Chinese Satellite: चीन लगातार अपनी क्षमताओं का विस्तार कर रहा है और रक्षा क्षमताओं के साथ आगे बढ़ रहा है. पिछले कुछ सालों में उसने विरोधियों से पैदा होने वाले खतरे से निपटने के लिए बड़ी संख्या में सेटेलाइट्स तैनात किए हैं. ताजा घटनाक्रम में अमेरिका ने दावा किया है कि 2024 में चाइनीज डिफेंस सेटेलाइट्स ने पृथ्वी की निचली कक्षाओं में डॉगफाइटिंग की प्रैक्टिस की थी.
संयुक्त राज्य अमेरिका के अंतरिक्ष संचालन के उप प्रमुख जनरल माइकल गुएटलीन के मुताबिक, पृथ्वी की निचली कक्षा में चीनी उपग्रहों के एक ग्रुप की ओर से किया गया डॉगफाइटिंग युद्धाभ्यास बीजिंग के विकसित एडवांस सिस्टम को उजागर करता है.
क्या चीन और रूस अमेरिकी स्पेस ऑपरेशन को डिस्टर्ब करना चाहता है?
वॉशिंगटन में मैकएलीज डिफेंस प्रोग्राम के दौरान जनरल गुएटलीन ने कहा, “अपनी वाणिज्यिक संपत्तियों के साथ हमने अंतरिक्ष में पांच अलग-अलग चीजों को समकालिकता और नियंत्रण में एक-दूसरे के अंदर और बाहर के साथ-साथ चारों ओर घूमते हुए देखा है. इसे हम स्पेस में डॉगफाइटिंग कहते हैं. वे एक सेटेलाइट से दूसरे सेटेलाइट तक ऑन-ऑर्बिट स्पेस ऑपरेशन करने के लिए रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं की प्रैक्टिस कर रहे हैं.”
हालांकि यूएस स्पेस कमांड ने साफतौर पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन चिंता व्यक्त की है कि चीन और रूस मिलकर अमेरिकी स्पेस ऑपरेशन्स को बाधित कर सकते हैं. स्पेस में कथित सैन्य अभ्यास में शामिल उपग्रहों की पहचान करते हुए एक अमेरिकी सैन्य प्रवक्ता ने पुष्टि की कि डॉगफाइट 2024 में हुई थी. अधिकारी ने कहा कि इसमें पांच सेटेलाइट शामिल थे, जिनमें से तीन शियान-24सी प्रायोगिक उपग्रह थे, जबकि शेष दो प्रायोगिक अंतरिक्ष यान, शिजियान-605 ए और बी थे.
अमेरिका को सता रही इस बात की चिंता
अमेरिका, रूस, चीन और भारत अपने विरोधियों पर नजर रखने के लिए डिफेंस सेटेलाइट्स की एक सीरीज तैनात कर रहे हैं. जनरल गुएटलीन ने अपने भाषण के दौरान यह भी बताया कि रूस और चीन दोनों ही विरोधी हैं. उन्होंने खासतौर से 2019 में रूसी सेटेलाइट की ओर से कक्षा में एक छोटे अंतरिक्ष यान को स्थापित करने के बारे में बात की. ये एक अमेरिकी उपग्रह की निगरानी और जासूसी करने में सक्षम था. रूस एक परमाणु उपग्रह रोधी हथियार भी विकसित कर रहा है, जिसके बारे में अमेरिका का मानना है कि इसकी तैनाती कुछ ही वर्षों में हो जाएगी.
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