
इस दिन तामसिक भोजन जैसे मांस-मछली या शराब का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से जीवन में नकारात्मकता और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है.

वृषभ संक्रांति पर तीर्थ स्नान या फिर घर में ही गंगाजल डालकर स्नान करने के लिए सुबह 5.30 से सुबह 7.46 तक महापुण्य काल है. इस समय स्नान और पितरों का तर्पण करने पर व्यक्ति के मन, वचन और कर्म से हुए पापों का क्षय होता है.

वृषभ संक्रांति पर सूर्य देव की कृपा पाना चाहते हैं तो गाय की सेवा करें. घी, जल, गेहूं का दान करें. मान्यता है इससे पूर्वज प्रसन्न होते हैं और परिवार में आर्थिक रूप से आ रही परेशानी दूर होती है.

वृषभ संक्राति पर नुकीली वस्तुएं जैसे चाकू, कैंची आदि दान करने से बचें. चौखट पर आए किसी ब्राह्मण या जरुरतमंदों को बिना कुछ दान किए वापस न लौटाएं. इससे पाप के भागी बनते हैं.

वृषभ संक्रांति के दिन गलती से भी स्नान किए बिना भोजन ग्रहण न करें. मान्यता है कि ऐसा करने से भोजन अशुद्ध और विष के समान हो जाता है. देर तक न सोएं. किसी का तन या मन से अपमान न करें.

इस दिन तामसिक भोजन जैसे मांस-मछली या शराब का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से जीवन में नकारात्मकता और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
Published at : 14 May 2025 10:46 AM (IST)