हैरान कर देंगे EPFO अप्रैल 2025 आंकड़े, नए सदस्यों में जबरदस्त उछाल, महिलाओं की भागीदारी बढ़ी

हैरान कर देंगे EPFO अप्रैल 2025 आंकड़े, नए सदस्यों में जबरदस्त उछाल, महिलाओं की भागीदारी बढ़ी


कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा अप्रैल 2025 के लिए जारी ताजा आंकड़ों ने देश में संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति को लेकर सकारात्मक संकेत दिए हैं. आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल महीने में कुल 19.14 लाख नए सदस्य EPFO से जुड़े, जो मार्च 2025 के मुकाबले 31.31 फीसदी अधिक है.

वहीं, सालाना आधार पर भी इसमें 1.17 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है. यह इजाफा न केवल रोजगार के नए अवसरों का संकेत है, बल्कि EPFO की योजनाओं के प्रति बढ़ती जागरूकता को भी दिखाता है.

युवाओं का भरोसा बढ़ा

अप्रैल 2025 में EPFO से 8.49 लाख नए सब्सक्राइबर जुड़े, जो कि मार्च की तुलना में 12.49 फीसदी की वृद्धि है. सबसे दिलचस्प बात यह रही कि इनमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी 18 से 25 साल के युवाओं की रही. इस आयु वर्ग से 4.89 लाख सदस्य जुड़े, जो कुल नए सदस्यों का 57.67 फीसदी है.

यह दिखाता है कि पहली बार नौकरी करने वाले युवा EPFO को एक सुरक्षित और विश्वसनीय सामाजिक सुरक्षा विकल्प मान रहे हैं. इस आयु वर्ग में नेट पे-रोल 7.58 लाख रहा, जो मार्च के मुकाबले 13.60 फीसदी अधिक है.

महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ी

EPFO के अनुसार, अप्रैल 2025 में 15.77 लाख ऐसे सदस्य भी दोबारा जुड़े, जो पहले EPFO से बाहर हो चुके थे. यह संख्या मार्च की तुलना में 19.19 फीसदी और साल दर साल 8.56 फीसदी अधिक है. इनमें से अधिकांश सदस्यों ने फंड निकालने के बजाय ट्रांसफर करना चुना, जो लॉन्ग टर्म वित्तीय सुरक्षा की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.

महिलाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही. अप्रैल में 2.45 लाख नई महिला सदस्य EPFO से जुड़ीं, जो मार्च की तुलना में 17.63 फीसदी अधिक हैं. नेट महिला पे-रोल में 3.95 लाख की वृद्धि दर्ज की गई, जो मासिक आधार पर 35.24 फीसदी की बढ़ोतरी है. यह आंकड़े महिलाओं की संगठित क्षेत्र में बढ़ती भागीदारी को रेखांकित करते हैं.

इन राज्यों और सेक्टर्स का रहा प्रमुख योगदान

EPFO की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र सबसे ज्यादा योगदान देने वाला राज्य रहा, जिसने अप्रैल में कुल सदस्यता में 21.12 फीसदी का हिस्सा दिया. इसके बाद कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्य रहे, जिनका प्रत्येक का योगदान 5 फीसदी से अधिक रहा.

सभी सेक्टरों में “एक्सपर्ट सर्विसेज” क्षेत्र ने सबसे ज्यादा योगदान दिया. अप्रैल के कुल नेट पे-रोल में इसका हिस्सा 43.69 फीसदी रहा. खास बात यह रही कि इस क्षेत्र में से आधा योगदान मैनपावर सप्लायर्स का रहा, जो संगठित क्षेत्र में कॉन्ट्रैक्ट और अस्थायी रोजगार की बढ़ती भूमिका को दिखाता है.

EPFO आंकड़ों की प्रकृति

यह आंकड़े अप्रैल 2018 से हर महीने EPFO द्वारा जारी किए जाते हैं और यह UAN आधारित नए जॉइनिंग, एग्जिट और दोबारा जुड़ने वालों की जानकारी पर आधारित होते हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि ये आंकड़े अस्थायी होते हैं और समय-समय पर अपडेट किए जा सकते हैं.

EPFO के अप्रैल 2025 के आंकड़े देश में संगठित क्षेत्र में नौकरियों की स्थिति में मजबूती का संकेत देते हैं. युवाओं, महिलाओं और दोबारा जुड़ने वाले पुराने कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि यह साबित करती है कि भविष्य निधि योजनाओं के प्रति विश्वास लगातार बढ़ रहा है. वहीं, राज्यों और सेक्टरों के विश्लेषण से यह भी स्पष्ट होता है कि भारत की इकोनॉमी में विविध क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं.

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