पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को राजनीति में अपरिपक्व बताते हुए उनके उस बयान के लिए आलोचना की है, जिसमें पीपीपी नेता (बिलावल) ने कहा था कि जांच के दायरे में आए व्यक्तियों को भारत को सौंपने में पाकिस्तान को कोई आपत्ति नहीं है.
‘डॉन’ समाचार पत्र की एक खबर के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पार्टी ‘पीटीआई’ के प्रवक्ता शेख वकास अकरम ने बिलावल की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शनिवार (05 जुलाई, 2025) को एक बयान में कहा कि पीपीपी नेता बिलावल राजनीति में अपरिपक्व हैं.
बिलावत ने कही थी ये बात
बिलावल ने शुक्रवार (04 जुलाई, 2025) को कहा था कि उनके देश को विश्वास बहाली के उपाय के रूप में ‘जांच के दायरे में आए व्यक्तियों’ को भारत को सौंपने में कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते नयी दिल्ली इस प्रक्रिया में सहयोग करने की इच्छा दिखाए.
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल ने कहा था, ‘हम जिन मुद्दों पर चर्चा करते हैं, आतंकवाद उनमें से एक है और मुझे यकीन है कि पाकिस्तान एक व्यापक वार्ता के तौर पर इनमें से किसी भी चीज का विरोध नहीं करेगा.’
मसूद अजहर के मुद्दे को लेकर दिया था बयान
लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) प्रमुख हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) प्रमुख मसूद अजहर को संभावित समझौते और सद्भावनापूर्ण रुख के तहत भारत को सौंपने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए बिलावल ने यह टिप्पणी की थी.
राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद दोनों को पाकिस्तान ने प्रतिबंधित कर रखा है, जबकि 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मुख्य षड्यंत्रकारी हाफिज सईद वर्तमान में आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए 33 साल की सजा काट रहा है. इसी तरह संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित अजहर को भी प्राधिकरण ने प्रतिबंधित कर रखा है.
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान अपमानित
अकरम ने कहा कि बिलावल का प्रस्ताव गलत है और पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है और ऐसे बयान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश को अपमानित करते हैं. उन्होंने कहा, ‘हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि बिलावल भारत को खुश करने के लिए इतने उत्सुक क्यों हैं.’
बिलावत में राजनीतिक परिपक्वता और दूरदर्शिता का अभाव
अकरम ने कहा कि पूर्व विदेश मंत्री बार-बार साबित कर रहे हैं कि उनमें राजनीतिक परिपक्वता और दूरदर्शिता का अभाव है. बिलावल पाकिस्तान की विदेश नीति में भ्रम और विरोधाभास का प्रतीक बन गए हैं. पीपीपी की स्थापना जुल्फिकार अली भुट्टो ने कश्मीर की विरासत पर की थी, लेकिन आज बिलावल कश्मीरी खून की कीमत पर राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए उस विरासत को धोखा दे रहे हैं.
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