भारतीय फार्मा सेक्टर को लेकर ब्रोकरेज हाउस Goldman Sachs ने अपनी नई रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में उन्होंने 5 ऐसी फार्मा कंपनियों की पहचान की है जिनमें अगले एक साल में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है.
इन कंपनियों को न सिर्फ हेल्थकेयर मैन्युफैक्चरिंग के ग्लोबल शिफ्ट का फायदा मिल रहा है, बल्कि ये इनोवेशन, स्पेशलाइजेशन और लॉन्ग टर्म पार्टनरशिप्स पर भी फोकस कर रही हैं. आइए जानते हैं कौन-कौन सी हैं वो कंपनियां और क्यों गोल्डमैन सैक्स को इनमें भरोसा है.
मुकेश अंबानी के दामाद की कंपनी पिरामल फार्मा
गोल्डमैन सैक्स की लिस्ट में सबसे ऊपर है Piramal Pharma, जिसे ‘Buy’ रेटिंग दी गई है और टारगेट प्राइस रखा गया है 265 रुपये. यानी इसमें करीब 36 फीसदी तक की तेजी का अनुमान है.
इस भरोसे की सबसे बड़ी वजह है कंपनी का CDMO (Contract Development and Manufacturing Organization) बिजनेस. भले ही FY26 में इन्वेंटरी डेस्टॉकिंग की वजह से कुछ स्लोडाउन दिखे, लेकिन FY27 में यह बिजनेस फिर से तेज़ी पकड़ सकता है, खासकर जब मल्टी-ईयर सप्लाई ऑर्डर फाइनल होने लगेंगे.
कंपनी ने हाल ही में अपने ग्रेंजमाउथ साइट पर दो नए मैन्युफैक्चरिंग सूट्स जोड़े हैं और आगे और विस्तार की योजना है. उनका लक्ष्य है कि FY30 तक CDMO रेवेन्यू को दोगुना कर दिया जाए.
ऑरोबिंदो फार्मा
Aurobindo Pharma को भी ‘Buy’ रेटिंग मिली है और इसका टारगेट प्राइस 1275 रुपये रखा गया है, जो करीब 16 फीसदी अपसाइड दिखाता है. गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि भारत की बायोलॉजिक्स और बायोसिमिलर्स में लागत कुशलता इसे चीन और कोरिया से कहीं आगे रखती है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की लागत करीब 60 फीसदी तक कम है.
ऑरोबिंदो की सब्सिडियरी CuraTeQ की बायोलॉजिक्स इकाई TheraNym, 2030-2032 तक MSD के साथ एक्सक्लूसिव काम कर रही है. रिपोर्ट का कहना है कि कंपनी Phase-1 में 30-40 मिलियन वायल्स सप्लाई कर सकती है.
सायंजीन इंटरनेशनल
Syngene International को भी ‘Buy’ रेटिंग दी गई है और इसका टारगेट 800 रुपये रखा गया है, यानी इसमें 27 फीसदी तक का अपसाइड देखा गया है. H2FY24 और H1FY25 में थोड़ी मुश्किलों के बाद, H2FY25 में कंपनी को फिर से बडी फार्मा कंपनियों से पूछताछें मिलनी शुरू हुई हैं. साथ ही, चीन से मैन्युफैक्चरिंग हटाकर भारत की ओर बढ़ते फार्मा क्लाइंट्स की वजह से कंपनी को कई पायलट प्रोजेक्ट्स भी मिल रहे हैं, जिनमें से कुछ लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रैक्ट में बदल चुके हैं. FY26 में इसकी डिस्कवरी सर्विसेज से दोबारा डबल डिजिट ग्रोथ की उम्मीद की जा रही है.
न्यूलैंड लैब्स
Neuland Labs को गोल्डमैन सैक्स ने 14,775 रुपये के टारगेट के साथ ‘Buy’ रेटिंग दी है. यानी इसमें अगले 12 महीनों में 21 फीसदी की तेजी की संभावना जताई गई है. कंपनी की सबसे बड़ी ताकत है उसकी मजबूत क्वालिटी कल्चर, सिस्टम, इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रोसेस डिवेलपमेंट कैपेबिलिटी. जहां बाकी फार्मा कंपनियां एनिमल हेल्थ या एग्रो-केमिकल में जा रही हैं, वहीं न्यूलैंड ने फोकस रखा है सिर्फ ह्यूमन फार्मास्युटिकल्स पर. स्टॉक का वैल्यूएशन SoTP (Sum-of-the-Parts) बेसिस पर किया गया है, जिसमें 85 फीसदी योगदान Earning Multiples का और 15 फीसदी M&A वैल्यू का है.
कोहैंस लाइफसाइंसेज़
गोल्डमैन सैक्स ने Cohance Lifesciences पर भी भरोसा जताया है और इसका टारगेट प्राइस 1275 रुपये तय किया गया है, यानी 29 फीसदी तक की संभावित तेजी. कंपनी को पिछले कुछ सालों में अच्छी बढ़त मिली है, खासकर चीन से हटकर दूसरी जगह मैन्युफैक्चरिंग लाने की रणनीति (China+1) के चलते. रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी को मिलने वाले RFQs (Request for Quotations) की संख्या लगभग दोगुनी हो चुकी है. गोल्डमैन की रिपोर्ट के अनुसार, “हर फार्मा इनोवेटर अब ‘चाइना+1’ स्ट्रैटेजी पर काम कर रहा है, चाहे उसने इसे सार्वजनिक रूप से बताया हो या नहीं.”
फार्मा कंपनियों में दिख रही उम्मीद
गोल्डमैन सैक्स की इस रिपोर्ट से साफ है कि भारतीय फार्मा कंपनियां अब सिर्फ जनरल दवाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अब वे इनोवेशन, बायोलॉजिक्स और इंटरनेशनल पार्टनरशिप के रास्ते पर भी तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं. अगर आप फार्मा सेक्टर में निवेश के मौके तलाश रहे हैं, तो ये पांच स्टॉक्स आपकी वॉचलिस्ट में ज़रूर होने चाहिए.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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