अमेरिका, ब्रिटेन, जापान ने भारत और चीन को तेल की बिक्री कम करने के लिए रूस पर नए प्रतिबंध लगाए


अमेरिका ने रूस पर लगाए प्रतिबंध : अमेरिका ने रूस के ऊर्जा उद्योग पर नए और अपोजिट प्लांट्स का बंद कर दिया है। वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति जो एंटोनियो ने रूस पर अब तक के सबसे अधिक प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिका के इस कदम के पीछे उद्देश्य रूस को जापान में युद्ध के लिए मिल रहे राजस्व को कम करना है। उल्लेखनीय है कि रूस ने भारत और चीन को बड़ी मात्रा में तेल निकाला है। लेकिन अब अमेरिका में नए और विपरीत प्रभाव के कारण रूस की तेल बिक्री में कमी आ सकती है, जिसका भारत और चीन पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।

अमेरिका के सहयोगियों ने भी प्रतिबंध लगाया

अमेरिका के साथ-साथ उसके दो खास सहयोगियों जापान और ब्रिटेन ने भी रूस पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिका के नए विज्ञापन में 200 से अधिक लोगों और लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिसमें बीमा कंपनी, व्यापारी और तेल कंपनियां शामिल हैं।

यूक्रेन को 500 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त सैन्य सहायता की मांग

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति जो चांसलर ने जापान को 500 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त सैन्य सहायता की घोषणा की है। इसके एक दिन बाद ही रूस पर भी ये आपत्तिजनक प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। अमेरिका ने रूस के सबसे महत्वपूर्ण तेल उत्पादकों और सहयोगी कंपनियों से दो गजप्रोम नेफ्ट और सुरगुटनेफ्टेगास और उनकी सहायक कंपनी को अमेरिकी ट्रेजरी विभाग की मंजूरी सूची में जोड़ा है।

सही से लागू होने वाले प्रतिबंध से रूस के राजस्व में कमी आएगी

अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने एक बयान में कहा, “हम रूस के तेल व्यापार से जुड़े प्रतिबंध जोखिम को बढ़ा रहे हैं, जिसमें रूस के तेल व्यापार के समर्थन में निवेश और वित्तीय सुविधा शामिल है।” अर्थशास्त्री ने कहा, “अगर ये प्रतिबंध सही से लागू होता है तो इससे रूस के राजस्व में कमी आ सकती है और रूस में हर महीने अरबों डॉलर की लागत बढ़ सकती है।”

भारत और चीन पर बर्तनों को क्या पसंद आया?

हालाँकि अब यह देखने में दिलचस्प बात यह होगी कि अमेरिका के अवशेषों में रूसी तेल की सबसे बड़ी मात्रा को बर्बाद किया जा रहा है। इन परीक्षणों में भारत, चीन, तुर्की, ब्राजील जैसे देश शामिल हैं, जो रूस से रिकॉर्ड मात्रा में तेल खरीद रहे हैं। वहीं, लॉजिस्टिक्स ने कहा, ”ये सभी देश इन जंगलों को भी पूर्व में लगे प्रतिबंधों की तरह बता सकते हैं।” इनकी सबसे बड़ी वजह गैर-डॉलर कैरेंसी में लेन-डेन हैं।

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