India-Bangladesh Relations: भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार (29 मई, 2025) को बांग्लादेश के साथ एक अच्छा संबंध बनाने को लेकर बयान दिया है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत पड़ोसी देश बांग्लादेश के साथ एक सकारात्मक और रचनात्मक संबंध स्थापित करना चाहता है. इसके अलावा उन्होंने ढाका से देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराने का भी अनुरोध किया है.
विदेश मंत्रालय के साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम बांग्लादेश के साथ एक अच्छा संबंध चाहते हैं, जिससे दोनों देशों के लोगों की इच्छाओं और हितों को पूरा किया जा सके.” उन्होंने कहा, “बांग्लादेश को जल्द से जल्द देश में समावेशी, निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनावों के माध्यम से जनता की इच्छा और जनादेश को भी सुनिश्चित करना चाहिए.”
बांग्लादेश में चुनाव कराने के लिए हो रहे प्रदर्शन
बांग्लादेश में होने वाले आम चुनावों को लेकर नई दिल्ली की यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब बांग्लादेश में सरकारी कर्मचारियों ने नए स्तर पर विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत कर दी है और कई राजनीतिक दल इस साल के अंत तक देश में चुनाव संपन्न कराने की मांग कर रहे हैं.
शेख हसीना के खिलाफ विरोध के बाद सत्ता पर बैठी मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार
बांग्लादेश में पिछले साल जुलाई और अगस्त महीने में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी थी. इस दौरान पिछले करीब नौ महीनों से बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार सत्ता संभाल रही है.
ऐसे में जब अंतरिम सरकार पर देश में चुनाव कराने को लेकर दवाब बढ़ रहा है तो सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने अपने जापान दौरे के दौरान यह घोषणा कर दी कि देश में अगला आम चुनाव इस साल के दिसंबर महीने से अगले साल जून 2026 के बीच कराए जाएंगे.
मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की ताजा स्थिति के लिए भारत को ठहराया जिम्मेदार
बांग्लादेश में बनी ताजा स्थितियों को लेकर अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने इसके लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया, जिस पर अब भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अपने देश में बनी स्थितियों और चुनौतियों के कारण हो रही आलोचना से ध्यान भटकाने की कोशिश में लगी हुई है.
उन्होंने कहा, “जब भी इस तरह के बयान सामने आते हैं, तो ऐसा लगता है कि आप अपनी सत्ता से जुड़े मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाकर किसी और दिशा में मोड़ना चाहते हैं, लेकिन जब आप दूसरों पर यह कहकर इल्जाम डालते हैं कि ये बाहरी समस्याएं दूसरों के कारण बने हैं, तो इससे उस समस्या का कोई समाधान नहीं होता है.”