अपने सारे संबंध बेहतर करने वाला है. नेतन्याहू और ट्रंप की नई प्लानिंग के बाद इस बात के भी कयास लगाए जाने लगे हैं कि क्या फिलिस्तीन को अलग-अलग टुकड़ों में बांट दिया जाएगा.
अब्राहम अकॉर्ड में शामिल होने वाला है एक और मुस्लिम देश
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान 2020 में इजरायल और अरब देशों के बीच एक अग्रीमेंट कराया था जिसका नाम अब्राहम अकॉर्ड है. इसके तहत इजरायल के साथ यूएई, मोरक्को, बहरीन और सूडान ने करार किया था कि वे अपने राजनयिक संबंधों को सामान्य बनाएंगे. यह पहली बार हुआ था जब इस्लामिक देशों ने इजरायल के साथ अपने रिश्ते सुधारने की पहल की थी. इसी में अब एक और इस्लामिक देश मॉरिटानिया शामिल होने वाला है.
क्या इस्लामिक देश देंगे इजरायल का साथ?
बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में कहा है कि ऐसा कोई रास्ता नहीं है जिससे इजरायल गाजा में अपना युद्ध रोक सके. उन्होंने कहा कि बस कुछ ही दिन दूर है जब मिशन पूरा करने के लिए इजरायली सेना बड़ी ताकत के साथ गाजा में घुसेगी और हमास को पूरी तरह से खत्म कर देगी. ऐसे में अगर ये सभी इस्लामिक देश फिलिस्तीन मामले पर चुप भी रहे तो इसे इजरायल की मदद ही मानी जाएगी. वहीं अब तो इजरायल ने अपने सभी सैनिकों और अधिकारियों के लिए अरबी भाषा का ज्ञान और इस्लाम का अध्ययन अनिवार्य कर दिया है.
व्हाइट हाउस में मिलेंगे दोनों देश के नेता
अब्राहम अकॉर्ड के तहत अमेरिका और इजरायल मिलकर मिडिल ईस्ट की तस्वीर बदलने की कोशिश में जुटा है. मॉरिटानिया अरब लीग का सदस्य है और अब्राहम अकॉर्ड में उसकी एंट्री इस्लामिक देशों में हलचल पैदा कर सकती है. इस तरह से पांच ऐसे इस्लामिक देश हो जाएंगे, जिसके रिश्ते इजरायल के साथ बेहतर होंगे. Semafar न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस में मॉरिटानिया शीर्ष नेता और इजरायली पीएम नेतन्याहू की मुलाकात होने वाली है.
सीरिया-लेबनान की भी हो सकती है अब्राहम अकॉर्ड में एंट्री
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सीरिया से सभी आर्थिक प्रतिबंध हटा दिए हैं. वहां के नेता अहमद अल शारा ने सऊदी अरब में ट्रंप से मुलाकात भी थी. जिसके से ये माना जा रहा है कि सीरिया भी अब्राहम अकॉर्ड में शामिल हो सकता है. लेबनान भी इजरायल के साथ अपने संबंध को बेहतर करने को लेकर कोई फैसला ले सकता है. साल 2010 में मॉरिटानिया ने इजरायल के साथ अपने सभी संबंध को समाप्त कर लिया था. दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप कई मौकों पर ये कह चुके हैं कि अब्राहम अकॉर्ड में विस्तार होने वाला है.
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