Sheikh Hasina on Muhammad Yunus: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस पर देश को अमेरिका को बेचने का आरोप लगाया है. शेख हसीना ने अपनी अवामी लीग पार्टी पर हाल ही में लगाए गए बैन की भी निंदा की. उन्होंने यूनुस सरकार के इस कदम को असंवैधानिक बताया.
अवामी लीग के सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक ऑडियो संदेश में शेख हसीना ने एक बार फिर मोहम्मद यूनुस पर चरमपंथी समूहों की मदद से बांग्लादेश सरकार पर कब्जा करने का आरोप लगाया. बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का ये बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब मोहम्मद यूनुस ने सेना की ओर से दिसंबर में चुनाव कराए जाने के आह्वान पर इस्तीफा देने की धमकी दी थी.
‘मोहम्मद यूनुस ने आतंकियों को सौंपी सरकार‘
ऑडियो संदेश में शेख हसीना ने दावा किया, ”मोहम्मद यूनुस, जिन्होंने उनकी सरकार के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई, ने सरकार की बागडोर आतंकवादियों को दे दी है, जिनके खिलाफ उनकी सरकार ने लड़ाई लड़ी थी.”
उन्होंने कहा, ”मेरे पिता सेंट मार्टिन द्वीप के लिए अमेरिका की मांगों से सहमत नहीं थे. उन्हें इसके लिए अपनी जान देनी पड़ी. यही मेरी नियति थी, क्योंकि मैंने सत्ता में बने रहने के लिए देश को बेचने के बारे में कभी नहीं सोचा था.”
‘आतंकियों के सहारे हथियाई सत्ता‘
शेख हसीना ने ऑडियो संदेश में आरोप लगाते हुए कहा, ”मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में चरमपंथी समूहों की मदद से सत्ता हथिया ली. उन्होंने आतंकवादियों की मदद से सत्ता हथियाई. ऐसे आतंकवादियों की मदद ली, जो विभिन्न अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों में प्रतिबंधित हैं, जिनके खिलाफ मेरी सरकार ने बांग्लादेश के लोगों की रक्षा की है. अब जेलें खाली हैं. उन्होंने (यूनुस सरकार) सभी को रिहा कर दिया. अब बांग्लादेश उन आतंकवादियों का राज है.”
‘संसद के बिना नहीं बदल सकते कानून‘
उन्होंने मोहम्मद यूनुस को ‘उग्रवादी नेता’ कहते हुए बांग्लादेश में अवामी लीग पर बैन लगाने के लिए सरकार पर निशाना साधा. शेख हसीना ने कहा, ”इस उग्रवादी नेता को, जिसने अवैध रूप से सत्ता पर कब्जा कर लिया है, संविधान को छूने का अधिकार किसने दिया? उसके पास लोगों का जनादेश नहीं है और उसका कोई संवैधानिक आधार नहीं है. उस पद (मुख्य सलाहकार) का भी कोई आधार नहीं है और वह अस्तित्व में नहीं है. वह संसद के बिना कानून कैसे बदल सकते हैं? यह अवैध है.’