<p style="text-align: justify;">जब जिंदगी की दौड़ में हम बड़े होते हैं, तो कई जज्बात अनकहे रह जाते हैं. नई दिल्ली की युवा कलाकार काशवी जैन की पहली आर्ट एग्जीबिशन ‘Whispers Of The Heart’ यानी ‘दिल की फुसफुसाहटें’ इन्हीं अनकही भावनाओं को आवाज देती है. यह एग्जीबिशन सिर्फ रंगों और ब्रश का मेल नहीं, बल्कि एक युवा कलाकार की आत्मा की पुकार है एक ऐसा हुनर, जो किसी कला विद्यालय की देन नहीं, बल्कि मुश्किल वक्त का साथी बनकर निखरा. काशवी जैन को ड्वॉर्फिजम है. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आज इस मुकाम पर हैं. </p>
<p style="text-align: justify;">काशवी बताती हैं कि यह पूरी कलेक्शन उनके दिल की बातें हैं, जिन्हें वह शब्दों में नहीं कह पाईं. हर पेंटिंग एक एहसास है कभी ठहराव, कभी उलझन, तो कभी भीतर की उथल-पुथल. ये मेरी आत्मा से निकली आवाजें हैं, जिन्हें मैंने रंग, आकार और टेक्सचर के जरिए दुनिया के सामने रखा है. काशवी बताती हैं उनके माता-पिता ने उन्हें बहुत सपोर्ट किया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>हुनर जो किताबों से नहीं, हालातों से सीखा</strong></p>
<p style="text-align: justify;">दिल्ली की रहने वाली 26 वर्षीय काशवी की स्कूली पढ़ाई वसंत वैली स्कूल से हुई है. वहीं से उन्हें आत्मविश्वास मिला, अपने विचार खुलकर रखने की ताकत मिली. साल 2017 में स्कूल खत्म करने के बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के जीसस एंड मैरी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने पर्ल एकेडमी से टेक्सटाइल डिजाइनिंग में मास्टर्स किया. लेकिन पेंटिंग की ओर उनका रुझान किसी क्लासरूम से नहीं, बल्कि जिंदगी के अकेले और कठिन पलों से उपजा.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पेंडेमिक में मिला पेंटिंग का सहारा</strong></p>
<p style="text-align: justify;">काशवी बताती हैं कि कोरोना काल उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था. चारों ओर अकेलापन, डर और असमंजस का माहौल था. तभी पेंटिंग ने उनका हाथ थामा. वह बताती हैं कि एक सफेद दीवार थी, उन्हें बहुत गुस्सा आ रहा था. तब लगा कि इसमें सारा इमोशंस डाल दो. इसके बाद उन्होंने इसे कैनवास में कन्वर्ट करने का सोचा. उन्होंने जो महसूस किया, वो ब्रश और रंगों से बयां करने लगीं. पेंटिंग मेरा साथी बन गया. आज मेरे रंग बोलते हैं, जहां मेरे शब्द चुप हो जाते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>दिल को छू लेने वाली पेंटिंग्स</strong></p>
<p style="text-align: justify;">जो आर्ट उनके दिल के बहुत करीब हैं उनमें से एक है- बैलेंसिंग एक्ट. जब भी उन्हें अच्छा फील नहीं होता है वह उस पेंटिंग को देखती हैं और खुद को मोटीवेट करती हैं. काशवी चारकोल की मदद से आर्ट बनाती हैं. लेकिन उनकी पेंटिंग की खास बात ये है कि हर चारकोल पेंटिंग के साथ कोई न कोई कलर मौजूद है.</p>
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