दादी-नानी की बातें: हिंदू धर्म शास्त्रों में हमारी सुख-सुविधा, सौभाग्य और सेहत को लेकर कई नियम बताए गए हैं, जिनके पालन से घर पर हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। लेकिन जाने-अनजाने में हम कुछ ऐसे काम कर देते हैं, जिसका नुकसान हमें झेलना पड़ सकता है। घाटे से बचने के लिए दादी-नानी हमें रिया-टोकी करती हैं।
कई बार रात्रि भोजन (डिनर) के बाद हम किचन में टॉयलेट और जूठे बर्तनों का ठीक से सोना छोड़ देते हैं। लेकिन दादी-नानी की माने तो रात में भूलकर भी जूठे पत्थरों को नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करना दुखों का कारण बन सकता है।
दादी-नानी की ये बातें आपको कुछ समय के लिए अटपटी या फिर मृत्यु लग सकती हैं। लेकिन शास्त्र और विज्ञान (Shastra and science) में इसके कारण और परिणाम से होने वाली हानि के बारे में बताया गया है। इसलिए अगर आप दादी-नानी की बताई बातें फॉलो करेंगे तो सुखी रहेगा भविष्य और में सोने वाली अशुभ घटना से बच जाएंगे। आइए जानते हैं आखिर क्यों दादी-नानी रात में जूठे और पाइलिक स्टॉक को मनाती हैं।
धर्म शास्त्र क्या है?
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के शिष्यों का कहना है कि रात में जूथे पाइल्स पर मानसिक तनाव की स्थिति बनी रहती है। क्योंकि ग्रहों के अधिपति मंगल ग्रह हैं। साथ ही चंद्रमा और शनि (Shani) भी नाराज होते हैं। रात में जूथे पॉइक्रोल आउट पर जीवन में इन चिन्हों का अशुभ प्रभाव पड़ता है।
हिंदू धर्म और वास्तु (रसोईघर के लिए वास्तु) में ऐसे वास्तु के बारे में बताया गया है जो पवित्रता से जुड़े होते हैं। दोस्ती में एक रात सोने से पहले तालाबों को साफ कर लिया। जहां साफ-सफाई, शुद्धता और पवित्रता होती है, वहीं मां लक्ष्मी भी निवास करती हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार रसोई में आकृति जूठे और पेंसिल तीक्ष्णता से नकारात्मक ऊर्जा को दर्शाया जाता है।
विज्ञान क्या कहता है
धर्म-शास्त्रों से जुड़े कई पुरातनपंथी विज्ञान भी एकमत हैं। विज्ञान के अनुसार भी रात में जूथे पॉट्स को गलत बताया गया है। इसका कारण यह है कि जूथे और पॉलीक्लिओन्स में रखे हुए बैचलर के अवशेष पाए जाते हैं, जो कि खोजे गए हैं। जब आप रातभर पॉलीक्लिओन को छोड़ते हैं तो इससे बिजनेस बहुत तेजी से बढ़ने लगता है, जोकी हेल्थ के नुकसान से नुकसान होता है। यह प्रयास करें कि रात में सोने से पहले प्लास्टिक के बर्तनों को साफ कर लें और रसोई के किशोर, गैस आदि को भी साफ करके सोएं।
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