<p style="text-align: justify;">भारत में सरकारी प्राथमिक शिक्षकों का वेतन राज्य और संस्थान के अनुसार अलग अलग होता है. देश के अलग अलग राज्य के चयन आयोग इनका सलेक्शन करते हैं और राज्य सरकार इनका वेतन निर्धारित करती है. हालांकि 8 वें वेतन आयोग को लागू करने की चर्चा इन दिनों देश में जोरों पर है. अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि 8 वें वेतन के लागू होने के बाद प्राथमिक शिक्षकों को कितनी तनख्वाह दी जाएगी. अगर बात की जाए उत्तर प्रदेश की तो यहां प्राथमिक शिक्षकों का वेतनमान 9,300 रुपये से 34,800 रुपये के बीच होता है, जिसमें 4,200 रुपये का ग्रेड पे शामिल है. केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) की अगर बात की जाए तो यहां प्राथमिक शिक्षकों की इन-हैंड सैलरी (HRA सहित) लगभग 53,400 रुपये होती है.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>8वें वेतनमान के बाद कितनी बढ़ेगी तनख्वाह</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">हाल ही में केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों और पेंशन की समीक्षा करना है. विशेषज्ञों के अनुसार, अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.6 से 2.85 के बीच तय होता है, तो सैलरी और पेंशन में लगभग 25-30% की वृद्धि हो सकती है. उदाहरण के लिए, अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 होता है, तो न्यूनतम मूल वेतन 51,480 रुपये तक बढ़ सकता है. इस तरह से, प्राथमिक शिक्षकों की सैलरी में भी उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है, हालांकि सटीक आंकड़े आयोग की सिफारिशों और सरकार की स्वीकृति के बाद ही स्पष्ट होंगे.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>इस तरह तय होता है वेतनमान</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">फिलहाल सरकारी शिक्षकों को वेतन राज्य के अलग अलग ग्रेड पे के हिसाब से दिया जाता है. राज्य रीट और सुपर टैट जैसी परीक्षाओं के जरिए इनकी भर्ती करते हैं जिसके बाद प्राथमिक शिक्षकों को नियुक्ति के बाद वेतनमान दिया जाता है. हालांकि वेतन की जानकारी गाइडलाइन के साथ ही शेयर कर दी जाती है. अब ऐसे में तमाम शिक्षकों को 8 वें वेतन के लागू होने का बेसब्री से इंतजार है.</p>
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