महाकुंभ 2025 में मुस्लिम दुकानों पर महंत रवींद्र पुरी का विवादित बयान, कहा- थूकेंगे तो पेशाब करेंगे
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महाकुंभ-2025 को लेकर आयोजित होने जा रहे महाकुंभ को लेकर अखिल भारतीय क्षेत्रीय परिषद के अध्यक्ष महन्त मूल्यवान पुरी का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि महाकुंभ में गैर-हिंदी लोगों को पंजीकरण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उनके अनुसार, गैर-हिंदुओं को चाय की दुकानें, साबुत स्टॉल और फूलों की दुकानें धार्मिक स्थानों की पवित्रता और सुरक्षा के खतरे में पड़ सकती हैं।
महंत पुरी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, “मैंने कहा है कि इन पंडालों को उन्हें नहीं दिया जाना चाहिए। अगर वे फिल्में देते हैं तो वे छुपेंगे और पेशाब करेंगे, और हमारे नागा साधुओं को कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर देंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐसी कोई घटना होती है और किसी को चोट लगती है, तो इससे दुनिया भर में गलत संदेश जाएगा।
प्रधानमंत्री का ‘एकता और भाईचारे’ का पेज
महंत पुरी के इस बयान के कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्होंने अपने साल के आखिरी ‘मन की बात’ एपिसोड में देश में एकता और भाईचारे की अपील की थी। उन्होंने लोगों से ”समाज में विभाजन और घृणा की भावना को समाप्त करने” की बात कही थी और आगामी महाकुंभ मेले में विविधता में एकता का अनोखा दृश्य बताया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”महाकुंभ का आयोजन सिर्फ इतना ही है। का हिस्सा बना हुआ है। यहां कोई भेदभाव नहीं होता, कोई बड़ा नहीं होता, कोई छोटा नहीं होता। यह एकता और विविधता दुनिया में कहीं नहीं देखी जाएगी।”
ऑल इंडिया मुस्लिम मुस्लिम का विरोध
इससे पहले, ऑल इंडिया मुस्लिम शतरंज ने अखिल भारतीय एरिना काउंसिल (एबीएपी) के उस प्रस्ताव का विरोध किया था, जिसमें महाकुंभ के दौरान गैर-हिंदुओं को मेले क्षेत्र में भोजन की दुकान लगाने से रोकने की सिफारिश की गई थी। उनका कहना था कि इस कदम से समाज में विभाजन पैदा होगा।
महाकुंभ की टुकड़ियों और टुकड़ियों का विकास
महाकुंभ 13 जनवरी, 2025 से आधिकारिक रूप से शुरू होगा। मेले के आयोजन के लिए समानता की साफ-सफाई और यातायात सुविधाओं में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं।
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