Donald Trump Travel Ban List : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने 43 देशों की लिस्ट तैयार की है, जिनके नागरिकों पर संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश पर पूर्ण और आंशिक रूप से प्रतिबंध लगाया जाएगा. इस सभी 43 देशों को रेड, ऑरेंज और येलो की तीन लिस्ट में बांटा गया है. ट्रंप प्रशासन ने ट्रैवल बैन की रेड लिस्ट में 11 देशों का नाम शामिल किया है, जिनके नागरिकों पर अमेरिका में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.
वहीं, अमेरिका में पूर्ण ट्रैवल बैन वाले रेड लिस्ट में 11 देशों के नाम हैं. इन देशों में भारत के पड़ोसी देश भूटान और अफगानिस्तान का नाम भी शामिल हैं. इसके अलावा इसमें क्यूबा, ईरान, लीबिया, उत्तर कोरिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया, वेनेजुएला और यमन का नाम शामिल किया गया है. अफगानिस्तान और अमेरिका के टकराव को देखते हुए उसे रेड लिस्ट में शामिल किया गया है, लेकिन दिलचस्प बात है कि इस रेड लिस्ट में दुनिया के सबसे खुशहाल देश ‘भूटान’ को भी शामिल किया गया है.
‘अमेरिका की रेड लिस्ट में भूटान का नाम क्यों?’
भारत का पड़ोसी देश भूटान दुनियाभर में सबसे खुशहाल देश के रूप में जाना जाता है, लेकिन अमेरिकी प्रशासन ने भूटान के नागरिकों पर अमेरिका में प्रवेश पर पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया है. अमेरिकी सरकार ने इसके पीछे ‘राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता’ और ‘अनियमित माइग्रेशन पैटर्न’ को कारण बताया है.
द फीड ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा, “अमेरिका में भूटानी नागरिकों के वीजा अवधि समाप्त होने के बाद अधिक समय तक रहने और अनाधिकृत माध्यमों से अमेरिका में प्रवेश करने के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुई है. अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल भूटानी वीजा उल्लंघन के मामलों में 37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी, जिसे कारण अब कड़े कदम उठाए जा रहे हैं.”
भूटान ने अमेरिका से किया अनुरोध
US के इस कदम से अब अमेरिका की यात्रा करने वाले यात्रियों को कड़े नियम, अधिक जांच प्रक्रिया, वीजा मिलने में देरी या कुछ मामलों में वीजा के लिए सीधे स्वीकृति का भी सामना करना पड़ेगा. ऐसे में भूटान के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर अमेरिका के इस फैसले की समीक्षा करने का अनुरोध किया गया है.
व्हाइट हाउस पहुंचने तक लिस्ट में हो सकता है बदलाव
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि ट्रैवल बैन को लेकर यह लिस्ट विदेश विभाग ने कई हफ्ते पहले तैयार की थी, ऐसे में व्हाइट हाउस पहुंचने तक इसमें बदलाव भी हो सकता हैं.
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