मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले के एमपीपीएससी सेकेंड टॉपर आदित्य नारायण तिवारी बनेंगे डिप्टी कलेक्टर, जानिए उनकी कहानी

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एमपीपीएससी द्वितीय टॉपर आदित्य नारायण तिवारी: यूपी एसएससी में बार-बार रिजल्ट जारी होने के बाद आपको कुछ ऐसी कहानियां, कुछ ऐसे लोगों के बारे में पता चलता है, जिन्हें जानने के बाद आप प्रेरणा से भर जाते हैं। यूपीएससी के अलावा देश के अलग-अलग राज्यों में लोक सेवा आयोग के बारे में पता चलता है। वहां भी आपको कई ऐसे हंगेरियन नजर आते हैं।

कल यानि 18 जनवरी को मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग यानि एमपीपीएससी 2022 के परीक्षा परिणाम घोषित किये गये। जिसमें देवास की दीपिका पाटीदार ने टॉप किया। तो फिर अलास्का पुरम के आदित्य नारायण तिवारी सेकंड टॉपर रहे। उपनियुक्ति नियुक्ति वाले आदित्य नारायण तिवारी की कहानी हौंसले की और लगन की कहानी है। विखंडन हैं.

अन्तिम प्रयास में मिली सफलता

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से शनिवार को राज्य सेवा परीक्षा 2022 के परिणाम घोषित किये गये हैं। जिसमें कुल 394 पदनाम लिपिबद्ध किये गये हैं। इसमें नालंदा पुरम जिले के आदित्य नारायण तिवारी भी शामिल हैं। आदित्य ने मध्य प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है। बताइये आदित्य नारायण तिवारी का यह पांचवा प्रयास था। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने एमपीसीपीएस की परीक्षा में सफलता हासिल की है।

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बल्कि साल 2021 में भी आदित्य नारायण तिवारी ने एमपीपीएससी की परीक्षा में अंकित हो गए थे। हालाँकि उनके मन में जो कहा गया वह नहीं मिला। आदित्य नारायण के शिष्य हैं कि वर्ष 2018 में उन्होंने पहली बार प्रयास किया था। जिसमें वह शामिल थे. इसके बाद साल 2019 में सफल रहे, लेकिन फिर 2020 में रहे। 2021 और 2022 में उन्होंने फिर से काम किया। अब वह डिप्टी पोस्टिस्ट के लिए चुने गए हैं।

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प्रेक्षक के पद पर आस्तिक हैं

साल 2021 में आदित्य नारायण तिवारी ने एमपीपीएससी के लिए एसोसिएट लिया था और उनका सिलेक्शन भी हो गया था। इसमें उन्हें प्रेक्षक का पद मिला था। लेकिन उनके लगन और हौंसले हार नहीं माने। यहां तक ​​कि साल 2021 में सफलता मिलने के बाद भी उन्होंने मिठाई तक नहीं खाई। एमपीपीएसी 2022 के रिजल्ट आने के बाद डिप्टी डॉक्टर के पद पर मुहर लगने के बाद आदित्य नारायण तिवारी ने अपने परिवार के साथ मिलकर मिठाई खाई और अपनी सफलता का जश्न मनाया।

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8वां वेतन आयोग: यूपी, एमपी या बिहार, किस राज्य में सबसे पहले लागू होगा 8वां वेतन आयोग, कर्मचारियों की संख्या सबसे ज्यादा

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केंद्र सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा के बाद, सरकारी कर्मचारियों में उत्साह का माहौल है। इस आयोग की ओर से 2026 में लागू होने की उम्मीद है, लेकिन सवाल यह है कि सबसे पहले किस राज्य में इसे लागू किया जाएगा और किस राज्य के कर्मचारियों की नियुक्ति सबसे ज्यादा होगी।

आपको बताएं, केंद्र सरकार 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी गई है, जो सरकारी कर्मचारियों और भत्तों का पुनर्निर्धारण करेगा। इससे लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा। पिछले वेतन आयोग की तरह, इस बार भी कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की संभावना है।

पहले किन राज्यों में लागू हो सकती है?< /p>

जब केंद्र सरकार नए वेतन आयोग की सलाह लागू करती है, तो राज्य को भी इसके लिए निर्देश-निर्देश दिए जाते हैं। हालाँकि, हर राज्य अपनी वित्तीय स्थिति और बजट के अनुसार इसे लागू करता है। पिछले सालो को देखा गया, उत्तर प्रदेश (यूपी), महाराष्ट्र और गुजरात जैसे बड़े और आर्थिक रूप से मजबूत राज्यों ने पहले वेतन आयोगों को जल्दी लागू किया था। आयोग लागू तो हो गया, लेकिन उन्हें समय लग गया। जैसे- जब केंद्र सरकार 7वां वेतन आयोग 2016 में ले आई तो इसे यूपी, एमपी और बिहार में सबसे पहले उत्तर प्रदेश में लागू किया गया। यूपी सरकार ने इसे 1 जनवरी 2016 से लागू किया, जिससे करीब 16 लाख सरकारी कर्मचारियों को फायदा हुआ। वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने इसे लागू करने की घोषणा जून 2017 में ही कर दी थी, लेकिन इसे 1 जनवरी 2016 से प्रभावी माना गया है. वहीं, बिहार की बात करें तो यहां की सरकार ने 7वें वेतन आयोग की घोषणा करते हुए इसे लागू करने में थोड़ी कठिनाई दिखाई दी।

किस राज्य के कर्मचारियों की आम तौर पर नौकरी

8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद किस राज्य के सरकारी कर्मचारियों की वेतन संख्या कितनी है, यह पूरी तरह से फिटमेंट फैक्टर और स्केल पर निर्भर है। बेसिक्स का मानना ​​है कि अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 प्रतिशत तक है, तो न्यूनतम बेसिक्स फैक्टर में लगभग 186 प्रतिशत तक का दायरा हो सकता है। अगर उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही फिटमेंट फैक्टर लागू किया जाए तो वहां के हर सरकारी कर्मचारी के अल्पसंख्यक परिवारों में लगभग 186 प्रतिशत का समूह आकलन किया जा सकता है।

ऐसी समझ है कि अगर अभी भी आपकी न्यूनतम बेरोजगारी भत्ता 22000 रुपये है, तो 8वां वेतन आयोग लीज के बाद ये न्यूनतम बेरोजगारी भत्ता 62,920 रुपये होगा। इसका फॉर्मूला सीधा है, आपको बस भरे हुए फिटमेंट फैक्टर में अपनी फैक्ट्री से गुणा कर देना है। गुणा के बाद जो नया पात्र सामने आएगा, वही आपकी सबसे बड़ी न्यूनतम बेरोजगारी भत्ता योजना होगी। इसके अलावा इसी तरह का एक अहम रोल भी होगा।

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यशस्वी जयसवाल को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए टीम इंडिया में चुना गया, जानें वजह रोहित शर्मा

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यशस्वी जयसवाल टीम इंडिया: भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए टीम की घोषणा कर दी है। टीम इंडिया ने यशस्वी जयसवाल को भी दिया मौका। यशस्वी भारत के टेस्ट और टी20 में अच्छा फॉर्म कर चुके हैं। अब उन्हें भी डिस्काउंट का मौका मिल सकता है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने यशस्वी को टीम इंडिया में जगह क्यों दी, इसका खुलासा हुआ है। कैप्टन रोहित शर्मा ने इस मामले पर दी प्रतिक्रिया.

यशस्वी भारत के लिए 19 टेस्ट और 23 टी20 मैच खेल चुके हैं। लेकिन उन्हें अभी तक वैधानिक ऋण का अवसर नहीं मिल पाया है। लेकिन अब चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में मौका मिल सकता है। भारतीय टीम के कैप्टन रोहित ने यशस्वी पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि यशस्वी को क्यों मौका दिया गया। रोहित ने कहा, ”यशस्वी की क्षमता को देखते हुए उन्हें टीम इंडिया के लिए चुना गया है।”

टीम इंडिया ने यशस्वी के साथ यह भी दिया मौका –

भारत ने यशस्वी के साथ-साथ श्रेयस अय्यर और केएल राहुल को भी मौका दिया है। आयरलैंड काफी वक्ता टीम इंडिया से बाहर थे। लेकिन वे घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। इसी वजह से अय्यर को भी टीम इंडिया में जगह मिल गई. भारत में शुभमन गिल, अक्षर पटेल, हॉलिडे वेलकम, वाशिंगटन ब्यूटीफुल, अलादीन यादव, बिश्नोई स्टूडेंट और मोहम्मद शमी को भी टीम में जगह दी गई है।

चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का कब-किससे होगा मुकाबला –

भारत का चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में पहला मैच बांग्लादेश से है। यह प्रतियोगिता 20 फरवरी को दुबई में आयोजित होगी। इसके बाद भारत का पाकिस्तान से मैच होगा। यह प्रतियोगिता 23 फरवरी को आयोजित की जाएगी। यह मैच दुबई में भी खेला जाएगा। टीम इंडिया का अंतिम ग्रुप मैच न्यूजीलैंड से है। यह मुकाबला दुबई में 2 मार्च को खेला जाएगा।

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51 साल की उम्र में ब्लैक कलर की ड्रेस में नागिन सी बलखाती की एक्ट्रेस मलाइक अरोड़ा ने इंटरनेट का पारा हाई कर दिया था

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51 साल की उम्र में ब्लैक कलर की ड्रेस में नागिन सी बलखाती की एक्ट्रेस मलाइक अरोड़ा ने इंटरनेट का पारा हाई कर दिया था

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मीन राशि के लिए मंगल गोचर 2025, मीन राशि पर मंगल का गोचर प्रभाव, जानें राशिफल

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मीन राशि 2025 के लिए मंगल गोचर: मंगल ग्रह अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए इसे अंगारक, भौम अर्थात भूमि पुत्र कहा जाता है। मंगल को युद्ध का देवता भी कहा जाता है। अन्य राशियों के मंगल भी समय-समय पर अपनी चाल चलते रहते हैं, कभी मार्गी तो कभी वक्री भी होते हैं। कुंडली में मंगल की स्थिति मजबूत होने पर व्यक्ति हमेशा ऊर्जावान होता है। आशीर्वाद की कोई कमी नहीं होती.

संकेतों के सेनापति और ऊर्जा, रक्त, उत्साह, साहस, प्रभाव के कारक मंगल 21 जनवरी को बुध की राशि में मिथुन राशि का गोचर होगा। मिथुन राशि में मंगल ग्रह 2 अप्रैल तक रहेगा। ऐसे में मंगल का प्रभाव सभी 12 राशियों पर क्या रहेगा। आइए जानते हैं गोचर काल में पूरे 72 दिन तक मीन राशि वालों के जीवन में मंगल के राशि परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ता है।

मीन राशि वालों पर मंगल गोचर का प्रभाव

  • मंगल मीन राशि के दूसरे और नवम भाव के स्वामी चतुर्थ भाव में विराजित हैं। इस गोचर काल में आपको सुख-सुविधा को बढ़ाने का काम मिलेगा और आपकी खुशियों में भी वृद्धि होगी। साथ ही, आपको घर-परिवार का हर कदम साथ मिलेगा।
  • व्यवसाय के क्षेत्र में कभी-कभी आप पर काम का दबाव बढ़ सकता है और इस कारण से आपको अपना व्यवसाय पूरा करने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक जीवन की बात करें तो जीवन की जिम्मेदारियाँ बढ़ सकती हैं।
  • जो लोग खुद का व्यापार करते हैं, उन्हें अपने व्यापार समुदायों में बदलाव करने की सलाह दी जाती है। लव लाइफ में आपके और प्रेमियों का परिवार में विरोध से सामना हो सकता है।

मीन राशि के उपाय- मंगलवार के दिन हनुमान जी का गंगाजल से अभिषेक करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

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इस देश में बैन हुआ टिकटॉक, अब नहीं होगा इस्तेमाल, जानिए क्या है वजह?

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अमेरिका में टिकटॉक पर प्रतिबंध: जैसा कि रॉयटर्स की रिपोर्ट में बताया गया है, टिकटॉक ने अमेरिका में काम करना बंद कर दिया है। इसका मतलब यह है कि अब अमेरिकी उपभोक्ता इस लोकप्रिय शॉर्ट-वीडियो प्लेटफॉर्म का उपयोग नहीं कर सकते। कई महीनों की कानूनी लड़ाई के बाद, 17 जनवरी को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने के कानून को मंजूरी दे दी। इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे के बारे में बताया गया।

दिखता है ये मैसेज

अब जब अमेरिका में टिकटॉक ऐप लोकप्रिय हो गया है, तो एक संदेश दिखाई देता है: “अमेरिका में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। दुर्भाग्य से, अब आप टिकटॉक का उपयोग नहीं कर सकते। महासचिव ने संकेत दिया है कि जब वे ऑफिस संभालेंगे, तो टिकटॉक को फिर से शुरू करने के लिए समाधान पर काम करेंगे। कृपया आगे की जानकारी का इंतजार करें।”

अमेरिका ने टिकटॉक पर क्यों लगाया प्रतिबंध?

अमेरिकी अधिकारियों ने टिकटॉक पर राष्ट्रीय सुरक्षा को धमकी देने का आरोप लगाया है। उनका मानना ​​है कि चीनी सरकार इस ऐप के इस्तेमाल से जासूसी या सार्वजनिक राय को प्रभावित कर सकती है।

चीनी मिलिटेंट के अधीन संगठनों को आतंकवाद निरोधक विषय में सहयोग करना अनिवार्य है, जो अमेरिकी अधिकारियों के लिए चिंता का विषय है। एफबीआई के डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे ने पिछले साल कांग्रेस में कहा था कि टिकटॉक का सॉफ्टवेयर चीनी सरकार को अमेरिका तक पहुंचाएगा और उन्हें प्रभावित करने में मदद कर सकता है।

विरोध प्रदर्शन के तहत अमेरिकी कांग्रेस ने एक कानून पारित किया है, जिसके तहत टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है, जब तक कि इसकी मूल कंपनी बाइटडांस को अमेरिकी सरकार ने जारी नहीं कर दिया। अप्रैल 2024 में राष्ट्रपति जो बिडेन ने इस कानून पर हस्ताक्षर किए, जिसमें बाइटडांस को टिकटॉक के लिए 19 जनवरी तक का समय दिया गया था। लेकिन बाइटडांस की अदालत में इस कानून को चुनौती देने का प्रयास किया जा रहा है।

6 दिसंबर को तीन संघीय न्यायाधीशों के एक पैनल ने टिकटॉक के फैसले को खारिज कर दिया कि यह अभिव्यक्ति की आजादी के तहत पहले संशोधन पर रोक का उल्लंघन है। अंत में, 17 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने टिकटॉक की अपील को भी खारिज कर दिया, जिससे 19 जनवरी को टिकटॉक पर प्रभावी प्रतिबंध लग गया।

टिकटॉक का आगे क्या होगा?

अमेरिका में टिकटॉक का भविष्य अनिश्चित है। नए कानून के तहत ऐप स्टोर से इसके अपडेट और समर्थन बंद हो जाएंगे। धीरे-धीरे यह ऐप पूरी तरह से अनुपयोगी हो सकता है।

सभी के सहयोगियों में अब नए राष्ट्रपति डोनाल्ड शामिल हैं, जो 20 जनवरी को समर्थन देंगे। हाल ही में एनबीसी के बयान में कहा गया है कि अख्तर ने टिकटॉक को “एक बड़ा नुकसान” बताया और कहा कि वे 90 दिनों तक टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहे हैं। इस बीच, टिकटॉक के उपभोक्ता और वे बिजनेस जो इस ऐप पर अलॉट थे, अब असमंजस में हैं, क्योंकि ऐप ने अमेरिका में काम करना बंद कर दिया है।

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गाजा युद्धविराम को लेकर इजरायली मंत्री सहयोगी बेन ग्विर ने नेतन्याहू सरकार से इस्तीफा दे दिया

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इजरायली मंत्री सहयोगी बेन ग्विर ने इस्तीफा दिया: इजराइल के कट्टर राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन गुइर ने गाजा में हमास के साथ हुए अक्रामक विद्रोह में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार से छुट्टी दे दी है। उनकी पार्टी, यहूदी पावर (ओत्ज़मा येहुदित) ने युद्धविराम को “हमास के सामने आत्मसमर्पण” करने का अधिकार दिया था।

पार्टी का दावा है कि यह समझौता गाजा में “सैकेदों सऊदी अरब की रिहाई” और इजरायली सेना की “युद्ध में रिहाई के त्याग” के समान है। हालाँकि, पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वह नेतन्याहू की सरकार बनाने की कोशिश नहीं करेंगे।

गठबंधन पर असर
बेन होने के नाते से नेतन्याहू सरकार का गठबंधन अस्थिर की तरह खतरनाक है, लेकिन इससे न तो गठबंधन टूटेगा और न ही संघर्ष विराम पर कोई प्रभाव पड़ेगा। इसके बावजूद, बेन गुइर ने संकेत दिया कि यदि गाजा में मार्शल युद्ध शुरू हुआ तो उनकी पार्टी सरकार में वापस आ सकती है।

हमास और बंधकों की रिहाई
हमास ने तीन बंधकों की सूची जारी की है जिसमें वह रविवार को रिक्शा लेने की योजना बना रहा है। इससे गाजा में युद्धविराम (गाजा युद्धविराम) लागू करने का रास्ता साफ हो सकता है। हालाँकि, इज़राइल ने कहा था कि बंधकों की सूची के अनुसार लड़ाई जारी रहेगी। इजराइल की ओर से अब तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. युद्ध विराम लागू होने में लगभग दो घंटे की देरी हुई।

युद्ध में गाजा में 46 हज़ार से अधिक लोगों की मौत
बता दें कि 7 अक्टूबर, 2023 को गाजा में शुरू हुए युद्ध में अब तक 46,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस संघर्ष में सैकड़ों इजरायली सैनिकों ने भी अपनी जान गंवाई है. वहीं, इजरायली आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इजरायल में 1,210 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे।

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डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से पहले मुकेश अंबानी और नीता अंबानी डोनाल्ड ट्रंप के डिनर में शामिल हुए, देखें अंदर की तस्वीरें

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डोनाल्ड ट्रम्प उद्घाटन दिवस: वाशिंगटन डी.सी. में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड हिटलर के शपथ ग्रहण समारोह से पहले डिनर में आयोजित रिलायंस इंडस्ट्रीज के सीईओ मुकेश अंबानी और रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी ने छात्रों की। इस खास अवसर पर दुनिया के बड़े-बड़े कई विचारधारावादी, वैश्विक व्यापार जगत के नेता और अनैतिक के नाम से मशहूर सदस्य मौजूद थे।

डिनर में अंबानी परिवार को अन्य भारतीय पेट्रोकेमिकल्स, जैसे एम3एम फ़्रैंचाइज़ी के प्रबंध निदेशक पंकज बैसाख और ट्राइबेका फ़्रैंचाइज़ी के संस्थापक कल्पेश मेहता के साथ देखा गया। कल्पेश मेहता भारत में व्हेल टावर्स की स्थापना करने में एक प्रमुख भागीदार हैं। इंस्टालेशन पर साझा की गई स्थिति में मुर्शिद और नीता अंबानी के साथ पोज देते हुए देखा जा सकता है

खास ड्रेस में नजर आईं अंबानी परिवार

मुकेश अंबानी ने इस कंपनी में ब्लैक कलर का सूट पहना था, जबकि नीता अंबानी कंपनी ने लंबे समय तक ओवरकोट में नजर रखीं। इस समारोह में कई बड़े उद्योगपति भी शामिल हुए. इसके अलावा Amazon.com के संस्थापक जेफ बेजोस और मेटा के मुख्य कार्यकारी मार्क जुकरबर्ग भी इस अवसर पर हैं।


शेयर की तस्वीरें

कल्पेश फेथ ने सोशल मीडिया पर क्वेटल और उनके परिवार के साथ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, “45वें और 47वें राष्ट्रपति के साथ इस अद्भुत उद्घाटन समारोह का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस हुआ।” उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें डोनाल्ड खैल अपनी पत्नी मेलानिया के साथ ग्रैंडमास्टर का आनंद ले रहे थे।

डोनाल्ड ट्रम्प उद्घाटन: शपथ ग्रहण से पहले डोनाल्ड के भोजनालय में मुकेश और नीता अंबानी, देखें अंदर की तस्वीरें

कैंडललाइट डिनर

मराठा के अनुसार, अंबानी परिवार द्वारा डोनाल्ड को शपथ ग्रहण समारोह से एक रात पहले विशेष आमंत्रण के लिए “कैंडललाइट डिनर” का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर नाच के साथ उनके करीबी दोस्त मंडली और परिवार के सदस्य मौजूद थे।

डोनाल्ड ट्रम्प उद्घाटन: शपथ ग्रहण से पहले डोनाल्ड के भोजनालय में मुकेश और नीता अंबानी, देखें अंदर की तस्वीरें

ब्लैक-ताई रिसेप्शन में भी शामिल हुआ अंबानी परिवार

यथार्थ के शपथ ग्रहण समारोह के बाद, अंबानी परिवार द्वारा रिपब्लिकन मेगा-डोनर मिरियम एडेलसन और मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग द्वारा आयोजित ब्लैक-ताई रिसेप्शन में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में दुनिया के दिग्गज नेताओं और व्यापार जगत के दिग्गजों का जमावड़ा होगा।

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