<p>आज के समय में मेट्रो ड्राइवर बनना न केवल एक प्रतिष्ठित बल्कि आकर्षक वेतन वाला करियर विकल्प भी है. बढ़ते शहरीकरण और मेट्रो नेटवर्क के विस्तार के कारण मेट्रो ड्राइवरों की मांग लगातार बढ़ रही है. ट्रेन ऑपरेटर के रूप में उनकी जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती है, क्योंकि वे हजारों यात्रियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करते हैं. अगर आप तकनीकी क्षेत्र में रुचि रखते हैं और एक स्थिर नौकरी की तलाश में हैं, तो मेट्रो ड्राइवर बनना आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. </p>
<p><strong>मेट्रो ड्राइवर की सैलरी</strong></p>
<p>दिल्ली मेट्रो में ड्राइवर की शुरुआती सैलरी लगभग 39 हजार रुपये प्रति माह होती है. अनुभव और प्रमोशन के साथ यह बढ़कर 91 हजार रुपये तक पहुंच सकती है. इसमें भत्ते और अन्य लाभ भी शामिल हैं.</p>
<p>इसके विपरीत, रेलवे में लोको पायलट की शुरुआती सैलरी 30 से 35 हजार रुपये प्रति माह होती है. यह भी अनुभव और योग्यता के आधार पर बढ़ती जाती है. इस तरह मेट्रो ड्राइवर की सैलरी लोको पायलट से थोड़ी अधिक है.</p>
<p><strong>मेट्रो ड्राइवर बनने की योग्यता</strong> </p>
<p>मेट्रो ड्राइवर बनने के लिए कुछ महत्वपूर्ण योग्यताएं आवश्यक हैं:</p>
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<li>शिक्षा: AICTE से मान्यता प्राप्त संस्थान से ITI पास होना चाहिए या मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स या ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा होना चाहिए.</li>
<li>स्वास्थ्य: अच्छा स्वास्थ्य होना जरूरी है. विशेष रूप से आंखों की जांच की जाती है. अगर आंखों में कोई समस्या है तो नौकरी नहीं मिलती.</li>
<li>उम्र: अधिकतर मेट्रो निगमों में आवेदन के लिए उम्र सीमा 18-28 वर्ष के बीच होती है.</li>
<li>अन्य कौशल: तनाव में निर्णय लेने की क्षमता, समय का पालन और जिम्मेदारी का भाव होना अति आवश्यक है.</li>
</ul>
<p> <strong>मेट्रो ड्राइवर बनने की प्रक्रिया</strong> </p>
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<li>आवेदन: दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) या अन्य शहरों के मेट्रो निगमों की ऑफिसियल वेबसाइट पर भर्ती अधिसूचना का इंतजार करें. जब भर्ती निकले तब ऑनलाइन आवेदन करें.</li>
<li>परीक्षा: लिखित परीक्षा में सफल होना जरूरी है. इसमें तकनीकी ज्ञान और सामान्य जागरूकता के प्रश्न पूछे जाते हैं.</li>
<li>मेडिकल टेस्ट: लिखित परीक्षा पास करने के बाद स्वास्थ्य जांच होती है. इसमें आंखों की जांच पर विशेष ध्यान दिया जाता है.</li>
<li>दस्तावेज़ सत्यापन: सभी शैक्षिक और व्यक्तिगत दस्तावेज़ों का सत्यापन किया जाता है.</li>
<li>प्रशिक्षण: चयनित उम्मीदवारों को गहन प्रशिक्षण दिया जाता है. इसमें सिमुलेटर पर अभ्यास और वास्तविक मेट्रो चलाने का प्रशिक्षण शामिल है.</li>
<li>नियुक्ति: प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद नौकरी मिलती है.</li>
</ul>
<p><strong>लोको पायलट बनने की प्रक्रिया </strong></p>
<p>रेलवे लोको पायलट बनने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा निकाली गई भर्तियों के लिए आवेदन करना होता है. इसके लिए भी लगभग वही योग्यताएं आवश्यक हैं जो मेट्रो ड्राइवर के लिए चाहिए. भारतीय रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) की परीक्षा पास करनी होती है, जिसके बाद मेडिकल टेस्ट और प्रशिक्षण होता है.</p>
<p><strong>मेट्रो ड्राइवर और लोको पायलट में अंतर </strong></p>
<ul>
<li>कार्य क्षेत्र: मेट्रो ड्राइवर शहरी क्षेत्रों में काम करते हैं, जबकि लोको पायलट पूरे देश में कहीं भी तैनात किए जा सकते हैं.</li>
<li>वेतन: मेट्रो ड्राइवर को आमतौर पर लोको पायलट से अधिक वेतन मिलता है.</li>
<li>काम के घंटे: मेट्रो ड्राइवर के काम के घंटे अधिक नियमित होते हैं, जबकि लोको पायलट को लंबी दूरी की यात्राओं के लिए अनियमित समय पर काम करना पड़ सकता है.</li>
</ul>
<p>मेट्रो ड्राइवर बनना न केवल अच्छी सैलरी वाला पेशा है बल्कि समाज के लिए महत्वपूर्ण सेवा भी है. अगर आपको तकनीकी काम में रुचि है और जिम्मेदारी निभाने का जज्बा है, तो यह करियर आपके लिए उपयुक्त हो सकता है.</p>
