Eid-e-Ghadir 2025: ईद-ए-गदीर इस्लामिक कैलेंडर के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में एक है. यह एक धार्मिक इस्लामिक त्योहार है जोकि शिया मुसलमान द्वारा पैगंबर मुहम्मद के बाद अली इब्राहिम अबी तालिब को नेता और धार्मिक अधिकारी के रूप में नियुक्त किए जाने की याद में मनाया जाता है. यह दिन उस घटना की याद दिलाता है जब पैगंबर मुहम्मद मक्का से मदीना लौटे थे.
मदीना लौटने के बाद पैगंबर ने अपने साथियों को गदीर खुम पर ठहरने का आदेश दिया. ईद-ए-गदीर में ‘गदीर’ का अर्थ होता है ‘तालाब’. गदीर ऐसा तालाब है जहां विभिन्न प्रांतों के लोग हज यात्रा के बाद अपने-अपने शहर-कस्बों में लौटने से पहले एकत्रित होते हैं और एक दूसरे को बधाई भी देते हैं. वर्तमान सऊदी अरब में गदीर खुम ‘अल-जूहफा’ शहर में स्थित है.
कब मनाया जाता है ईद-ए-गदीर
शिया मुसलमानों द्वारा ईद-ए-गदीर या ईद-अल-गदीर हर साल धुल-हिज्जा (इस्लामिक कैलेंडर का 12वां महीना) के 18वें दिन मनाया जाता है. मान्यता है कि धुल-हिज्जा के 18वें दिन ही पैगंबर मुहम्मद के चचेरे भाई अली इब्र अबी तालिब को नेता और धार्मिक अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था. इस साल 14-15 जून 2025 को है. इस दिन लोग उपवास (रोजा) रखते हैं, एक दूसरे से मिलते हैं और बधाई देते हैं और नमाद अदा करते हैं.
- पैगंबर मुहम्मद की मृत्यु के बाद इस बात को लेकर विवाद होने लगा कि, आखिर उत्तराधिकारी किसे बनाया जाए.
- पैगंबर मुहम्मद की मृत्यु के बाद उनके पहले उत्तराधिकारी अबू बकर की भी मृत्यु हो गई और फिर उनके स्थान पर उमर-इब्र अल-खत्ताब ने शासन किया.
- लेकिन कुछ समय बाद उमर-इब्र अल-खत्ताब की भी हत्या कर दी गई, जिसके बाद ओथमान इब्र अफ्फान शिया मुसलमानों के नए खलीफा बनें.
- बाद में ओथमान की भी हत्या कर दी गई. अंत में अली इब्र अबी तालिब की नियुक्ति खलीफा के रूप में हुई.
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