सैलरी हो गई 12 लाख के पार, जानिए क्या NPS, VPF के जरिए टैक्स से बचा जा सकता है?

सैलरी हो गई 12 लाख के पार, जानिए क्या NPS, VPF के जरिए टैक्स से बचा जा सकता है?



<p style="text-align: justify;">अगर आपके मन में भी यही सवाल है कि सैलरी बढ़ने के बाद टैक्स कैसे बचाया जाए, तो राहत की बात है कि बजट 2025 में कुछ ऐसे बदलाव किए गए हैं जिससे 12 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर भी टैक्स बचाया जा सकता है. कैसे? आइए आसान भाषा में समझते हैं कि NPS और VPF की मदद से आप अपनी टैक्स देनदारी को कैसे कम कर सकते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>नया टैक्स सिस्टम क्या कहता है?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">बजट 2025 में न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) के तहत टैक्स छूट की सीमा 7 लाख से बढ़ाकर 12 लाख कर दी गई है. इसका मतलब यह है कि अगर किसी की वार्षिक आय 12 लाख रुपये तक है, तो वह स्टैंडर्ड डिडक्शन 75,000 और 60,000 की टैक्स छूट के बाद कोई टैक्स नहीं देगा. लेकिन दिक्कत तब आती है जब आपकी सैलरी इससे ऊपर हो जाती है. क्या तब भी टैक्स बचाया जा सकता है?</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>यहां काम आता है NPS</strong></p>
<p style="text-align: justify;">जी हां, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में सरकार ने बड़ी राहत दी है. अब सेक्शन 80CCD(2) के तहत, एम्प्लॉयर (नियोक्ता) NPS में आपकी बेसिक सैलरी का 14 फीसदी तक योगदान कर सकता है, जो पूरी तरह टैक्स-फ्री होगा. पहले यह सीमा 10 फीसदी थी.</p>
<p style="text-align: justify;">इसका मतलब यह है कि अगर आपकी सैलरी 13.7 लाख सालाना है और आपकी बेसिक सैलरी 6.85 लाख है, तो आपका एम्प्लॉयर अगर उसका 14 फीसदी यानी 95,900 NPS में जमा करता है और आप 75,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन लेते हैं, तो आपकी टैक्सेबल इनकम ज़ीरो हो सकती है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>तो VPF का क्या होगा?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) यानी भविष्य निधि की वो स्कीम जिसमें आप अपनी बेसिक सैलरी और डीए (DA) का 100 फीसदी तक जमा कर सकते हैं. इसमें ब्याज दर 8.25 फीसदी है और यह पूरी तरह सरकारी गारंटी वाला निवेश है.</p>
<p style="text-align: justify;">लेकिन नए टैक्स रिजीम में एक बड़ी बात यह है कि सेक्शन 80C के तहत मिलने वाली छूट लागू नहीं होती. यानी अगर आप VPF में पैसा लगाते भी हैं, तो आपकी टैक्सेबल इनकम कम नहीं होगी. हां, इतना ज़रूर है कि 2.5 लाख तक की सालाना VPF कंट्रीब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज टैक्स-फ्री रहता है. लेकिन इससे ऊपर की राशि पर ब्याज टैक्सेबल होगा.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>NPS बनाम VPF</strong></p>
<table>
<thead>
<tr>
<th>फीचर</th>
<th>NPS (नया रिजीम)</th>
<th>VPF (नया रिजीम)</th>
</tr>
</thead>
<tbody>
<tr>
<td>टैक्स डिडक्शन</td>
<td>14 फीसदी तक बेसिक (एम्प्लॉयर)</td>
<td>नहीं मिलता</td>
</tr>
<tr>
<td>लागू सेक्शन</td>
<td>80CCD(2)</td>
<td>80C (जो नए रिजीम में लागू नहीं)</td>
</tr>
<tr>
<td>ब्याज पर टैक्स</td>
<td>सीमाओं के अनुसार टैक्स-फ्री</td>
<td>2.5 लाख तक टैक्स-फ्री</td>
</tr>
<tr>
<td>लॉक-इन अवधि</td>
<td>60 साल की उम्र तक</td>
<td>5 साल</td>
</tr>
</tbody>
</table>
<p style="text-align: justify;"><strong>कौन-सी स्कीम बेहतर है?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">अगर आप New Tax Regime के तहत आते हैं, तो NPS आपके लिए ज्यादा फायदेमंद है. खासकर तब, जब आपकी सैलरी 12 लाख से ज्यादा हो चुकी है. इसका कारण ये है कि एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन को 14 फीसदी तक टैक्स फ्री कर दिया गया है, जिससे आपकी टैक्सेबल इनकम कम हो सकती है.</p>
<p style="text-align: justify;">हालांकि, VPF भी सुरक्षित और स्थिर ब्याज देने वाला विकल्प है, लेकिन यह नया टैक्स बेनिफिट नहीं देता. फिर भी अगर आप Old Tax Regime में हैं, तो NPS और VPF दोनों पर आपको टैक्स डिडक्शन का फायदा मिल सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>NPS से टैक्स बचाओ, VPF से सेविंग बढ़ाओ</strong></p>
<p style="text-align: justify;">अगर आपकी सैलरी हाइक के बाद टैक्सेबल इनकम 12 लाख से ऊपर निकल गई है, तो भी घबराने की ज़रूरत नहीं है. NPS में एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन को समझदारी से इस्तेमाल कर आप अपनी टैक्सेबल इनकम को 13.7 लाख तक टैक्स-फ्री बना सकते हैं. VPF, हालांकि टैक्स बचाने का जरिया नहीं है (नए सिस्टम में), फिर भी यह लंबी अवधि के लिए शानदार सेविंग टूल बना रहता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें: <a href=" डॉलर हर रोज स्वाहा! इजरायल-ईरान युद्ध में मिसाइलें नहीं, कंगाली भी बरस रही, जानें किसकी हालत ज्यादा खराब</a></strong></p>

admin

admin

अपनी टिप्पणी दे

हमारे न्यूज़लेटर के लिए साइन