भारत-पाकिस्तान की सीमा यानी लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) पर जब भी तनाव बढ़ता है, तो सबसे पहले जो फोर्स तैनात होती है, वो है सीमा सुरक्षा बल (BSF). इस फोर्स की ताकत, अनुशासन और साहस की मिसालें हर बार सामने आती रही हैं. बीएसएफ के जवान हर मौसम, हर हालात में देश की सुरक्षा के लिए LOC और अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर मुस्तैदी से खड़े रहते हैं. खास बात ये है कि BSF के डायरेक्टर जनरल (DG) को सरकार की ओर से बेहद आकर्षक वेतन और सुविधाएं दी जाती हैं, जो जानकर कोई भी हैरान रह जाए.
LOC पर सबसे आगे BSF
BSF का गठन 1 दिसंबर 1965 को भारत-पाक युद्ध के बाद किया गया था. इसका उद्देश्य था सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत करना. बीएसएफ का काम सिर्फ LOC पर दुश्मन की हरकतों पर नजर रखना ही नहीं होता, बल्कि सीमा पार से होने वाली तस्करी, घुसपैठ और अवैध गतिविधियों को भी रोकना होता है. यही वजह है कि इस फोर्स को “देश की पहली रक्षा पंक्ति” कहा जाता है.
DG को मिलती है शानदार सैलरी और सुविधाएं
BSF का नेतृत्व इसके DG यानी डायरेक्टर जनरल के हाथ में होता है. DG BSF एक IPS अधिकारी होता है, जो केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है. DG को भारत सरकार की ओर से Level-17 (Apex Scale) के तहत सैलरी दी जाती है, जो कि लगभग 2.25 लाख रुपये प्रति माह होती है. इसके अलावा सरकारी आवास, वाहन, सुरक्षा, मेडिकल सुविधा और अन्य कई भत्ते भी शामिल होते हैं. इस पद का रुतबा और जिम्मेदारी, दोनों ही काफी बड़ी होती हैं.
BSF की ताकत और ट्रेनिंग
BSF जवानों की ट्रेनिंग बहुत सख्त होती है. इन्हें हथियारों के साथ-साथ बॉर्डर पर आने वाली हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जाता है. इनका काम केवल सीमा की निगरानी तक सीमित नहीं है, बल्कि ये लोकल पुलिस के साथ मिलकर आतंकवाद विरोधी अभियान में भी हिस्सा लेते हैं. जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात जैसे संवेदनशील इलाकों में BSF की तैनाती हमेशा बनी रहती है.
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