Sunita Williams Returns to Earth : नासा की एस्ट्रेनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अंतरिक्ष में इंटरनेशनल स्पेस सेंटर (ISS) में 9 महीने का समय बिताकर आखिरकार धरती पर लौट आए हैं. नासा के सभी 4 एस्ट्रोनॉट स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट कैप्सूल के जरिए ISS से धरती पर लौटे. स्पेसएक्स के कैप्सूल ने 17 घंटे की वापसी यात्रा कर भारतीय समय के अनुसार बुधवार (19 मार्च) को सुबह 3 बजकर 27 मिनट पर फ्लोरिडा के तट पर स्पलैशडाउन किया.
इस यात्रा में सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के साथ नासा के निक हेग और रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉस्मोस के कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोरबुलनोव भी साथ थे. स्पेसएक्स के कैप्सूल के धरती पर स्पलैशडाउन होने के करीब एक घंटे के बाद सुनीता विलियम्स हंसते हुए कैमरे की ओर हाथ हिलाते हुए निकली.
हालांकि, नौ महीने के लंबे इंतजार के बाद धरती पर लौटने की खुशी से पहले कई घंटे ऐसे भी थे, जब सभी एस्ट्रोनॉट के साथ पूरी दुनिया ने अपने फिंगर्स क्रॉस कर रखे थे. धरती पर लौटने की यात्रा में स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का सबसे मुश्किल चरण पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश के दौरान था. इस दौरान स्पेसक्राफ्ट की रफ्तार 28,800 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की थी. जिसके घर्षण के कारण स्पेसक्राफ्ट के बाहरी हिस्से का तापमान करीब 1,600 डिग्री सेल्सियस था. इतने ज्यादा तापमान होने के कारण स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी के वायुमंडल में एक आग के गोले की तरह उतर रहा था. वहीं, स्पेसक्राफ्ट में लगे हीट शील्ड के कारण उसमें बैठे सभी अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित धरती पर लौट आए.
स्पेसक्राफ्ट के आग का गोला बनने के बाद अंतरिक्ष यात्री कैसे रहते हैं सुरक्षित?
स्पेसएक्स ने अपने ड्रैगन कैप्सूल को धरती के वायुमंडल के ताप से बचाव के लिए PICA के फेनोलिक-इम्प्रेगनेटेड कार्बन एब्लेटर के हीट-रेजिस्टेंट केसिंग से लैस किया था. इस लाइट वेट मेटेरियल का इस्तेमाल सबसे पहले नासा ने ही किया था. इसके बाद स्पेसएक्स ने अपने ड्रैगन कैप्सूल को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से कार्गो और ह्यूमन मूवमेंट के लिए PICA टाइल्स् का इस्तेमाल करने लगी.
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