मकर संक्रांति 2025 लाइव: सूर्य जिस दिन मकर राशि में प्रवेश करता है, उस दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। साल में 12 संक्रांति होती है लेकिन मकर संक्रांति सभी में महत्वपूर्ण होती है। इस दिन तीर्थ नदी के जल से स्नान और दान करने वालों को कभी भी समाप्त होने वाला पुण्य नहीं मिलता है। इसे सूर्य उत्तरायण पर्व के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2025 को है। इस दिन महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान भी होगा।
माघ से मकर संक्रांति प्रारंभ होगी
इस वर्ष मकर संक्रांति से ही माघ माह की शुरुआत हो रही है, माघ माह में स्नान-दान का महत्व दोगुना बढ़ जाता है। इसका प्रभाव जीवन में सुख-समृद्धि और खाद्य पदार्थों से राहत मिलती है। मकर संक्रांति पर सूर्य दक्षिण से उत्तर की ओर गति करता है तो दिन लंबा और रातें छोटी होती हैं।
मकर संक्रांति पर समाप्त होगा खरमास
मकर संक्रांति के साथ ही खरमास का भी समापन होगा। खरमास में शादी, विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे शुभ और मांगलिक कार्य होते हैं। ऐसे में मकर संक्रांति के साथ ही शुभ और मांगलिक कार्य पर लगी भी हट जाएगी।
सूर्य का पर्व मकर संक्रांति है
मकर संक्रांति भगवान सूर्य का पर्व है। इस अवसर पर भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि के घर मकर राशि में स्तिथ हैं। मकर राशि में सूर्योदय के समय पवित्र नदियों में स्नान के बाद सूर्य भगवान की पूजा की जाती है और जल चढ़ाकर वस्त्र, कम्बल, तिल, गुड़ का दान करना महत्वपूर्ण होता है।
सूर्य को जल आपूर्ति से सूर्य हमें तेज देता है, हमें नई ऊर्जा प्रदान करता है। साथ ही हमारी अस्थि, नैत्र, कैल्शियम इन सभी के कारक ग्रह सूर्य ही हैं, सूर्य हमें साधन, ऊर्जा और एकाग्रता प्रदान करते हैं।समस्याओं से मुक्ति की ऊर्जा हम सूर्य से ही हैं।
अस्वीकरण: यहां चार्टर्ड सूचना सिर्फ अभ्यर्थियों और विद्वानों पर आधारित है। यहां यह जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह के सिद्धांत, जानकारी की पुष्टि नहीं होती है। किसी भी जानकारी या सिद्धांत को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।