‘मोहम्मद यूनुस कर रहे थे ड्रामा’, इस्तीफे की चर्चा पर पूर्व भारतीय अधिकारी ने खोल दी पोल


Veena Sikri on Muhammad Yunus Resign: बांग्लादेश में भारत की पूर्व उच्चायुक्त वीणा सिकरी ने मोहम्मद यूनुस के इस्तीफे पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने मोहम्मद यूनुस के इस्तीफे की चर्चा को एक ड्रामा करार दिया है. उन्होंने कहा कि मोहम्मूद यूनुस के इस्तीफे की बात पूरी तरह से सिर्फ एक ड्रामा है. यूनुस का इस्तीफा देने का कोई इरादा नहीं था, यहां तक कि उन्होंने खुद कभी ऐसा नहीं कहा कि वे इस्तीफा देंगे.

बांग्लादेश में भारत की पूर्व उच्चायुक्त वीणा सिकरी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, “मोहम्मद यूनुस के इस्तीफे की बात असल में एक धोखा था, जिससे बांग्लादेशी सेना प्रमुख और अन्य सभी सैन्य अधिकारियों की ओर से उनके लिए कही गई बातों से लोगों का ध्यान हटाया जा सके.”

बांग्लादेश सेना इस साल के अंत तक चुनाव करना चाहती है- वीणा सिकरी

उन्होंने कहा, “21 मई को बांग्लादेश के सैन्य प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने सभी सैन्य अधिकारियों को बुलाया था और उनके साथ एक चर्चा की थी. सैन्य अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद पांच महत्वपूर्ण बिंदुओं की घोषणा की गई. इन पांच महत्वपूर्ण बिंदुओं में से एक बिंदु पूरी तरह से स्पष्ट था कि सेना इस बात को सुनिश्चित करना चाहती है कि इस साल के अंत तक बांग्लादेश में आम चुनाव जरूर से संपन्न कराए जाएं.”

मोहम्मद यूनुस के पास किसी तरह का अधिकार नहीं- वीणा सिकरी

पूर्व उच्चायुक्त वीणा सिकरी ने कहा, “सेना के घोषणा के बाद अब यह मोहम्मद यूनुस पर निर्भर करता है कि वे इस बात पर क्या प्रतिक्रिया देते है? क्योंकि इस बात को याद रखना बेहद जरूरी है कि पिछले साल 5 अगस्त को जब प्रधानमंत्री शेख हसीना ने छात्र आंदोलन के बाद देश से पलायन कर गईं थीं, तो बांग्लादेशी सैन्य प्रमुख ने इस बात की सहमति दी थी कि मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ दिलाई जा सकती हैं.”

उन्होंने कहा, “हालांकि, यह सिर्फ एक अंतरिम सरकार है, यह कार्यवाहक सरकार भी नहीं है. ऐसे में उनके पास किसी तरह के सुधार करने का अधिकार और संविधान में किसी भी तरह के बदलाव करने का अधिकार नहीं है. लेकिन मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाले शासन ने फिर भी कई बदलाव किए, कमेटियां बनाईं, प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ केस दर्ज किए और यहां तक कि उनकी राजनीतिक पार्टी बांग्लादेश अवामी लीग तक पर बैन लगा दिया, जिसका उनके पास अधिकार भी नहीं है. ”

मोहम्मद यूनुस को इस्लामिक कट्टरपंथियों का समर्थन

वीणा सिकरी ने कहा, “मोहम्मद यूनुस को इस्लामिक कट्टरपंथियों का समर्थन है. इसमें जमात-ए-इस्लामी समेत सभी इस्लामिक कट्टरपंथी समूह शामिल है. मैं तो यह कहूंगी कि वे इस्लामिक कट्टरपंथियों के प्रतिनिधि हैं.”



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