India-New Zealand Free Trade: भारत और न्यूजीलैंड के बीच लगभग एक दशक के बाद फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर बातचीत आधिकारिक रूप से फिर से शुरू हो गई है. इसका मकसद दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक संबंध को बढ़ाना है.
हाई-क्वॉलिटी और बैलेंस्ड डील पर जोर
CNBC-TV18 को दिए इंटरव्यू में न्यूजीलैंड के व्यापार एवं निवेश मंत्री टॉड मैक्ले ने कहा, ”हम एक मुक्त व्यापार समझौता करना चाहते हैं, जो भारतीय व्यवसायों और नागरिकों के साथ-साथ न्यूजीलैंड के लोगों के लिए भी संतुलित और निष्पक्ष हो.” उन्होंने हाई-क्वॉलिटी और बैलेंस्ड डील पर जोर दिया, जिससे दोनों देशों के व्यवसायों और नागरिकों को फायदा हो. मैक्ले ने यह भी कहा कि दोनों देश की सरकारें अलग-अलग सेक्टरों में आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
Co-chaired a meeting with New Zealand’s Trade Minister, Mr. Todd McClay, along with a vibrant & diverse gathering of CEOs from both nations.
We explored opportunities to strengthen business ties in key sectors such as education, tourism & technology.
Both countries remain… pic.twitter.com/iOxE8wUs3D
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) March 18, 2025
कई सेक्टरों में पहुंच बढ़ाना चाहता है न्यूजीलैंड
न्यूजीलैंड भारत के बाजारों में प्राइमरी सेक्टर के साथ-साथ कई अन्य सेक्टरों में भी अपनी पहुंच बढ़ाना चाहता है. मैक्ले ने बताया कि सिर्फ लॉग एक्सपोर्ट करने के बजाय हमारे देश की कंपनियां भारत में इसे प्रोसेस करना चाहती है, जिससे अधिक मूल्य और निवेश के अवसर पैदा हो. इसका लक्ष्य व्यापार और निवेश को दो तरफा बढ़ाना है.
बता दें कि भारत के उत्पादों पर न्यूजीलैंड 2.3 परसेंट की दर से टैरिफ लगाता है, वहीं भारत न्यूजीलैंड के प्रोडक्ट्स करीब 18 परसेंट टैरिफ लगाता है. दोनों देशों के बीच 1.54 अरब डॉलर का कारोबार होता है. एक तरफ जहां भारत से न्यूजीलैंड में टेक्सटाइल, दवा, ट्रैक्टर, ऑटो प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट किए जाते हैं, वहीं न्यूजीलैंड से भारत में स्क्रैप मेटल, सेब, किवी, मिनरल एक्सपोर्ट किए जाते हैं. मुक्त व्यापार समझौते के बाद दोनों देश एक-दूसरे के प्रोडक्ट्स पर इम्पोर्ट ड्यूटी नहीं लगाएंगे.
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