भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल और डीजीएमओ राजीव घई को प्रमोशन दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राजीव घई को डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के पोस्ट पर प्रमोशन दिया गया है. भारतीय सेना के सभी ऑपरेशनल वर्टिकल्स डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ(सुरक्षा) को रिपोर्ट करेंगे. पहलगाम हमले के दौरान राजीव घई काफी सुर्खियों में आए थे. उस दौरान वे भारतीय सेना की ओर से ब्रीफिंग करते थे. पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारतीय सेना की कार्रवाई को रोकने के लिए राजीव घई को ही फोन किया था. चलिए, आपको बताते हैं कि राजीव घई की सैलरी अब कितनी बढ़ जाएगी?
क्या है इस पोस्ट का महत्व
भारतीय सेना में सेना उपप्रमुख या थलसेना के उपप्रमुख एक बहुत ही वरिष्ठ और महत्वपूर्ण पद होता है. यह व्यक्ति सेना प्रमुख के बाद दूसरी सबसे बड़ी जिम्मेदारी संभालता है. इनके पास सैन्य संचालन, प्रशासन, और रणनीति में सेना प्रमुख की मदद करने की जिम्मेदारी है. इसके अलावा रक्षा मंत्रालय और अन्य सरकारी एजेंसियों से तालमेल बैठाने का काम भी डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ करते हैं.
कितनी बढ़ेगी सैलरी
भारतीय सेना में एक नियम है कि उप प्रमुख को 2,25,000 से अधिक सैलरी नहीं दी जा सकती है, वहीं डीजीएमओ की सैलरी भी देखें तो वह भी सातवें वेतन आयोग के अनुसार, उनको बैसिक सैलरी के तौर पर 1,82,200 से 2,24,100 रुपये प्रतिमाह दी जाती है. अगर इसमें भत्ते के साथ मिलाकर कुल सैलरी को देखा जाए तो यह करीब 2.5 लाख से 3 लाख तक है. इस हिसाब से डीजीएमओ की सैलरी उप सेना प्रमुख की सैलरी एक तरह से बराबर ही है. आपको बता दें कि इस प्रमोशन के बाद भी राजीव घई डीजीएमओ बने रहेंगे. आपको बता दें कि राजीव घई डीजीएमओ बनने से पहले डेढ़ साल श्रीनगर की चिनार कोर (15वीं कोर) के कमांडिंग इन चीफ (GOC) के पद पर रह चुके हैं. इनका यह प्रमोशन इनके काम को देखते हुए दिया गया है.
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