क्या स्पेस में आता है मोबाइल नेटवर्क! सच्चाई जान चौंक जाएंगे

क्या स्पेस में आता है मोबाइल नेटवर्क! सच्चाई जान चौंक जाएंगे


Network in Space: आज के दौर में मोबाइल नेटवर्क हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. चाहे कॉल करना हो, इंटरनेट चलाना हो या फिर वीडियो स्ट्रीमिंग—हर काम मोबाइल नेटवर्क पर ही निर्भर है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर कोई इंसान धरती से बहुत ऊपर, यानि अंतरिक्ष में चला जाए तो क्या वहां भी मोबाइल नेटवर्क काम करता है? क्या स्पेस में भी किसी को कॉल या मैसेज किया जा सकता है? इन सवालों का जवाब जानना जितना दिलचस्प है उतना ही चौंकाने वाला भी.

क्या स्पेस में काम करता है मोबाइल नेटवर्क?

सामान्य रूप से कहें तो, नहीं, स्पेस में धरती जैसा मोबाइल नेटवर्क नहीं होता. अंतरिक्ष में मोबाइल टावर नहीं होते, जो सिग्नल प्रदान कर सकें. मोबाइल नेटवर्क का काम करने के लिए सेल टावर की एक निश्चित रेंज होती है, और ये टावर केवल धरती की सतह तक ही सीमित रहते हैं. जैसे-जैसे आप धरती से ऊपर जाते हैं, मोबाइल नेटवर्क का सिग्नल कमजोर होता जाता है और कुछ हज़ार किलोमीटर की ऊंचाई के बाद यह पूरी तरह खत्म हो जाता है.

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS), जो धरती से लगभग 400 किलोमीटर ऊपर है, वहां तक भी मोबाइल नेटवर्क का कवरेज नहीं पहुंचता. वहां मौजूद अंतरिक्ष यात्री मोबाइल से बात करने के लिए सामान्य नेटवर्क का नहीं, बल्कि खास सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं.

तो फिर अंतरिक्ष यात्री कैसे करते हैं संपर्क?

जब कोई व्यक्ति अंतरिक्ष में होता है, तो वह NASA या अन्य स्पेस एजेंसियों की स्पेशल सैटेलाइट नेटवर्क के जरिए धरती से संपर्क में रहता है. इन सैटेलाइट्स को खासतौर पर अंतरिक्ष मिशनों के लिए तैयार किया गया है और ये रेडियो फ्रीक्वेंसी या अन्य हाई-बैंडविड्थ तकनीक के जरिए कम्युनिकेशन करते हैं.

इसके अलावा, NASA जैसे संगठन वीडियो कॉलिंग और डेटा ट्रांसफर के लिए KU-बैंड और S-बैंड जैसी तकनीकों का उपयोग करते हैं. अंतरिक्ष यात्री ईमेल भेज सकते हैं, वीडियो कॉल कर सकते हैं, लेकिन यह सब कुछ मोबाइल नेटवर्क नहीं, बल्कि अत्याधुनिक अंतरिक्ष संचार प्रणाली पर आधारित होता है.

क्या भविष्य में स्पेस में भी आएगा मोबाइल नेटवर्क?

टेक्नोलॉजी इतनी तेजी से विकसित हो रही है कि अब कंपनियां स्पेस-बेस्ड मोबाइल नेटवर्क विकसित करने की दिशा में काम कर रही हैं. Elon Musk की कंपनी Starlink, और Amazon की Project Kuiper जैसी कंपनियां लो-अर्थ ऑर्बिट में सैटेलाइट्स की एक श्रृंखला बनाकर ऐसा नेटवर्क तैयार कर रही हैं, जो दुनिया के किसी भी कोने में, यहां तक कि महासागरों और रेगिस्तानों में भी, इंटरनेट और संचार की सुविधा दे सके. भविष्य में ऐसा भी संभव हो सकता है कि स्पेस में मोबाइल नेटवर्क की सुविधा मिले और अंतरिक्ष यात्री मोबाइल से सीधा कॉल कर सकें.

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