उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व अग्निवीरों के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है. अब वे नौजवान जो सेना में ‘अग्निपथ योजना’ के तहत चार साल की सेवा पूरी कर चुके हैं, उन्हें यूपी पुलिस और पीएसी की भर्ती में 20 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. ये फैसला ना सिर्फ पूर्व अग्निवीरों को नई दिशा देगा, बल्कि यूपी पुलिस को भी एक अनुशासित और ट्रेंड फोर्स देने का काम करेगा.
राज्य सरकार ने साफ किया है कि अग्निवीरों को यूपी पुलिस में कांस्टेबल (आरक्षी), पीएसी, घुड़सवार पुलिस और फायरमैन जैसे पदों पर सीधी भर्ती में मौका मिलेगा. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने जानकारी दी कि इन सभी पदों पर 20% पद पूर्व अग्निवीरों के लिए रिज़र्व रहेंगे. यह आरक्षण क्षैतिज होगा, यानी जो अग्निवीर जिस श्रेणी (SC/ST/OBC/EWS) से आते हैं, उन्हें उसी कैटेगरी का लाभ मिलेगा.
आयु सीमा में भी राहत
अग्निवीरों को अधिकतम उम्र सीमा में तीन साल की छूट दी जाएगी. यानी अगर सामान्य उम्मीदवार के लिए अधिकतम आयु सीमा 23 साल है, तो पूर्व अग्निवीरों के लिए यह सीमा 26 साल हो सकती है.
कितनी भर्तियां और कितने पद?
कुल पद: 26,596
आरक्षी (Constable): 19,220
आरक्षी पीएसी: 9,837
घुड़सवार पुलिस: 71
फायरमैन: पद शामिल
महिला बटालियन (बदायूं, गोरखपुर, लखनऊ): 2,282
नागरिक पुलिस: 3,245
विशेष सुरक्षा बल (UPSSF): 1,341
फैसले की अहमियत
अगर हम इसमें से 20 प्रतिशत पद भी पूर्व अग्निवीरों के लिए मानें, तो अनुमान के अनुसार लगभग 5,000 से ज्यादा पद ऐसे होंगे जो उन्हें मिल सकते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल कारगिल विजय दिवस पर इसकी घोषणा की थी और अब सरकार ने इसे लागू करने का रास्ता साफ कर दिया है. यह फैसला न केवल पूर्व अग्निवीरों को रोजगार देगा, बल्कि उनके सैन्य अनुशासन और कौशल का लाभ भी प्रदेश को मिलेगा.
क्या है अग्निवीरों की स्थिति?
केंद्र सरकार ने 2022 में अग्निपथ योजना शुरू की थी. इसके तहत युवाओं को चार साल के लिए सेना, एयरफोर्स और नेवी में सेवा का मौका मिलता है. 2026 में पहला बैच चार साल की सेवा पूरी करेगा. इनमें से 25% को स्थायी नियुक्ति मिल सकती है, जबकि 75% को सिविल क्षेत्र में नौकरी की जरूरत होगी.
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