Adani Green Energy: अडानी ग्रीन एनर्जी ने रिन्यूऐबल एनर्जी के सेक्टर में एक नया रिकॉर्ड कायम किया है. गुजरात के खावड़ा में कंपनी ने 1,011.5 मेगावाट पावर प्रोजेक्ट का ऑपरेशन शुरू कर दिया है. इसी के साथ इनकी रिन्यूऐबल एनर्जी जेनरेशन कैपेसिटी 15,539.9 मेगावाट तक पहुंच गई है.
कंपनी के पोर्टफोलियो में तेजी से विस्तार
अडानी ग्रुप की इस कंपनी के पोर्टफोलियो में 11,005.5 मेगावाट सोलर, 1,977.8 मेगावाट विंड और 2,556.6 मेगावाट विंड-सोलर हाइब्रिड कैपेसिटी कैपेसिटी शामिल है. AGEL भारत की इकलौती रिन्यूऐबल एनर्जी कंपनी है, जिसने खासतौर पर ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स के जरिए यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है.
अडानी ग्रीन एनर्जी मौजूदा समय में भारत की उर्जा जरूरतों का 15 परसेंट से अधिक पूरा करती है. भारत की रिन्यूऐबल एनर्जी की जरूरतों को पूरा करने में अडानी ग्रीन विंड एनर्जी का भी 12 परसेंट का कंट्रीब्यूशन है. कंपनी का टारगेट साल 2030 तक 50,000 मेगावाट तक क्लीन और किफायती बिजली उपलब्ध कराना है.
Delighted to share that Adani Green has surpassed 15,000 MW of renewable energy capacity, marking the largest and fastest green energy build-out in India’s history.
From the desert landscapes of Khavda to a proud place among the world’s Top 10 Green Power Producers, this… pic.twitter.com/FWDWr5SUOm
— Gautam Adani (@gautam_adani) June 30, 2025
इस उपलब्धि पर अडानी ग्रीन एनर्जी के CEO आशीष खन्ना कहते हैं, हमारा लक्ष्य 2030 तक अपनी कैपेसिटी को 15,000 मेगावाट से बढ़ाकर 50,000 मेगावाट तक करना है और भारत सहित पूरी दुनिया को सस्टेनेबल एनर्जी सॉल्यूशंस मुहैया कराने के अपने मिशन पर अडिग रहना है.
क्यों ग्रीन एनर्जी पर इतना फोकस कर रही कंपनी?
अडानी ग्रीन एनर्जी खावड़ा में दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूऐबल एनर्जी का प्लांट बना रही है, जिसकी कैपेसिटी 30,000 मेगावाट है. ग्रीन एनर्जी आज और आने वाले कल के लिए प्रदूषण को कम करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बहुत जरूरी है.
सोलर और विंड जैसे ग्रीन एनर्जी के इस्तेमाल से कोयला और पेट्रोलियम जैसे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम हो जाती है. इससे जल और वायु प्रदूषण कम होता है, प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कम होता है. ग्रीन एनर्जी सेक्टर का तेजी से विकास हो रहा है और अडानी ग्रुप इस मौके पर फायदा उठाना चाहता है. इसमें निवेश कर कंपनी पर्यावरण की भी मदद कर रहे हैं और अपने कारोबार का भी दायरा बढ़ा रहे हैं.
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