सऊदी अरब में नई वीज़ा नीति: सऊदी अरब की सरकार ने देश में विदेशी आतंकवादियों के लिए सऊदी अरब की सरकार के निर्देशों का पालन किया है। सऊदी सऊदी अरब में काम करने वाले भारतीयों के लिए अध्येताओं और पेशेवर योग्यताओं का सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। सऊदी सरकार ने इस नए वजीर नियम को छह महीने पहले प्रस्तावित किया था, जो मंगलवार (14 जनवरी) से लागू होने वाले हैं। इससे सऊदी अरब में काम करने वाले भारतीयों पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है। इस नियम के लागू होने के बाद सऊदी में भारतीय कृषकों की संख्या में कमी हो सकती है, क्योंकि गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करने वाले प्रशिक्षण केंद्र काफी कम हैं।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब में बांग्लादेशी नागरिकों के बाद भारतीय लोग दूसरे सबसे बड़े प्रवासी समुदाय हैं। साल 2024 में 24 लाख से ज्यादा भारतीय सऊदी अरब में रह रहे थे। इनमें से 16.4 लाख निजी क्षेत्र में और 7.85 लाख घरेलू व्यवसाय में लगे हैं। वहीं, सऊदी अरब में बांग्लादेशी प्रवासी आदिवासियों की संख्या 26.9 लाख है। सऊदी अरब के श्रम बाजार में भारतीय कामगार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और भारत में पैसा निकालते हैं।
अपनी यूनिट को बदल रहा सऊदी अरब
ऐसा दावा है कि सऊदी अरब की सरकार क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में उनके ड्रीम प्रोजेक्ट ‘विज़न 2030’ पर काम कर रही है। ऐसे में सऊदी सरकार अपने नागरिकों को अधिक रोजगार देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसी तरह के सरकारी प्रमाण-पत्रों में बदलाव किये जा रहे हैं। नए स्नातक उपाधि प्राप्त सभी रोगियों को अपनी शैक्षणिक योग्यता योग्यता करानी होगी।
इस पहले से कार्यबल की गुणवत्ता में वृद्धि होने की उम्मीद है
सऊदी में कंपनी के शेयरधारकों और एचआर शेयरों को प्रवासी कर्मचारियों के प्रमाणपत्रों और जानकारियों को प्रमाणित करने के लिए कहा जा रहा है। इस पहले से सऊदी अरब में भर्ती प्रक्रिया सुव्यवस्थित होने और कार्यबल की गुणवत्ता में वृद्धि होने की उम्मीद है। सऊदी मिशन की ओर से भारत में रिलीज होने वाली पत्रिका में कहा गया है कि मंगलवार (14 जनवरी) को श्रमिक चमत्कार करने के लिए पेशेवर सत्यापन अनिवार्य हो जाएगा।
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