सऊदी अरब और UAE में भिखारियों की वजह से पाकिस्तान की थू-थू, 7 हजार से ज्यादा डिपोर्ट; बेइज्जती


Pakistan Action on Beggars: पाकिस्तान से भारी संख्या में लोग सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), कतर समेत अन्य खाड़ी देशों में भीख मांगने के लिए जाते हैं, ये बात तो जगजाहिर हो चुकी है और इस वजह से उसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी ज्यादा फजीहत भी चुकी है. ऐसे में खाड़ी देश पाकिस्तानी भिखारियों को सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें डिपोर्ट कर रहे हैं. जिन देशों ने ये कार्रवाई की है, उनमें कतर, ओमान, इराक, मलेशिया जैसे मुस्लिम देश भी शामिल हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फजीहत झेल रहे पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने डिपोर्ट किए गए भिखारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का ऐलान किया है. 

शहबाज शरीफ सरकार ने खाड़ी समेत अन्य देशों से डिपोर्ट किए गए पाकिस्तानी भिखारियों के पासपोर्ट को कैंसिल करने की घोषणा की है. इसके अलावा सरकार उन सभी पर पांच साल के लिए ट्रैवल बैन भी लगाएगी और उन सभी लोगें के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराने का फैसला किया है. एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि इस्लाम के गढ़ कहे जाने वाले सऊदी अरब ने पिछले 16 महीनों में 5,000 से ज्यादा भिखारियों को देश से डिपोर्ट कर दिया. इसके अलावा सऊदी ने भिखारियों को लेकर पाकिस्तान को भी खूब खरी-खोटी सुनाई.

भिखारियों पर कार्रवाई करेगी शहबाज सरकार

इस संबंध में पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि अगले संसदीय बैठक में डिपोर्ट किए गए 7,873 भिखारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इन सभी भिखारियों को साल 2019 से 2025 के बीच सऊदी अरब, कतर और ओमान से डिपोर्ट किया गया है, जो एक अंतरराष्ट्रीय भिखमंगी सिंडिकेट का हिस्सा रहे हैं. 

IMF और ADB के लोन से चल रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान के लोग हज करने के बहाने सऊदी अरब, ईरान और इराक जैसे देशों में जाते हैं और वहां पहुंचते ही वह भीख मांगना शुरू कर देते हैं. भिखारियों के कारण फजीहत झेल रहे पाकिस्तान को अब यह देश पाकिस्तानियों को वीजा जारी करने से भी कतराते हैं. 

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इतनी फजीहत के बावजूद पाकिस्तान की शहबाज शरीफ की सरकार ने अब तक इसलिए कोई कदम नहीं उठाया, क्योंकि सच तो यह है कि इन्हीं भिखारियों की भीख पाकिस्तान की डीजीपी में अहम भूमिका निभाते हैं. पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही कहा था कि करीब 2.2 करोड़ पाकिस्तानी भीख मांगते हैं, जो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में हर साल 42 अरब पाकिस्तानी रुपये का सहयोग करते हैं. भिखारियों की भीख के अलावा पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चलाने के लिए शहबाज सरकार IMF के बेलआउट पैकेज या यू कहें कि IMF के दान पर निर्भर है.

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