<p style="text-align: justify;">केंद्र सरकार का पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) मार्च महीने में जबरदस्त तेजी के साथ बढ़ा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2025 में सरकार का कैपेक्स खर्च साल-दर-साल आधार पर 68 फीसदी बढ़ा है, जो कि वित्त वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमान से 3 फीसदी अधिक है. यह संकेत देता है कि भारत सरकार आधारभूत ढांचे और रक्षा क्षेत्र में तेजी से निवेश कर रही है. इससे सड़क, रेलवे और रक्षा से जुड़ी कंपनियों को बड़ा लाभ मिलने की संभावना जताई जा रही है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>इन कंपनियों को मिलेगा बड़ा फायदा</strong></p>
<p style="text-align: justify;">Jefferies की रिपोर्ट के अनुसार, HAL, Siemens, KEI और L&T जैसी कंपनियों को इस खर्च का सीधा फायदा मिलेगा. Siemens को भारतीय रेलवे से 26,300 करोड़ रुपये का लोकोमोटिव ऑर्डर मिला है, जिससे कंपनी की आय और मार्जिन दोनों बढ़ने की उम्मीद है. HAL की कमाई में अगले पांच वर्षों में 19 फीसदी की वार्षिक वृद्धि (EPS CAGR) का अनुमान लगाया गया है. वहीं L&T और KEI को भी इस ऊंचे कैपेक्स से स्थिर और मजबूत विकास की संभावना है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सड़क क्षेत्र में मार्च ने किया कमाल</strong></p>
<p style="text-align: justify;">पूरे वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो रोड कैपेक्स में 8 फीसदी की वृद्धि हुई. हालांकि अप्रैल महीने में इसमें 1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन मार्च में रिकॉर्ड 73 फीसदी की बढ़ोतरी ने साल के आंकड़े को बेहतर बना दिया. यह बताता है कि सरकार ने मार्च में बुनियादी ढांचे पर जमकर खर्च किया है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>रेलवे में अप्रैल में आई रफ्तार</strong></p>
<p style="text-align: justify;">रेलवे सेक्टर में मार्च में कैपेक्स खर्च 4 फीसदी घट गया था, लेकिन अप्रैल में इसमें 4 फीसदी की वृद्धि देखी गई. पूरे साल की बात करें तो रेलवे का कैपेक्स वित्त वर्ष 2024-25 के संशोधित लक्ष्य के अनुसार ही रहा. इसका मतलब है कि सरकार ने रेलवे क्षेत्र को अपनी प्राथमिकता में बनाए रखा है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>डिफेंस कैपेक्स में जबरदस्त उछाल</strong></p>
<p style="text-align: justify;">रक्षा क्षेत्र में भी खर्च में भारी उछाल देखा गया है. मार्च में डिफेंस कैपेक्स में 25 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि अप्रैल में यह बढ़ोतरी 122 फीसदी तक पहुंच गई. यह लक्ष्य से काफी ज्यादा है, जो सिर्फ 13 फीसदी था. प्रधानमंत्री द्वारा हाल ही में भारत-पाकिस्तान संघर्ष में इस्तेमाल हुए ‘मेड इन इंडिया’ हथियारों की सराहना किए जाने के बाद यह साफ है कि सरकार अब घरेलू रक्षा निर्माण पर ज्यादा जोर दे रही है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>राज्यों को मिल रही बड़ी हिस्सेदारी</strong></p>
<p style="text-align: justify;">रिपोर्ट बताती है कि पिछले चार वर्षों में राज्यों को ट्रांसफर होने वाले कैपेक्स में लगातार इजाफा हुआ है. वित्त वर्ष 2020-21 में यह हिस्सा सिर्फ 5 फीसदी था, जो बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 17 फीसदी हो गया. सिर्फ मार्च 2025 में ही राज्यों को 33,700 करोड़ का ट्रांसफर किया गया, जो कि संशोधित अनुमान का 125 फीसदी है. मार्च में राज्यों का हिस्सा साल-दर-साल 105 फीसदी बढ़ा.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>FY26 बजट में अभी तक सिर्फ 15 फीसदी उपयोग</strong></p>
<p style="text-align: justify;">FY26 के लिए सरकार ने आर्थिक मामलों के विभाग को 44,600 करोड़ कैपेक्स के रूप में आवंटित किए हैं, लेकिन इसमें से अब तक केवल 15 फीसदी खर्च हुआ है. इसका मतलब है कि आने वाले महीनों में और अधिक खर्च होने की संभावना है, जिससे संबंधित सेक्टरों में और तेजी देखी जा सकती है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>इंफ्रास्ट्रक्चर और डिफेंस स्टॉक्स पर रखें नजर</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इस रिपोर्ट से यह साफ है कि केंद्र सरकार का फोकस अब रोड, रेलवे और रक्षा क्षेत्र के विकास पर है. निवेशकों के लिए यह संकेत है कि वे Siemens, HAL, L&T और KEI जैसी कंपनियों पर नजर रखें, क्योंकि इनके स्टॉक्स आने वाले समय में मजबूत प्रदर्शन कर सकते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)</strong></p>
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