एडमिशन सीजन में नोएडा-ग्रेटर नोएडा में दलालों का बोलबाला, सही कॉलेज चुनते वक्त बरतें सतर्कता

एडमिशन सीजन में नोएडा-ग्रेटर नोएडा में दलालों का बोलबाला, सही कॉलेज चुनते वक्त बरतें सतर्कता



<p style="text-align: justify;">सीबीएसई, आईसीएसई और अलग-अलग राज्यों की बोर्ड परीक्षाओं में 12वीं के नतीजों का ऐलान होते ही गौतम बुद्ध नगर जिले के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दाखिले की प्रक्रिया जोरों पर है. इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, लॉ, फार्मेसी, बायोटेक्नोलॉजी और जर्नलिज्म जैसे कोर्सेज में एडमिशन के लिए लाखों स्टूडेंट्स आवेदन कर रहे हैं. हालांकि, इस प्रक्रिया में एक गंभीर समस्या सामने आ रही है. दरअसल, एडमिशन दलालों की बढ़ती एक्टिविटीज के चलते स्टूडेंट्स और अभिभावक गुमराह हो रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>किन लोगों को बनाया जा रहा निशाना?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">ग्रामीण और कम जानकारी रखने वाले छात्रों और उनके माता-पिता को ये दलाल खास तौर पर निशाना बना रहे हैं. फर्जी वादों और गलत तरीकों से छात्रों को गुमराह किया जा रहा है. इससे न सिर्फ उनका पैसा, बल्कि भविष्य भी खतरे में पड़ सकता है. कुछ कॉलेजों में प्लेसमेंट नाम पर गुमराह किया जा रहा है. वहीं, कई जगह बेहतरीन सुविधाओं का झांसा दिया जा रहा है. ऐसे में स्टूडेंट्स को कॉलेज और विश्वविद्यालयों में सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>जाल में ऐसे फंसा रहे दलाल</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सूत्रों की माने तो सोशल मीडिया के जरिए भ्रामक प्रचार किया जा रहा है. यूट्यूब, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर फर्जी कॉलेज प्रमोशन करके दलाल छात्रों को लुभाते हैं और फिर निजी तौर पर संपर्क करते हैं. एडमिशन के नाम पर छात्रों को फंसाया जाता है, जिसमें कॉलेजों से उन्हें कमीशन नाम पर मोटा मुनाफा मिलता है. बोर्ड परीक्षाओं के बाद छात्रों का डेटा जुटाकर सीधे कॉल या मैसेज के जरिए संपर्क किया जाता है. डोनेशन के नाम पर भारी वसूली की जाती है. वहीं, प्रतिष्ठित कॉलेजों में सीट दिलाने का दावा करके 50,000 से 5 लाख रुपये तक की डोनेशन मांगी जाती है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>इस तरह हो रहा गड़बड़झाला</strong></p>
<p style="text-align: justify;">कॉलेज और दालों की मिलीभगत से डोनेशन के नाम छात्रों से पैसे लिया &nbsp;जाता है. सूत्रों के हवाले से फर्जी मार्कशीट और डिग्री का धंधा भी हो रहा है. कुछ दलाल नॉर्थ ईस्ट और दक्षिण भारत के कम मान्यता प्राप्त बोर्डों से फर्जी सर्टिफिकेट तैयार करके एडमिशन दिलवा रहे हैं. इस पर AKTU विश्वविद्यालय जांच करे तो बड़ा ख़ुलासा हो सकता है. कॉलेजों के बाहर एजेंट खड़े होते हैं. परी चौक और नॉलेज पार्क जैसे स्थानों पर एजेंट सक्रिय रहते हैं, जो बाहरी छात्रों को गुमराह करते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>छात्र कैसे चुनें सही कॉलेज?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (AKTU) के कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडे ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा कि फर्जीवाड़े को रोकने के लिए डिजी लॉकर के माध्यम से छात्रों की मार्कशीट की जांच की जाती है. उन्होंने छात्रों को सावधानी बरतने की सलाह दी है. कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट जरूर चेक करें. यह देखें कि वह कॉलेज एआईसीटीई, यूजीसी, एनबीए, एनएएसी और एनआईआरएफ से संबद्ध है कि नहीं. कॉलेज परिसर जरूर विजिट करें. संस्थान में पढ़ रहे छात्रों से बात कर जानकारी लें. इसके अलावा सरकारी काउंसलिंग प्रक्रिया JEE, CUET जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं के माध्यम से पारदर्शी एडमिशन प्रक्रिया में भाग लें. अगर किसी भी तरह की कोई हाल्ट सूचना मिलती है तो उस पर कार्रवाई की जाती है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें: <a href=" में एडमिशन का इंतजार खत्म! आज से शुरू होगी स्नातक दाखिले की प्रक्रिया, जानिए पूरी जानकारी</a></strong></p>

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