किसके नाम दर्ज है बर्फ में दबकर सबसे ज्यादा दिन तक जिंदा रहने का रिकॉर्ड, हैरान रह जाएंगे आप

किसके नाम दर्ज है बर्फ में दबकर सबसे ज्यादा दिन तक जिंदा रहने का रिकॉर्ड, हैरान रह जाएंगे आप


Record For Staying Longest Under The Snow: उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमस्खलन के चलते 55 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए. जिसमें से कई मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. तो वहीं अभी भी कुछ मजदूर बर्फ के नीचे दबे हुए हैं. बता दें इस हादसे में 4 मजदूरों की जान भी चली गई है. बर्फ के नीचे दबे हुए होना पल-पल मौत से लड़ाई करना जैसा होता है. अक्सर जब हिमस्खलन यानी  एवलांच जैसा हादसा होता है.

तो बड़ी भयानक स्थिति हो जाती है. जितनी देर कोई बर्फ के नीचे दबा होता है उसके जिंदा बचने के चांस उतने ही कम हो जाते हैं. लेकिन आज हम आपको ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं.  जो लंबे समय तक बर्फ के नीचे दबा रहा. और जब उसे निकाला गया तब भी वह जिंदा था. इस शख्स के बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. चलिए बताते है इसके बारे में. 

60 दिनों तक रहे बर्फ के अंदर जिंदा

सामान्य तौर पर बात की जाए तो बर्फ के अंदर दबे होने के बाद इंसान बहुत दिनों तक जीवित नहीं रह पाएगा. बर्फ में बहुत देर तक दबे होने से सफोकेशन के कारण मौत हो सकती है. इसके साथ ही हाइपोथर्मिया भी मौत का कारण बन सकता है. लेकिन दुनिया में एक ऐसा शख्स भी है. जो रिकाॅर्ड समय तक बर्फ के अंदर दबा रहा और आखिर में जिंदा ही वहां से निकला. 

 

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इस शख्स का नाम पीटर स्काइलबर्ग (Peter Skyllberg) जो कि पूरे यह 60 दिनों तक बर्फ के अंदर दबे होने के बाद भी जीवित रहे थे.बता दें आज भी यह एक विश्व रिकॉर्ड है. इतने समय तक कोई भी बर्फ के अंदर दबाकर जीवित नहीं रह सकता है. दरअसल पीटर की कार बर्फ के तूफान में फंस गई और बर्फ के अंदर पूरी तरह दब गई थी. लेकिन जब पीटर स्काइलबर्ग को 60 दिनों बाद उन्हें बाहर निकाला गया. तो वह बुरी हालत में थे. 

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इस तरह बची थी जान

पीटर स्काइलबर्ग साल 2012 में जब अपनी कार से कहीं जा रहे थे. तब भारी बर्फबारी हुई. जिसके चलते उनकी कर पूरी तरह बर्फ में दब गई, बर्फ में दबके बाद ना उनके पास कुछ खाने को था और ना कुछ पीने को था. दिसंबर 2011 से लेकर फरवरी 2012 तक वह अपनी कार में बर्फ में ही दबे रहे. इस दौरान वह बर्फ पिघला कर उसका पानी पीते रहे और सिर्फ इसी तरह जिंदा रहे.पीटर जब जिंदा इस हादसे से बाहर आए तो डॉक्टर के लिए भी यह काफी चौंकाने वाली बात थी. उन्होंने पीटर की जिंदा रहने की इच्छ को और उनकी मजबूत सहनशक्ति को उनके जीवित रहने की वजह बताया.

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