<p style="text-align: justify;">हार्ट की प्राॅब्लम अब किसी एक एज ग्रुप तक सीमित नहीं है. बुजुर्ग से लेकर युवा तक इसकी चपेट में हैं. लेकिन इस खतरे का कई वर्ष पहले ही पता लगाया जा सकता है. वो भी चंद रुपये खर्च कर खून की एक आसान जांच से. एसजीपीटी नाम की ये जांच वैसे तो लिवर की हेल्थ जानने के लिए की जाती है, लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो इसकी वैल्यू हार्ट हेल्थ भी डिसाइड करती है. आइए इस बारे में जानते हैं…</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>इस तरह समझें खतरा</strong></p>
<p style="text-align: justify;">एसजीपीटी टेस्ट की मदद से शरीर में इंफ्लेमेशन का पता लगाने में मदद मिलती है. लंबे समय तक बनी रहने वाली इंफ्लेमेशन (सूजन) की समस्या हार्ट डिजीज का रिस्क बढ़ा सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर कोई युवक 26 साल का है. युवक की बाॅडी फिट है. जिम जाते हैं या किसी तरह से वर्कआउट करते हैं. लेकिन जब टेस्ट कराते हैं तो एसजीपीटी की वैल्यू 80 आती है. यानी युवक की ओवरऑल हेल्थ खतरे में है. जब युवक की उम्र 36 वर्ष होगी तो वह कार्डियक अरेस्ट या हार्ट प्राॅब्लम से जूझ सकता है. इसके चांसेंस सामान्य से सात गुणा अधिक हो जाते हैं. ऐसे में समय रहते इस खतरे के प्रति लोगों को सजग हो जाना चाहिए. जिससे आने वाले खतरे को भांपकर पहले ही उचित कदम उठाए जा सकें.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>एसजीपीटी टेस्ट क्या है?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">एसजीपीटी से बाॅडी में इंफ्लेमेशन का लेवल पता लगता है. बाॅडी में एसजीपीटी और एसजीओटी, दो प्रकार के लिवर एंजाइम्स होते हैं. एसजीपीटी लिवर में ही पाया जाता है. अगर टेस्ट रिपोर्ट में एसजीपीटी का लेवल सामान्य से अधिक पाया जाता है तो ये खतरे का संकेत हो सकता है. ये सिर्फ लिवर ही नहीं, बल्कि हार्ट को भी नुकसान पहुंचा सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>एसजीपीटी की नाॅर्मल वैल्यू क्या?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो एसजीपीटी की नाॅर्मल वैल्यू 30 है. अगर टेस्ट के दाैरान इससे अधिक एसजीपीटी का लेवल पाया जाता है तो अलर्ट हो जाना चाहिए. ब्लड में एसजीपीटी की वैल्यू 56 से ज्यादा है तो ये लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>एसजीपीटी क्यों बढ़ता है?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">ब्लड में एसजीपीटी का लेवल बढ़ने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं. मोटापा, डायबिटीज, हार्ट अटैक, हेपेटाइटिस सी, गाॅल ब्लैडर में स्वेलिंग और शराब के सेवन से ये समस्या देखने को मिल सकती है. लिवर के टिश्यूज को नुकसान से भी एसजीपीटी का लेवल बढ़ जाता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>लिवर का ह्यूमन बाॅडी में रोल</strong></p>
<p style="text-align: justify;">लिवर का बाॅडी में अहम ऑर्गन है. यह बाॅडी का सबसे बड़ा इंटरनल ऑर्गन है. इसका वजन 3 से 5 पाउंड के बीच होता है. लिवर बाॅडी के ऊपरी हिस्से के ओर, लंग्स के नीचे स्थित होता है. लिवर की सबसे बड़ी भूमिका खून को पूरे दिन, हर दिन फिल्टर करना है. एक हेल्दी लिवर का रंग गहरा लाल-भूरा हो जाता है, क्योंकि वह ब्लड से भीगा होता है. लिवर बाॅडी में हर मिनट एक लीटर से अधिक खून फिल्टर करता है. जो खाना खाते हैं, उसे पचाने का काम भी लिवर ही करता है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>लिवर खराब होने के लक्षण</strong></p>
<ul>
<li style="text-align: justify;">पीलिया (स्किन और आंखों का पीला पड़ना)</li>
<li style="text-align: justify;">थकान महसूस होना</li>
<li style="text-align: justify;">नौसिया और उल्टी की शिकायत</li>
<li style="text-align: justify;">भूख कम लगना</li>
<li style="text-align: justify;">अचानक से वजन घटना शुरू होना</li>
<li style="text-align: justify;">पेट में दर्द होना या सूजन महसूस होना</li>
<li style="text-align: justify;">पेशाब का रंग गहरा हो जाना</li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें: <a href=" एक हरा पत्ता खा लिया तो पेशाब से गायब हो जाएंगे सारे झाग, किडनी की सेहत बनी रहेगी</a></strong></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.</strong></p>
