HUL के पूर्व चेयरमैन सुसिम मुकुल दत्ता का निधन, कॉरपोरेट भारत ने एक मजबूत मार्गदर्शक खोया

HUL के पूर्व चेयरमैन सुसिम मुकुल दत्ता का निधन, कॉरपोरेट भारत ने एक मजबूत मार्गदर्शक खोया


भारत के मशहूर बिज़नेस लीडर और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) के पूर्व चेयरमैन सुसिम मुकुल दत्ता का शनिवार, 5 जुलाई को मुंबई में निधन हो गया. वह 1990 से 1996 तक HUL के चेयरमैन रहे और अपने करियर में 21 से भी ज्यादा बड़ी कंपनियों का नेतृत्व किया.

1990 में HUL के शिखर तक पहुंचे

सुसिम दत्ता ने अपना कॉरपोरेट सफर 1950 के दशक में हिंदुस्तान लीवर से शुरू किया. मेहनत और दूरदर्शिता के दम पर वे कंपनी में लगातार ऊपर बढ़ते गए और आखिरकार 1990 में चेयरमैन बने.

उनके कार्यकाल में HUL ने कई बड़े अधिग्रहण और विलय किए. इनमें सबसे बड़ा नाम था Brooke Bond–Lipton टी मर्जर, जिसने FMCG सेक्टर में कंपनी की स्थिति को और मजबूत किया.

HUL से लेकर Castrol तक, कई दिग्गज कंपनियों के चेयरमैन रहे

HUL के बाद भी दत्ता का प्रभाव कॉरपोरेट जगत में बरकरार रहा. उन्होंने कई बड़ी कंपनियों में नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के रूप में काम किया, जिनमें शामिल हैं-

  • Castrol India Ltd
  • Philips India Ltd
  • IL&FS Investment Managers Ltd
  • Tata Trustee Co. Pvt Ltd
  • Peerless General Finance & Investment Co. Ltd
  • Linde India Ltd

Castrol India में उन्होंने कई वर्षों तक नेतृत्व किया और 2019 में वहां से पद छोड़ा.

बोर्ड मेंबर और सलाहकार के तौर पर भी निभाई कई अहम भूमिकाएं

सुसिम दत्ता सिर्फ चेयरमैन ही नहीं रहे, बल्कि उन्होंने कई कंपनियों में बोर्ड सदस्य के तौर पर भी महत्वपूर्ण योगदान दिया. इनमें शामिल हैं-

  • Rabo India Finance Ltd
  • Atul Ltd
  • Bhoruka Power Corp Ltd
  • Philips Electronics India Ltd
  • Wockhardt Hospitals Ltd

शिक्षा, तकनीक और नेतृत्व का बेहतरीन मेल

सुसिम दत्ता ने University of Calcutta से साइंस और टेक्नोलॉजी में पोस्टग्रेजुएशन किया था. उन्होंने न केवल कॉरपोरेट नेतृत्व दिया, बल्कि पेशेवर संगठनों में भी सक्रिय रूप से भाग लिया. वे All India Management Association, Indian Institute of Chemical Engineers और Institution of Engineers India जैसे संस्थानों से जुड़े रहे.

एक युग का अंत

सुसिम दत्ता के निधन से भारत ने एक ऐसा कॉरपोरेट लीडर खोया है, जिसने व्यापारिक दुनिया को नई दिशा दी. वे उन चुनिंदा लोगों में थे जिन्होंने भारतीय कॉरपोरेट सेक्टर को ग्लोबल विजन के साथ आगे बढ़ाया. उनका जीवन, नेतृत्व और सिद्धांत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा.

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