PAN नंबर में छिपी हैं ये बातें, जानिए टिकट बुक करते समय कैसे होता है जनरेट?

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पी एन आर नंबर: जब आप ट्रेन का टिकट बुक कराते हैं, तो आपको एक 10-अंको का यूनिक नंबर मिलता है, जिसमें पीएनआर नंबर लिखा होता है। पी एन आर का मतलब है पैसेंजर नेम रिकॉर्ड. यह नंबर आपकी यात्रा की पूरी जानकारी संग्रहीत करता है, जैसे कि यात्री का नाम, यात्रा की तारीख, ट्रेन नंबर, सीट नंबर, और बोर्डिंग स्टेशन। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह पीएनआर नंबर कैसे बनता है? आइए इसे विस्तार से समझें।

पी एन आर नंबर कैसे बनता है?

पी.एन.आर. नंबर कुल मिलाकर 10 अंकों का होता है और इसे तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है:

पहले तीन अंक

पी.एन.आर. नंबर के प्रारंभिक तीन अंक ग्राहक हैं कि आपका टिकट किस जोनल रेलवे द्वारा जारी किया गया है। भारतीय रेलवे को पांच जोनल नेटवर्क में रखा गया है, जैसे:

1 से 3: यह उत्तरी रेलवे (उत्तरी रेलवे) से संबंधित है।

4 से 6: यह दक्षिणी रेलवे (दक्षिणी रेलवे) का एक भाग है।

7 से 9: यह ईस्टर्न रेलवे (ईस्टर्न रेलवे) से जुड़े हुए कलाकारों का एक भाग है।

यह कोड तय करता है कि आपका टिकट कहां से जारी हुआ है। उदाहरण के लिए, यदि आप दिल्ली से टिकट बुक कर रहे हैं, तो यह उत्तरी रेलवे से यात्रा करेगा।

अगले सात अंक

बाकी के सात अंक आपकी यात्रा से संबंधित पूरी जानकारी रखते हैं। यह एक यूनीक आइडेंट एसोसिएट नंबर होता है जो कंप्यूटर सिस्टम द्वारा जनरेट किया जाता है। यह नंबर टिकट बुकमार्क के समय की तारीख, समय और अन्य विवरण के आधार पर बनाया गया है।

पी एन आर में क्या-क्या जानकारी होती है?

आपकी यात्रा से संबंधित पी.एन.आर. नंबर में निम्नलिखित जानकारी शामिल हैं:

  • यात्री का नाम और उम्र.
  • ट्रेन नंबर और नाम.
  • यात्रा की तारीख और समय.
  • बोर्डिंग स्टेशन और गंतव्य.
  • टिकटों की स्थिति (कन्फ़र्म, वेटिंग, या आरएसी)।
  • सीट और कोच नंबर.

पी एन आर नंबर क्यों जरूरी है?

पी.एन.आर. नंबर से आप अपनी यात्रा की स्थिति को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं। इसके माध्यम से आप जान सकते हैं कि आपका टिकट कन्फर्म है या वेटिंग लिस्ट में है। यह रेलवे के लिए भी यात्रियों की जानकारी सुरक्षित रखने का एक तरीका है। पीएनआर नंबर एक साधारण सा दिखने वाला कोड है, लेकिन इसमें आपकी यात्रा से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी जुड़ी होती है। जब भी आप अगली बार ट्रेन टिकट बुक करें, तो इस यूनिक नंबर को संभाल कर रखें, क्योंकि यह आपकी यात्रा का पहचान पत्र है।

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इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन व्यवसाय लाभ और निवेश विवरण जानें

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ईवी चार्जिंग स्टेशन: कंपनियों के इस दौर में जैसे-जैसे पेट्रोल, डीजल और सीएनजी के दाम बढ़ रहे हैं, वैसे ही इलेक्ट्रिक सामानों पर लोगों का ब्याज बढ़ रहा है। अवैध होने के साथ शहर हो या गांव में अलग-अलग टुकड़े ही जा रहे हैं। इससे प्रदूषण भी नहीं होता है. उदाहरण के तौर पर आप ई-रिक्शा (ई-रिक्शा) को ही ले लें। देश के हर गली-नुक्कड़ पर आप इसकी सवारी करते हुए लोग दिख जाएंगे। ऐसे में इलेक्ट्रिक बैलेंस स्टेशन (EV चार्जिंग स्टेशन) का बिजनेस भी तेजी से फल-फूल रहा है।

सबसे पहले लेणी वोगी तीन आकार की जमीन

इसका बिजनेस शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले सड़क किनारे 50 से 100 स्क्वॉयर यार्ड की जमीन की जरूरत है। यह जमीन आपके नाम पर भी हो सकती है या आप इसे दस साल के लिए लीज पर भी ले सकते हैं। साथ ही आरक्षण स्टेशन में इतनी जगह होनी चाहिए कि गाड़िया आसानी से पार्क हो सके या आ-जा सके। साथ में कुछ दिलचस्प चीजें भी होनी चाहिए जैसे वॉशरूम, फायर एक्सटिंगविशर, पीने के पानी की सुविधा।

स्टेशन के कनेक्शन पर आया इतना खर्च

एक ईवी टिकट स्टेशन पर 15 लाख से 40 लाख तक का खर्च आ सकता है, इस स्टेशन की क्षमता अलग-अलग होती है। इसमें जमीन और बाकी का खर्च अलग-अलग है। लेकिन इसके निर्माण के लिए आपको कई जगह से एनओसी लेनी होगी। आपको नगर निगम से लेकर ड्राइवर विभाग और वन विभाग से भी मिशन लेनी होगी। सभी विभागों से मंजूरी मिलने के बाद आपके स्टेशन का काम आसानी से शुरू हो जाएगा।

इतनी होगी कमाई

अब खर्चा इतना आ रहा है तो जाहिर सी बात है कि इंसान कमाई की भी सोचेगा। अगर आपका रिजर्वेशन स्टेशन 3000 वॉट का है, तो प्रति वॉट पर 2.5 रुपये तक की कमाई होगी। इस खाते से एक दिन के 7,500 रुपये और महीने के 2.25 लाख रुपये बन जायेंगे। जैसे-जैसे आप रेलवे स्टेशन की कैपिसिटी पर जाएंगे, कमाई भी बढ़ेगी।

डिस्कलेमर: (यहां वैज्ञानिक ज्ञान परामर्श सलाह दी जा रही है। यहां बताया गया है कि बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेशक के लिए विशेष रूप से पैसा बनाने से पहले हमेशा के लिए सलाह लें। ABPLive.com की तरफ से किसी को यहां कभी भी पैसा कमाने की कोई सलाह नहीं दी जाती है।)

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नव वर्ष 2025 राशिफल और भविष्यवाणी हिंदी में

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नव वर्ष 2025 की भविष्यवाणी: नए साल की शुरुआत ही होती है लोगों के मन में खुशियां, उमंगें और आशाएं तो होती ही हैं। साथ ही यह भी बनी हुई है कि नया साल 2025 देश-दुनिया के लिए कैसा रहेगा। क्या आप जानते हैं कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर व्लादिमीर पुतिन नए साल 2025 में बने रहेंगे।

एस्ट्रोलोजर एसोसिएट शर्मा ने ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर व्लादिमीर की कुंडली का अवलोकन किया और बताया कि नए वर्ष 2025 का चक्र कैसा रहेगा? कौन से ग्रह का अवलोकन और कौन सा योग लाएगा राजनीति में सफलता।

व्लादिमीर पुतिन के लिए नया साल 2025 राशिफल

व्लादिमीर की कुंडली तुला और वृषभ राशि की है। वृषभ राशि में अष्टम भाव में बृहस्पति का गोचर चल रहा है, जो उनकी निर्णय लेने की क्षमता को और शानदार बना रहा है और स्थान दे रहा है। दशम भाव में केतु बैठे हैं, जिन पर वर्तमान में मंगल का गोचर चल रहा है, जिससे यह बहुत बड़े पैमाने पर स्थित हैं और आक्रामकता के साथ अपने पद का उपयोग कर रहे हैं।

कुंडली में अभी बुध की महादशा में बुध की ही अंतर्दशा चल रही है, जो अप्रैल 2025 तक का है। बुध कुंडली में नवम और द्वादश भाव के स्वामी द्वादश भाव में सूर्य और शनि के साथ बैठे हैं। अप्रैल 2025 के बाद बुध में केतु की दशा आएगी, जो अपनी आक्रामकता को और अधिक बढ़ा सकती है, जिससे रूसी संघ में संघर्ष बढ़ने के योग बन सकते हैं, इसलिए इस युद्ध को रोकने के लिए मध्य अप्रैल 2025 से पहले प्रयास करना आवश्यक है क्योंकि बुध में बुध की दशा इस काम में सहायक सिद्ध होगी।

लेकिन केतु के आने के बाद बढ़ोतरी हो सकती है। अच्छा तो यह होगा कि बृहस्पति का लग्न मिथुन राशि में होने वाला है, जो बात सही विचार निर्णय करने में मदद करेगी। ऐसी स्थिति में कोई भी अच्छा मित्र देश जैसे कि भारत की सलाह से यह कोई निर्णय नहीं ले सकता है। उनकी सेहत में भी गिरावट आ सकती है, इस पर ध्यान देना होगा और आर्थिक स्थिति पर ध्यान देना होगा यह कुछ जजमेंट बड़े पैमाने पर आने वाले दिनों में कर सकते हैं।

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अस्वीकरण: यहां चार्टर्ड सूचना सिर्फ अभ्यर्थियों और विद्वानों पर आधारित है। यहां यह जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह के सिद्धांत, जानकारी की पुष्टि नहीं होती है। किसी भी जानकारी या सिद्धांत को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

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बांग्लादेश ने जुलाई 2024 विरोध प्रदर्शन में फरार हत्या के लिए शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया

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बांग्लादेश ने शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द किया: बांग्लादेश की पूर्व प्रधान मंत्री शेख़ हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है। बांग्लादेश की स्थानीय मीडिया के, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख़ हसीना सहित 97 लोगों के पासपोर्ट रद्द कर दिए हैं। इन लोगों पर जुलाई में विद्रोह के दौरान हुई हत्याएं और अन्य लोगों को गायब करने की घटनाओं में कथित दोषी का आरोप है। मुख्य सलाहकार अबुल कलाम के उप राष्ट्रपति सचिव आजाद मजूमदार ने मंगलवार (7 जनवरी 2025) को विदेश सेवा अकादमी में एक ब्रीफिंग में यह जानकारी दी।

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार के उप प्रेस सचिव अबुल कलाम आज़ाद मजूमदार ने कहा कि जुलाई आंदोलन में हत्याओं में उनके कथित आरोपियों के कारण उनका पासपोर्ट रद्द किया जाना बताया गया है। अबुल कलाम आज़ाद ने यह नहीं बताया कि शेख़ हसीना के साथ जिन 97 लोगों का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है उनका नाम क्या है।

‘भारत सरकार के बारे में है ये जानकारी’

आज़ाद मजूमदार ने कहा, “भारत सरकार ने कहा है कि उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है और भारत सरकार ने पहले ही कहा है कि उनका एक यात्रा दस्तावेज़ जारी कर दिया गया है।” उन्होंने कहा कि पासपोर्ट कार्यालय ने सूचित किया है कि ‘गायब होने और हत्या’ में 22 लोगों के पासपोर्ट रद्द किए गए हैं और जुलाई में हुई हत्याओं में 75 लोगों के पासपोर्ट रद्द किए गए हैं। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना भी शामिल हैं।”

भारत में रह रही हैं शेख हसीना

शेख हसीना की तस्वीरें सालों से भारत में रह रही हैं। 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में प्रधानमंत्री पद और देश के बीच हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ था। देश मुक्ति के बाद सत्ता में आई अंतिमराम सरकार ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया और कई देशों को बंधक बना लिया। संगठित गिरोह के सदस्यों को एकजुट करने, देश से बंधक बनाने और लोगों की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग भी की थी।

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वैज्ञानिकों ने नेगेटिव AnWj एंटीजन के साथ खोजा नया ब्लड ग्रुप सिस्टम, सुलझ गया 50 साल पुराना रहस्य

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अभी तक आपने चार ब्लड ग्रुप के बारे में सुना होगा. ये हैं- ए, बी, एबी और ओ. ये ब्लड ग्रुप या फिर पॉज़िटिव हो सकते हैं। अब तर्क ने एक नए ब्लड ग्रुप की पहचान करके 50 साल पुरानी गुत्थी को स्थापित कर लिया है। इस ब्लड ग्रुप को ‘MAL’ नाम दिया गया है। समूह का कहना है कि इस ब्लड ग्रुप की पहचान से उन लोगों की पहचान हो जाती है, जिनमें इस दुर्लभ ब्लड ग्रुप की कमी है।

आई प्रत्यक्ष अध्ययन के अनुसार, एनएचएस ब्लड एंड ट्रांसप्लांट (ब्रिस्टल), इंटरनेशनल ब्लड ग्रुप रेशेंस लेबो रेटेरी (आईबीजीआरएल) और यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के ग्रुप ने इस दुर्लभ ब्लड ग्रुप की पहचान की है। इस ब्लड ग्रुप की प्रकृति में यह है कि AnWj एंटीजन गैरमौजूद है। जबकि, यह एंटीजन 99.9 प्रतिशत लोगों में होता है। वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि एंटीजन की कमी से जीन में खास बदलाव हो सकते हैं।

जेनेटिक में एंटीजन की कमी हो सकती है

दावा है कि कुछ लोगों में बीमारी का कारण AnWj एंटीजन की कमी हो सकती है। हालाँकि, इसका वंशानुगत अभाव काफी दुर्लभ है। माइक्रोसॉफ्ट में कुछ ऐसे ही लोगों की पहचान की गई है, जिनमें जन्म के साथ AnWj एंटीजन नहीं था। सुझाव के अनुसार, इस खोज के कारण इस स्थिति वाले लोगों को पहचानना आसान हो जाएगा। इस एंटीजन की बेरोजगारी में कमी होना इतना दुर्लभ है कि सिर्फ अरब-इजरायल राजवंश के ऐसे एक परिवार की पहचान अब तक हो पाई है।

1972 में हुई थी एंटीजन की खोज

जानकारी के अनुसार, 1972 में एक गर्भवती महिला के रक्त अनुपात में एएनडब्ल्यूजे एंटीजन की मृत्यु हो गई थी। तब वैज्ञानकों को लगा कि यह नया ब्लड ग्रुप हो सकता है। हालाँकि, इसकी नामांकित उत्पत्ति के बारे में अब तक पता नहीं चल पाया है। समूह का कहना है कि 99.9 प्रतिशत लोगों में AnWj एंटीजन होता है और यह रेड ब्लड सेल्स पर MAl प्रोटीन बनता है, लेकिन AnWj एंटीजन एक्टिविस्ट लोगों के RBC में यह प्रोटीन नहीं होता है। अध्ययन में पता चला है कि AnWj एंटीजन लक्षणों में कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कई तरह के कैंसर या फिर रक्त से संबंधित बीमारी।

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आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में अगर यशस्वी जयसवाल को भारतीय टीम में चुना गया तो किसे बाहर किया जाएगा, ताजा खेल समाचार

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सीटी 2025 के लिए टीम इंडिया: आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से पहली भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज खेलेगी। ऐसा माना जा रहा है कि चैंपियंस ट्रॉफी और इंग्लैंड सीरीज के लिए टीम इंडिया की शुरुआत भी साथ ही की जाएगी। अब सवाल है कि चैंपियंस ट्रॉफी के लिए किस-किस खिलाड़ी का चयन करें? अगर ऑस्ट्रेलिया टूर पर फॉर्म के लिए चयन होता है तो पार्टनर ओपनर रोहित शर्मा और शुभमन गिल के ऊपर यश खिलाड़ी को तवज्जो मिल सकती है। यशस्वी मार्शल ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की 10 पारियों में 43.44 के औसत और शानदार 53.41 के स्ट्राइक रेट से 391 रन बनाए।

विराट कोहली और रोहित शर्मा का क्या होगा?

ऐसा माना जा रहा है लेकिन आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए विराट कोहली और रोहित शर्मा का टीम इंडिया में चयन तो होगा, इसके बाद रहना मुश्किल होने वाली हैं। अगर भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी में शामिल है तो रोहित शर्मा और विराट कोहली स्टूडियो में रह सकते हैं, लेकिन अगर टीम इंडिया हारती है तो चयनकर्ता खिलाड़ी खिलाड़ियों पर सख्त निर्णय ले सकते हैं। असली ऑस्ट्रेलिया टूर पर विराट कोहली और रोहित शर्मा बुरी तरह फ्लॉप हो रहे हैं। इसके बाद से दोनों दिग्गजों के दिग्गजों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।

शुभम्न गिल पर बॅराजी गाज!

ऐसा माना जा रहा है कि इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के लिए यशस्वी खिलाड़ी का चयन तय है, ताकि इस खिलाड़ी को चैंपियंस ट्रॉफी के लिए तैयारी का मौका मिल सके। अगर यशस्वी खिलाड़ियों का चयन चैंपियंस ट्रॉफी के लिए होता है तो शुभमन गिल को आउट स्कायर पैड मिल सकता है। एसोसिएट प्रोफेसर यशस्वी ट्रॉफी ने बॉर्डर-गावस्कर की 10 पारियों में 43.44 के औसत और शानदार 53.41 के स्ट्राइक रेट से 391 रन बनाए। इस तरह के चैंपियंस ट्रॉफी के लिए यशस्वी खिलाड़ियों की प्रमाणित मजबूत मनी जा रही है।

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जो भारतीय छात्र यूएस एसटीईएम पाठ्यक्रमों में अध्ययन करना चाहते हैं, उनका संयुक्त राज्य अमेरिका में रुझान बढ़ रहा है

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इस साल अमेरिका में अध्ययन और अध्ययन के लिए जाने वाले छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) से जुड़े कोर्सेज की तलाश करनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस समय अमेरिका में STEM ग्रोथ में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।

इस क्षेत्र में डिग्री हासिल करने से एक समृद्ध भविष्य की संभावना बनी हुई है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग, यूएस न्यूज और यूएस ब्यूरो ऑफ लैबर स्टैटिस्टिक्स के डेटा के आधार पर एक सूची बनाई गई है, जिसमें बताया गया है कि इस साल अमेरिका में पढ़ाई के लिए टॉप-5 एसटीईएम कोर्स कौन से हैं और उनका चयन क्यों महत्वपूर्ण है .

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एआई और मशीन प्रशिक्षण

आर्टिफिशियल क्लिनिक बने (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) इन दिनों वैश्विक स्तर पर प्रमुख चर्चा का विषय हैं। लेक्चरर सेल्फ-ड्राइविंग कार तक, इन तकनीकों का उपयोग हर क्षेत्र में बढ़ रहा है। यूएस ब्यूरो ऑफ लैबर स्टैटिस्टिक्स (बीएलएस) के, 2020 से 2030 के बीच कंप्यूटर और इंफोर्मेशन रिसर्च साइंटिस्ट (एआई और एमएल साइंटिस्ट) के लिए बोर्ड में 22% का फ्रैक्चर होने की संभावना है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी जैसे प्रमुख विश्वविद्यालयों में एआई और एमएल की शिक्षा प्राप्त की जा सकती है। इन टेक्नॉलॉजी का उपयोग वित्त, रोबोटिक्स और स्टैस्टिक इंडस्ट्रीज़ में तेजी से बढ़ रहा है।

डेटा विज्ञान और एनालिटिक्स

डेटा विज्ञान का उपयोग बड़े पैमाने पर डेटा सेट का विश्लेषण करके बेहतर व्यावसायिक निर्णय लेने के लिए किया जाता है, और हर कंपनी के लिए इसकी आवश्यकता होती है। यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट के अनुसार, डेटा साइंस एक तेजी से बढ़ता क्षेत्र है। बीएलएस के अनुसार, 2030 तक डेटा साइंटिस्ट की मांग में 35% का अंतर होने की संभावना है। इस क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त करने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन जैसे प्रतिष्ठित शिक्षण का अध्ययन किया जा सकता है। वर्तमान में, डेटा का उपयोग हर जगह हो रहा है और हर कंपनी के लिए इस क्षेत्र के विशेषज्ञ की आवश्यकता है।

साइबर अध्ययन

विश्व में साइबर हमलों की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं और हैकर्स इस क्षेत्र में अधिक कुशल हो रहे हैं। इसके कारण साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ की मांग बेहद बढ़ गई है। बीएलएस के अनुसार, 2020 से 2030 तक साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ की मांग में 33% का अंतराल होने की संभावना है। यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और जॉर्जिया टेक जैसे प्रमुख संस्थान इस क्षेत्र में शिक्षा प्रदान करते हैं। यह क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है क्योंकि कोई भी कंपनी अपने डेटा में अनधिकृत पहुंच नहीं चाहती है।

बायोटेक्नोलॉजी

बायो इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग और मेडिकल के संयोजन से एक क्षेत्र उत्पन्न होता है, जिसमें स्वास्थ्य सेवा समाधान जैसे मेडिकल इंजीनियरिंग और कृत्रिम अंगों को डिजाइन किया जाता है। यूएस न्यूज ने इसे इंजीनियरिंग में सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनियों में से एक माना है। इस क्षेत्र में नौकरी में 5% की वृद्धि की उम्मीद है। यह क्षेत्र STEM के अंतर्गत सर्वोच्च वेतनमान वाली पात्रता में से एक है। जॉन्स हॉपकिन्स, एमआईटी और यूसी सैन डिएगो जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में इसकी पढ़ाई संभव है। चिकित्सा प्रौद्योगिकी में हो रही प्रगति और जनसंख्या वृद्धि के कारण इस क्षेत्र में मांग लगातार बढ़ रही है।

रोबोटिक्स

रोबोटिक्स रोबोट और स्वचालित सिस्टम के डिज़ाइन से संबंधित है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के अनुसार, एमआईटी और कार्नेगी मेलन जैसी यूनिवर्सिटी इस क्षेत्र में अग्रणी हैं। बीएलएस के अनुसार, 2030 तक रोबोटिक्स से संबंधित सलाहकार में 10% का अंतर होने की संभावना है, जो मैन्युफैक्चरिंग, फ़्लोरिडा और अन्य क्षेत्रों में हो रहे बदलावों का कारण होगा। जैसे-इंजीनियरिंग इंडस्ट्री स्वचलन की ओर बढ़ रहे हैं, रोबोटिक्स बिजनेसमैन की मांग भी बढ़ रही है। इस क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त करने के लिए कार्नेगी मेलन, एमआईटी और यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन में जिस्की स्टूडेंट से अध्ययन किया जा सकता है।

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