<p style="text-align: justify;">यमन की राजधानी सना पर अमेरिका ने एक बार फिर हवाई हमला किया, जिसमें कम से कम नौ लोग घायल हो गए. इनमें सात महिलाएं और दो बच्चे शामिल हैं. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने हूती द्वारा संचालित अल-मसीरा टीवी के हवाले से बताया कि इन हमलों में सना के गेराफ इलाके में एक निर्माणाधीन इमारत को निशाना बनाया गया, जिससे आसपास के घरों को नुकसान पहुंचा और बगल की इमारत में शरण लिए हुए आम लोग घायल हो गए.</p>
<p style="text-align: justify;">हूती नियंत्रित हेल्थ अथॉरिटी के अनुसार, यह इस इलाके पर अमेरिका का दूसरा हमला था. इससे पहले शनिवार को हुए हमलों में 53 लोग मारे गए थे और 98 घायल हुए थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे.</p>
<p style="text-align: justify;">बुधवार को अमेरिकी हमले सना तक ही सीमित नहीं रहे. हूती नियंत्रित इलाकों में सादा, अल-बायदा, होदेदाह और अल-जौफ प्रांतों में भी बमबारी की गई.</p>
<p style="text-align: justify;">उत्तरी यमन को नियंत्रित करने वाले हूती ने इससे पहले बुधवार को दावा किया था कि उन्होंने लाल सागर में अमेरिकी युद्धपोत यूएसएस हैरी ट्रूमैन पर क्रूज मिसाइलें दागी थीं. उनका कहना है कि यह 72 घंटे में चौथी बार हुआ है.</p>
<p style="text-align: justify;">एक बयान में हुती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने कहा कि यह अभियान क्रूज मिसाइलों और ड्रोनों के साथ चलाया गया और दावा किया कि यह "शत्रुतापूर्ण अमेरिकी हवाई हमले" को विफल करने में सफल रहा.</p>
<p style="text-align: justify;">हूती समूह का यह भी कहना है कि वे केवल उन जहाजों को निशाना बना रहे हैं जिनका संबंध इजरायल से है. उनका मकसद इजराइल पर दबाव डालना है ताकि वह गाजा में हमला रोक दे और फिलिस्तीनियों तक राहत सामग्री पहुंचने दे.</p>
<p style="text-align: justify;">अमेरिका का कहना है कि उसके हमलों का मकसद अंतरराष्ट्रीय व्यापार मार्गों को सुरक्षित रखना है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को हूती विद्रोहियों को चेतावनी दी थी कि अगर वे हमले नहीं रोकते, तो उन्हें भारी अंजाम भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा था, "तुम पर ऐसा कहर टूटेगा, जैसा तुमने पहले कभी नहीं देखा होगा."</p>
<p style="text-align: justify;">एएस/</p>
