देवशयनी एकादशी पर क्यों जलाते हैं 4 मुखी दीपक, क्या है इसके लाभ

देवशयनी एकादशी पर क्यों जलाते हैं 4 मुखी दीपक, क्या है इसके लाभ


देवशयनी एकादशी पर विष्णु जी का शयनकाल शुरू हो जाता है. इस दिन पूरे विधि विधान से जगत के पालनहार की पूजा की जाती है. मान्यता है इससे सालभर मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है.

देवशयनी एकादशी पर विष्णु जी का शयनकाल शुरू हो जाता है. इस दिन पूरे विधि विधान से जगत के पालनहार की पूजा की जाती है. मान्यता है इससे सालभर मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है.

देवशयनी एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा में चौमुखी घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है. चौमुखी दीपक की चार बातियां पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण दिशा में रोशनी फैलाती हैं.

देवशयनी एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा में चौमुखी घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है. चौमुखी दीपक की चार बातियां पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण दिशा में रोशनी फैलाती हैं.

मान्यता है कि एकादशी पर चौमुखी दीपक को जलाने से चारों दिशाओं से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है. धन का आगमन होता है.

मान्यता है कि एकादशी पर चौमुखी दीपक को जलाने से चारों दिशाओं से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है. धन का आगमन होता है.

आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं तो देवशयनी एकादशी के दिन शाम को तुलसी के पास घी का दीपक लगाएं और 11 बार परिक्रमा करते हुए ऊं नमो नारायणाय नम: मंत्र का जाप करें. ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार इसके प्रताप से पैसों की तंगी दूर होती है.

आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं तो देवशयनी एकादशी के दिन शाम को तुलसी के पास घी का दीपक लगाएं और 11 बार परिक्रमा करते हुए ऊं नमो नारायणाय नम: मंत्र का जाप करें. ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार इसके प्रताप से पैसों की तंगी दूर होती है.

देवशयनी एकादशी पर प्रातःकाल स्नान के बाद शुद्ध वस्त्र धारण कर भगवान विष्णु की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. मान्यता है कि इससे पापों का क्षय होता है और घर में लक्ष्मी का वास होता है.

देवशयनी एकादशी पर प्रातःकाल स्नान के बाद शुद्ध वस्त्र धारण कर भगवान विष्णु की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. मान्यता है कि इससे पापों का क्षय होता है और घर में लक्ष्मी का वास होता है.

आज देवशयनी एकादशी से चार माह के चातुर्मास शुरू होंगे और इसका समापन देवउठनी एकादशी पर 1 नवंबर 2025 को होगा.

आज देवशयनी एकादशी से चार माह के चातुर्मास शुरू होंगे और इसका समापन देवउठनी एकादशी पर 1 नवंबर 2025 को होगा.

Published at : 06 Jul 2025 08:05 AM (IST)

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